operation sindoor : भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की तो उसकी सूचना देने के लिए पहले दिन यानी सात मई की सुबह विदेश सचिव विक्रम मिस्री प्रेस के सामने आए और उनके साथ सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी और वायु सेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह थे।
इसके बाद कई दिन तक इन तीन लोगों ने प्रेस को ब्रीफ किया। भारत ने पाकिस्तान को क्या डैमेज किया और पाकिस्तान की ओर से हुए हमले को कैसे रोका गया है यह सब इन तीन लोगों ने बताया।
सीजफायर होने के 24 घंटे बाद तीनों सेनाओं की ओर से तीन बड़े अधिकारियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। भारत के सैन्य अभियानों के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, नौसेना के वाइस एडमिरल एएन प्रमोद और वायु सेना के एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती ने प्रेस को पूरे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (operation sindoor) के बारे में जानकारी दी।
operation sindoor पर PM मोदी
सबसे दिलचस्प बात है कि इन छह अधिकारियों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (operation sindoor) के बारे अलग अलग दिन जानकारी दी लेकिन इनमें से किसी ने यह नहीं बताया कि सेना के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्या कहा था?
रक्षा मंत्री, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, सीडीएस और तीनों सेना प्रमुखों की बैठकों में प्रधानमंत्री ने जो कहा वह मीडिया में सूत्रों के हवाले से छपा। वह ज्यादा बड़ी खबर थी, जो सूत्रों के हवाले से आई। जैसे एक उच्चस्तरीय बैठक के बाद सूत्रों के हवाले से खबर आई कि प्रधानमंत्री ने सेना को फैसला करने का अधिकार दिया है।
उन्होंने कहा है कि सेना तय करे कि कब, कहां और कैसे जवाब देना है। यह सैन्य अभियान शुरू होने से पहले की बात है। उसके बाद सैन्य अभियान खत्म होने के बाद सूत्रों के हवाले से खबर आई कि प्रधानमंत्री ने कहा है कि अगर पाकिस्तान की ओर से गोली चलेगी तो भारत की ओर से गोला दागा जाएगा।
अब सोचें, इन दोनों बातों में ऐसा क्या है, जो आधिकारिक रूप से नहीं कहा जा सकता था? अगर सेना या सरकार की ओर से बता दिया जाता तो क्या हो जाता? (operation sindoor) लेकिन कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई, बल्कि न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से खबर दी, जिसे चारों तरफ दिखाया और छापा गया।
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