राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ की स्थापना के एक सौ साल पूरे होने जा रहे हैं और इस मौके पर कई बड़े समारोह होंगे। संघ की ओर से इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। पिछले दिनों दिल्ली में आरएसएस के प्रांत प्रचारकों की एक अहम बैठक हुई थी, जिसमें शताब्दी वर्ष के कार्यक्रमों को लेकर चर्चा हुई। बताया जा रहा है कि संघ के मुख्यालय नागपुर से लेकर देश के हर हिस्से में लगने वाली शाखा तक शताब्दी समारोह मनाया जाएगा। दिल्ली की बैठक में एक अहम बात यह तय हुई कि संघ खुल कर महात्मा गांधी को अपनाएगा।
गौरतलब है कि संघ की स्थापना 1925 में विजयादशमी के दिन हुई थी। सो, हर साल अंग्रेजी कैलेंडर की बजाय हिंदी कैलेंडर के मुताबिक विजयादशमी के दिन संघ का स्थापना दिवस मनाया जाता है, जो इस साल दो अक्टूबर को यानी महात्मा गांधी की जयंती के दिन आ रहा है। उस दिन एक तरफ आरएसएस की पारंपरिक शस्त्र पूजा होगी तो दूसरी ओर महात्मा गांधी की रामधुन भी बजाई जाएगी। यह तय किया गया है कि संघ मुख्यालय में और बड़े शहरों में समारोह होंगे और साथ ही जहां भी संघ की शाखा लगती है वहां निश्चित रूप से शाखा लगा कर कार्यक्रम होंगे। पुराने स्वंयसेवकों को शाखा में पहुंचने को कहा जा रहा है। इसी तरह जिस शाखा में एक सौ या उससे ज्यादा सक्रिय सदस्य होंगे वहां पथ संचलन होगा।


