राहुल गांधी ने अपने एजेंडे को लेकर आखिरी दांव चला है। उन्होंने अब कहा है कि ‘जेन जी’ यानी 13 से 28 साल की उम्र के युवा संविधान बचाएंगे, लोकतंत्र की रक्षा करेंगे और वोट चोरी रोकेंगे। उन्होंने इस बात पर बहुत जोर दिया। राहुल ने 18 सितंबर की अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में बार बार कहा कि युवा जान जाएंगे कि वोट चोरी हो रही है तो वे बरदाश्त नहीं करेंगे। साफ दिख रहा था कि वे युवाओं को गुस्सा दिलाना चाहते थे। लेकिन मुश्किल यह है कि देश की राजनीति में विचारधारा और उससे भी ज्यादा धर्म के आधार पर विभाजन इतना गहरा हो गया है कि युवा जाति और धर्म से आगे कुछ नहीं देख रहे हैं। तभी राहुल गांधी की अपील की दिल्ली के युवाओं पर कोई असर नहीं हुआ।
राहुल गांधी ने गुरुवार की प्रेस कॉन्फ्रेंस में युवाओं को लेकर बहुत कुछ कहा। लेकिन शुक्रवार को दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन यानी डूसू का चुनाव हुआ, जिसमें युवाओं ने राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद को वोट कर दिया। डूसू के सेंट्रल पैनल के चार पदों में से कांग्रेस को सिर्फ एक उपाध्यक्ष पद पर जीत मिली और वह भी कम अंतर वाली, जबकि बाकी तीन सीटों पर उसके उम्मीदवार भारी अंतर से हारे। अध्यक्ष की हार का अंतर 50 फीसदी से ज्यादा वोट का था। यह विशुद्ध रूप से ‘जेन जी’ का जनादेश था। हालांकि वहां भी कांग्रेस के नेता वोट चोरी के आरोप लगाने लगे हैं। लेकिन असली कारण अलग है। असली कारण कांग्रेस संगठन की कमजोरी है और नेताओं की आपसी लड़ाई भी एक कारण है।