इतने प्रयासों के बावजूद भारतीय जनता पार्टी राज्यसभा में एक सौ सीट का आंकड़ा नहीं छू पाई। इस बार उसने दो अतिरिक्त सीटें हासिल कीं। उसे हिमाचल प्रदेश की सीट नहीं मिलने वाली थी लेकिन कांग्रेस में तोड़-फोड़ करके भाजपा ने हर्ष महाजन को जीत दिला दी। इसी तरह उत्तर प्रदेश में उसे सात ही सीट मिलनी थी लेकिन रालोद से तालमेल के बाद उसने आठवीं सीट से उम्मीदवार उतार दिया और समाजवादी पार्टी के सात विधायकों से क्रॉस वोटिंग करा कर वह सीट जीत ली। Rajya Sabha seat BJP
इस तरह भाजपा के 28 सदस्य रिटायर हो रहे थे और 30 लोग वापस आ गए। फिर भी उसके सदस्यों की संख्या 97 पहुंची है। यह जरूर है कि वह नजदीक पहुंच गई है और अगले दो वार्षिक चुनाव में वह सौ का आंकड़ा पार कर सकती है।
वैसे इस साल अभी नौ सीटों के चुनाव होने वाले हैं, जिनमें से केरल की तीन और झारखंड की एक सीट है, जबकि चार मनोनीत सीटें जुलाई में खाली हो रही हैं। केरल में दो लेफ्ट फ्रंट को और एक सीट कांग्रेस को मिलेगी। झारखंड में भी भाजपा के समीर उरांव रिटायर हो रहे हैं और वह एक सीट उसे मिल जाएगी। राज्यसभा के मनोनीत सांसदों में चारों भाजपा के ही सदस्य हैं। इसलिए चार नए लोगों के आने पर भी 97 की संख्या में कोई इजाफा नहीं होगा।
लेकिन यह जरूर हुआ है कि एनडीए बहुमत के नजदीक पहुंच गया है। नीतीश कुमार, एचडी देवगौड़ा और जयंत चौधरी की वजह से सीटों का इजाफा हुआ है और एनडीए के सांसदों की संख्या 117 पहुं गई है। इस तरह 240 सदस्यों के उच्च सदन में भाजपा के नेतृत्व वाला एनडीए अब बहुमत से सिर्फ चार सीट पीछे है।
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