राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ यानी आरएसएस के कार्यक्रम देश भर में चल रहे हैं। संगठन के एक सौ वर्ष पूरे होने के मौके पर देश के अलग अलग हिस्सों में कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इसी कड़ी में भाषणों की एक शृंखला शुरू हुई है। तीन कड़ी की इस शृंखला में एक कार्यक्रम दिल्ली में होगा। राजधानी दिल्ली में तीन दिन तक यह कार्यक्रम चलेगा, जिसकी शुरुआत 26 अगस्त को होगी। आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत का व्याख्यान पहले दिन होना है। बताया जा रहा है कि संघ की ओर से विपक्षी पार्टियों के नेताओं को भी इस कार्यक्रम का न्योता भेजा जा रहा है।
हालांकि यह नहीं बताया जा रहा है कि किन विपक्षी नेताओं को न्योता भेजा गया है या भेजा जाएगा। लेकिन यह तय है कि सोनिया और राहुल गांधी को न्योता नहीं जा रहा है। माना जा रहा है कि कांग्रेस के ऐसे नेताओं को न्योता जाएगा, जो पिछले कुछ समय से राहुल गांधी की टीम से दूर हो गए हैं या हिंदुवादी सोच रखते हैं। केंद्र सरकार ने जिन विपक्षी नेताओं को ऑपरेशन सिंदूर पर डेलिगेशन लेकर विदेश भेजा था उनको न्योता भेजे जाने की चर्चा है। अब सबकी नजर इस पर है कि विपक्ष के कितने नेता संघ के इस कार्यक्रम में जाते हैं।
हालांकि उसके साथ साथ इस पर भी लोगों की नजर रहेगी कि भाजपा और सरकार के कितने लोग संघ प्रमुख के इस कार्यक्रम में शामिल होते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इसमें जाते हैं या नहीं इस पर भी नजर रहेगी। गौरतलब है कि दो अक्टूबर को नागपुर में विजयादशमी के दिन संघ की स्थापना के सौ साल पूरे होने पर बड़ा कार्यक्रम होना है। उसमें भाजपा के सभी बड़े नेताओं के शामिल होने की संभावना है।