सुप्रीम कोर्ट बार एसोशिएशन के नए अध्यक्ष विकास सिंह ने कहा है कि पिछले अध्यक्ष कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट के वकीलों की चिकित्सा जरुरतों के लिए एक सामूहिक स्वास्थ्य बीमा योजना की पहल की थी। इसके तहत सुप्रीम कोर्ट के करीब 28 सौ वकीलों को दो लाख रुपए तक का स्वास्थ्य बीमा दिए जाने का प्रावधान है।
इसमें किसी को परेशानी नहीं होनी चाहिए लेकिन सिब्बल ने जिस तरह से पैसे जुटाए उसे लेकर विवाद हो गया। तभी नए अध्यक्ष विकास सिंह ने इस योजना पर फिर से विचार करने या इसे रद्द करने का ऐलान किया है। गौरतलब है कि सिब्बल इस बार चुनाव नहीं लड़े और मुकाबला विकास सिंह व प्रदीप राय के बीच थी, जिसमें पूर्व एडिशनल सॉलिसीटर जनरल विकास सिंह जीते।
स्वास्थ्य बीमा योजना पर विवाद
बहरहाल, कपिल सिब्बल ने अध्यक्ष रहते वकीलों के लिए स्वास्थ्य बीमा की पहल की तो उन्होंने आनन फानन में इसके लिए 50 करोड़ रुपए का फंड जुटा दिया। इसमें मुकेश अंबानी ने 10 करोड़ रुपए दिए। उनके अलावा गौतम अडानी, अनिल अंबानी, कुमारमंगलम बिड़ला, जीएम राव, लक्ष्मी मित्तल, एन चंद्रशेखर, समीर मेहता आदि ने पांच पांच करोड़ रुपए दिए।
Also Read: चौंकने की जरूरत नहीं
इस पर सिब्बल ने बड़े गर्व से कहा था कि वे देश के किसी भी उद्योगपति को कहेंगे तो कोई उनको मना नहीं करेगा। लेकिन इसे लेकर उसी समय आलोचना शुरू हो गई थी और कहा गया था कि पूरा सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन इन उद्योगपतियों के रहमोकरम पर हो जाएगा। यह भी कहा गया है कि इनके पैसे से स्वास्थ्य बीमा लेने वाला कोई भी वकील कैसे इनका विरोध करेगा। इस नैतिक सवाल की वजह से ही विकास सिंह ने इसे रद्द करने की बात कही है।