ऐसा लग रहा है कि अमेरिका ने भारत के साथ दुश्मनी पाल ली है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का प्रशासन एक के बाद एक ऐसे फैसले कर रहा है, जिससे भारत के हितों को नुकसान हो रहा है। चाहे भारतीय को अमेरिका से निकालना हो, वीजा रद्द करना हो, छात्रों को रोकना हो, टैरिफ लगाना हो या पाकिस्तान को भारत की बराबरी में लाना हो। उनके सारे काम भारत विरोधी दिख रहे हैं और भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से लेकर दूसरे तमाम राजनयिक और खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका की यात्रा करते रहे, ट्रंप और उनके प्रशासन के लोगों के गले लगते रहे और अमेरिका ने भारत को सबक सीखा दिया।
अब ताजा मामला यह है कि अमेरिका ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर को अपने यहां आर्मी डे परेड में अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया है और साथ ही पाकिस्तान को अपना सामरिक सहयोगी बताया है। वह एक साथ भारत और पाकिस्तान दोनों को अपना सहयोगी और साझीदार बता रहा है। भारत की इससे बड़ी कूटनीतिक विफलता कुछ नहीं हो सकती है। एक तरफ चीन ने अपने रेयर अर्थ मैटेरियल्स का भय दिखा कर अमेरिका को झुका दिया और अपनी शर्तों पर व्यापार संधि की और दूसरी ओर भारत लगातार अमेरिका के सामने झुक रहा है। क्या भारत भी अपने 145 करोड़ लोगों के बाजार के दम पर अमेरिका और दूसरे देशों को नहीं झुका सकता है? अमेरिका के तमाम खरबपतियों, बिल गेट्स, मार्क जकरबर्ग, जेफ बेजोस, टिम कुक आदि के कारोबार में भारत का बहुत बड़ा हिस्सा है। भारत को अपनी इस ताकत का कूटनीतिक इस्तेमाल करना चाहिए।