ट्रंप का अमेरिका वैश्विक बेगाना!
कौन सोच सकता था कि “नियम-आधारित व्यवस्था” का अपने को संरक्षक बताने वाला अमेरिका एक दिन दुनिया में अछूत बनने की और होगा? जिसने उदार वैश्विक व्यवस्था बनवाई, नेटो को गूंथा, संयुक्त राष्ट्र का चार्टर लिखा, और दशकों तक दूसरों को वैश्विक ज़िम्मेदारी पर उपदेश दिया, वही उस वास्तुशिल्प से अब मुंह चुरा रहा है, पीछे हट रहा है! आइजनहावर से लेकर रीगन जैसे सख्त रिपब्लिकन राष्ट्रपतियों के दौर में भी अमेरिका की वैश्विक भूमिका स्थिर रहीष मतबल दुनिया का चौकीदार, अपरिहार्य शक्ति, गठबंधनों का संरक्षक, लोकतंत्र-बाज़ार-आधुनिकता का अगुआ। अमेरिकी शक्ति अंतरराष्ट्रीय जीवन का लंगर थी—अहंकार, उपदेशों और हस्तक्षेपों तथा...