कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ अपने विवाद को चुनाव आयोग कहां तक ले जाएगा? राहुल गांधी तो इसे आगे तक ले जाने के लिए तैयार हैं। वे तो कह रहे हैं कि अभी जो हुआ है वह सिर्फ ट्रेलर है। यानी वे और भी खुलासे करने वाले हैं। वे चुनाव आयुक्तों को धमकी दे रहे हैं। चुनाव आयोग में काम करने वालों को धमका रहे हैं। कांग्रेस के नेतृत्व वाला विपक्ष मुख्य चुनाव आयुक्त के खिलाफ महाभियोग लाने की तैयारी कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से बिहार में काटे गए 65 लाख नामों की सूची जारी करने का आदेश देने के बावजूद मानसून सत्र के आखिरी सप्ताह में विपक्षी पार्टियां एसआईआर पर चर्चा की मांग नहीं छोड़ रही हैं और न उस पर चल रहा प्रदर्शन धीमा पड़ रहा है। राहुल गांधी बिहार में दो हफ्ते की यात्रा कर रहे हैं।
तभी सवाल है कि चुनाव आयोग क्या करेगा? क्या चुनाव आयोग एक हफ्ते में हलफनामा देकर शिकायत करने या देश से माफी मांगने की बात करके चुप रह जाएगा? गौरतलब है कि रविवार को मुख्य चुनाव आयुक्त ने दोनों आयुक्तों के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी, जिसमें कहा था कि राहुल गांधी या तो एक हफ्ते में हलफनामा देकर मतदाता सूची में गड़बड़ी की शिकायत करें या देश से माफी मांगे। राहुल ने दोनों काम करने से मना कर दिया है। राहुल ने कहा है कि उन्होंने संविधान की शपथ ली है और माफी मांगने के सवाल पर उनकी पार्टी कह रहे हैं कि वे गांधी हैं और गांधी माफी नहीं मांगते।
तभी सवाल है कि चुनाव आयोग उनकी शिकायतों को निराधार बता कर खारिज कर देगा या बेबुनियाद आरोप लगाने के लिए उनके ऊपर मुकदमा करेगा? जानकार सूत्रों का कहना है कि चुनाव आयोग के खिलाफ दिए गए बयानों, धमकियों और निराधार शिकायतों को लेकर आयोग उन पर मुकदमा कर सकता है। लेकिन दूसरी ओर आयोग को यह सुझाव भी दिया जा रहा है कि मुकदमा करने से राहुल और विपक्षी पार्टियों कि शिकायत पर ज्यादा फोकस बनेगा, जो ठीक नहीं है। वैसे भी सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र मामले में दायर विशेष याचिका खारिज कर दी है। एसआईआर के मामले में भी अदालत का रुख उसे रद्द करने वाला नहीं है। यह भी कहा जा रहा है कि 21 अगस्त को संसद का सत्र खत्म होने के बाद सारा फोकस उप राष्ट्रपति चुनाव पर हो जाएगा।