कांग्रेस पार्टी को ऐसा लग रहा है कि केंद्र सरकार इमरजेंसी के 50 साल पूरे होने पर संसद का विशेष सत्र बुलाना चाहती है। कांग्रेस के महासचिव और संचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने कहा है कि सरकार 25 और 26 जून को दो दिन का विशेष सत्र बुला सकती है, जिसमें इमरजेंसी के 50 साल पूरे होने पर चर्चा होगी। पता नहीं सरकार इस तरह की कोई योजना बना रही है या नहीं लेकिन कांग्रेस ने उससे पहले ही इसका माहौल बना दिया। पहले ही कांग्रेस ने सरकार पर दबाव डालने का दांव चल दिया। कांग्रेस की ओर से कहा जा रहा है कि पहलगाम कांड और उसके बाद ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए सरकार विशेष सत्र नहीं बुला रही है।
गौरतलब है कि कांग्रेस, सीपीएम, तृणमूल कांग्रेस आदि पार्टियों ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिख कर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। लेकिन सरकार ने इससे इनकार किया है। अगर इंदिरा गांधी द्वारा 1975 में लगाई गई इमरजेंसी के 50 साल पूरे होने के मौके पर विशेष सत्र होता है तो कांग्रेस इसका बड़ा मुद्दा बनाएगी। अगर विशेष सत्र होता है तो कांग्रेस और विपक्ष उसमें इमरजेंसी की बजाय पहलगाम और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की मांग करेंगे और अपनी ओर से विपक्ष के नेता इसी मसले पर बोलेंगे। वैसे विपक्ष की ओर से केंद्र सरकार पर देश में अघोषित इमरजेंसी लगाने का आरोप लगाया जाता है। वह मुद्दा भी विशेष सत्र में आ सकता है। सरकार को भी अंदाजा है कि विशेष सत्र बुलाया तो पहलगाम, ऑपरेशन सिंदूर, सीजफायर जैसे तमाम मुद्दे उठेंगे।