Modi Cabinet

  • सरकार ने बढ़ाई सब्सिडी, डीएपी महंगी नहीं होगी

    Government increased subsidy नए साल के पहले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में कई बड़े फैसले किए गए। सरकार ने खाद पर अतिरिक्त सब्सिडी देने का फैसला किया है, जिससे खाद की कीमतें, खास कर डीएपी की कीमत में बढ़ोतरी नहीं होगी। इसके साथ ही बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और मौसम आधारित फसल बीमा योजना को 2025-26 तक जारी रखने को मंजूरी दे दी है। also read: IND vs AUS: पांचवें टेस्ट के लिए भारत-ऑस्ट्रेलिया की प्लेइंग XI का ऐलान, रोहित-पंत बाहर! कैबिनेट की बैठक में तय किया गया...

  • मोदी सरकार का बड़ा फैसला…एक देश एक चुनाव के प्रस्ताव को मिली मंजूरी

    One Nation-One Election : प्रधानमंत्री नरेंद मोदी ने 17 सितंबर को अपना 74वां जन्मदिन मनाया है. अपने जन्मदिन पर पीएम ने सुभद्रा योजना की शुरूआत की थी. और आज अगले दिन कैबिनेट मीटिंग को लेकर एक बड़ी जानकारी सामने आ रही है. मोदी सरकार की कैबिनेट मीटिंग को लेकर बड़ा अपडेट आया है. सूत्रों के मुताबिक मोदी कैबिनेट की बैठक में एक देश चुनाव के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी कमेटी की रिपोर्ट पर कैबिनेट मीटिंग में चर्चा की गई है. जानकारी के अनुसार वन नेशन-वन इलेक्शन का बिल संसद के...

  • अब 70 पार वालों को मिलेगा आयुष्मान भारत का लाभ

    नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बुधवार को एक बड़े फैसले का ऐलान किया। सरकार ने फैसला किया है कि अब 70 साल से ऊपर के सभी लोग आयुष्मान भारत पीएम जनआरोग्य योजना में शामिल होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में इस फैसले को मंजूरी दी गई। इस साल लोकसभा चुनाव से पहले जारी भाजपा के घोषणापत्र में इसका वादा किया गया था। सरकार की ओर से बताया गया है कि छह करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को पांच लाख रुपए तक का इलाज मुफ्त मिल सकेगा। इसमें देश के करीब साढ़े चार करोड़ परिवार शामिल...

  • सहयोगियों को सरकार में मिला झुनझुना

    सहयोगी पार्टियों को एक-एक, दो-दो मंत्री पद देने के बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभागों के बंटवारे में भी सहयोगियों को झुनझुना थमा दिया है। कई सहयोगी पार्टियां बड़ी जीत के बाद उम्मीद कर रही थीं कि उन्हें अपने राज्य में विकास के काम करने का मौका मिलेगा और उनके नेताओं को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने का भी मौका मिलेगा। लेकिन उनके विभागों को देखते हुए लग रहा है कि ऐसा कोई मौका उनको नहीं मिलने जा रहा है। प्रादेशिक पार्टियों की जीत से जो क्षेत्रीय आकांक्षाएं उफान मार रही थीं उन पर भी पानी फिर गया है।...

  • सहयोगी पार्टियों की क्या मजबूरी है?

    भाजपा की सहयोगी पार्टियों को सरकार में कोई खास महत्व नहीं मिला है। ऐसा लग रहा है कि सभी पार्टियों ने मजबूरी में भाजपा को समर्थन दिया है और बदले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो प्रसाद दे दिया है उसे ग्रहण करना ही उनका कर्तव्य है। सवाल है कि सहयोगी पार्टियों की क्या मजबूरी है? ऐसा लग रहा है कि लोकसभा में संख्या का गणित देख कर उनको लग रहा है कि भाजपा के साथ बने रहने के अलावा उनके पास कोई चारा नहीं है। लोकसभा में एनडीए के सांसदों की संख्या 293 है। जदयू के एक जानकार नेता...

  • विभागों को लेकर बिहार में नाराजगी

    भाजपा की सहयोगी पार्टियों को सरकार में कोई खास महत्व नहीं मिला है। ऐसा लग रहा है कि सभी पार्टियों ने मजबूरी में भाजपा को समर्थन दिया है और बदले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो प्रसाद दे दिया है उसे ग्रहण करना ही उनका कर्तव्य है। सवाल है कि सहयोगी पार्टियों की क्या मजबूरी है? ऐसा लग रहा है कि लोकसभा में संख्या का गणित देख कर उनको लग रहा है कि भाजपा के साथ बने रहने के अलावा उनके पास कोई चारा नहीं है। लोकसभा में एनडीए के सांसदों की संख्या 293 है। जदयू के एक जानकार नेता...

  • भाजपा के अपने ब्राह्मण नेताओं की निराशा

    भाजपा की सहयोगी पार्टियों को सरकार में कोई खास महत्व नहीं मिला है। ऐसा लग रहा है कि सभी पार्टियों ने मजबूरी में भाजपा को समर्थन दिया है और बदले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो प्रसाद दे दिया है उसे ग्रहण करना ही उनका कर्तव्य है। सवाल है कि सहयोगी पार्टियों की क्या मजबूरी है? ऐसा लग रहा है कि लोकसभा में संख्या का गणित देख कर उनको लग रहा है कि भाजपा के साथ बने रहने के अलावा उनके पास कोई चारा नहीं है। लोकसभा में एनडीए के सांसदों की संख्या 293 है। जदयू के एक जानकार नेता...

  • तीन करोड़ मकान बनाने का फैसला

    भाजपा की सहयोगी पार्टियों को सरकार में कोई खास महत्व नहीं मिला है। ऐसा लग रहा है कि सभी पार्टियों ने मजबूरी में भाजपा को समर्थन दिया है और बदले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो प्रसाद दे दिया है उसे ग्रहण करना ही उनका कर्तव्य है। सवाल है कि सहयोगी पार्टियों की क्या मजबूरी है? ऐसा लग रहा है कि लोकसभा में संख्या का गणित देख कर उनको लग रहा है कि भाजपा के साथ बने रहने के अलावा उनके पास कोई चारा नहीं है। लोकसभा में एनडीए के सांसदों की संख्या 293 है। जदयू के एक जानकार नेता...

  • चुनाव लड़ रहे मंत्रियों की चिंता

    भाजपा की सहयोगी पार्टियों को सरकार में कोई खास महत्व नहीं मिला है। ऐसा लग रहा है कि सभी पार्टियों ने मजबूरी में भाजपा को समर्थन दिया है और बदले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो प्रसाद दे दिया है उसे ग्रहण करना ही उनका कर्तव्य है। सवाल है कि सहयोगी पार्टियों की क्या मजबूरी है? ऐसा लग रहा है कि लोकसभा में संख्या का गणित देख कर उनको लग रहा है कि भाजपा के साथ बने रहने के अलावा उनके पास कोई चारा नहीं है। लोकसभा में एनडीए के सांसदों की संख्या 293 है। जदयू के एक जानकार नेता...

  • क्या मोदी के मंत्री बनेंगे शरद पवार?

    भाजपा की सहयोगी पार्टियों को सरकार में कोई खास महत्व नहीं मिला है। ऐसा लग रहा है कि सभी पार्टियों ने मजबूरी में भाजपा को समर्थन दिया है और बदले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो प्रसाद दे दिया है उसे ग्रहण करना ही उनका कर्तव्य है। सवाल है कि सहयोगी पार्टियों की क्या मजबूरी है? ऐसा लग रहा है कि लोकसभा में संख्या का गणित देख कर उनको लग रहा है कि भाजपा के साथ बने रहने के अलावा उनके पास कोई चारा नहीं है। लोकसभा में एनडीए के सांसदों की संख्या 293 है। जदयू के एक जानकार नेता...

  • मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार कब होगा?

    भाजपा की सहयोगी पार्टियों को सरकार में कोई खास महत्व नहीं मिला है। ऐसा लग रहा है कि सभी पार्टियों ने मजबूरी में भाजपा को समर्थन दिया है और बदले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो प्रसाद दे दिया है उसे ग्रहण करना ही उनका कर्तव्य है। सवाल है कि सहयोगी पार्टियों की क्या मजबूरी है? ऐसा लग रहा है कि लोकसभा में संख्या का गणित देख कर उनको लग रहा है कि भाजपा के साथ बने रहने के अलावा उनके पास कोई चारा नहीं है। लोकसभा में एनडीए के सांसदों की संख्या 293 है। जदयू के एक जानकार नेता...

  • अनेक मंत्रियों की नींद उड़ी है

    भाजपा की सहयोगी पार्टियों को सरकार में कोई खास महत्व नहीं मिला है। ऐसा लग रहा है कि सभी पार्टियों ने मजबूरी में भाजपा को समर्थन दिया है और बदले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो प्रसाद दे दिया है उसे ग्रहण करना ही उनका कर्तव्य है। सवाल है कि सहयोगी पार्टियों की क्या मजबूरी है? ऐसा लग रहा है कि लोकसभा में संख्या का गणित देख कर उनको लग रहा है कि भाजपा के साथ बने रहने के अलावा उनके पास कोई चारा नहीं है। लोकसभा में एनडीए के सांसदों की संख्या 293 है। जदयू के एक जानकार नेता...

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