Thursday

17-07-2025 Vol 19

संपादकीय कॉलम

जग-जाहिर को कहना

जग-जाहिर को कहना

ऐसे में यह लाजिम होना चाहिए कि इस सिद्धांत का उल्लंघन करने वाला कोई अधिनियम या व्यवहार भारत में स्वीकार्य ना हो।
हलचल मचाने वाले नतीजे

हलचल मचाने वाले नतीजे

जर्मनी के दो बड़े राज्यों में आए चुनाव नतीजों के उठे झटके पूरे यूरोप तक गए हैं।
चिंता तो वाजिब है?

चिंता तो वाजिब है?

भारत के विदेश व्यापार के बारे में इस वर्ष के पहले छह महीनों के बारे में सामने आई जानकारी से स्पष्ट है कि चीन से कारोबार को लेकर चिंता...
यही तो मसला है

यही तो मसला है

चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर में बड़ी गिरावट आई। उसके पहले वाली तिमाही में ये दर 7.8 प्रतिशत थी,...
सूरत की उड़ी चमक

सूरत की उड़ी चमक

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक गुजरात के मशहूर शहर- सूरत में पिछले 16 महीनों में हीरा पॉलिश करने वाले कम-से-कम 63 लोगों ने आत्महत्या कर ली है।
बांग्लादेश में अराजक हाल

बांग्लादेश में अराजक हाल

बांग्लादेश में पांच अगस्त को शेख हसीना सरकार के खिलाफ छात्र आंदोलन के सफल होने के बाद देश के जिन हलकों में उम्मीद का माहौल बना, वहां अब मायूसी...
महामहिम की चिंता

महामहिम की चिंता

तो यह सवाल भी उठा है कि ये हद आखिर कब हुई- कोलकाता में ही ऐसा हुआ या राष्ट्रपति लगातार हो रही ऐसी सभी घटनाओं से आहत हैं?
निज्जर- पन्नू का कांटा

निज्जर- पन्नू का कांटा

निज्जर- पन्नू का कांटाअमेरिका की निगाह हरदीप सिंह निज्जर और गुरपतवंत सिंह पन्नू का मामला अहम बना हुआ है।
मनमानी पर वाजिब रोक

मनमानी पर वाजिब रोक

आरंभ से ही नरेंद्र मोदी सरकार का रुख कारोबार जगत को तमाम तरह के विनियमों से मुक्त करने का रहा है।
बलूचिस्तान का नासूर

बलूचिस्तान का नासूर

पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में हिंसा का पुराना इतिहास है, लेकिन विद्रोही गुटों ने जिस बड़े पैमाने पर सोमवार को हमले किए, वह अभूतपूर्व है।
कदम वापसी का दौर

कदम वापसी का दौर

नरेंद्र मोदी- अमित शाह के दौर में यह भारतीय जनता पार्टी के लिए नया अनुभव है। पहले कई नीतिगत मामलों में केंद्र को अपने निर्णय एवं इरादे से पीछे...
वही वोट बैंक राजनीति

वही वोट बैंक राजनीति

Unified Pension Scheme: कर्मचारियों को नौकरी के आखिरी वर्ष में मिली औसत बेसिक सैलरी का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में मिलने की गारंटी हो जाएगी।
पश्चिम में सिमटती आजादियां

पश्चिम में सिमटती आजादियां

टेलीग्राम का डेटा साझा करने के लिए संस्थापक पॉवेल दुरोव को गिर्फ्तार किया.इल्जाम लगाया कि मादक पदार्थों के तस्कर आदान-प्रदान के लिए टेलीग्राम का इस्तेमाल करते हैं
बच्चों की सुरक्षा कैसे?

बच्चों की सुरक्षा कैसे?

बॉम्बे हाई कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद बदलापुर कांड को लेकर आयोजित विपक्ष का महाराष्ट्र बंद टल गया, लेकिन इस घटना को लेकर राज्य में फैले आक्रोश पर विराम...
शांति के पक्ष में!

शांति के पक्ष में!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सात घंटों की यूक्रेन यात्रा के दौरान दो स्पष्टीकरण दिए गए।
विश्व बैंक की चेतावनी

विश्व बैंक की चेतावनी

विश्व बैंक ने भारत को माकूल चेतावनी दी है। कहा है कि 100 से अधिक देशों को उच्च-आय वाला देश बनने की राह में गंभीर बाधाओं से रू-ब-रू होना...
अचानक स्वदेशी जागरण!

अचानक स्वदेशी जागरण!

वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने ई-कॉमर्स कंपनियों पर सीधा निशाना साधा। उन्हें देश के करोड़ों खुदरा कारोबारियों की बढ़ती मुसीबत का कारण बताया।
मलेशिया का मकसद

मलेशिया का मकसद

अगस्त 2019 में मलेशिया से भारत के संबंध बेहद बिगड़ गए, जब नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से संबंधित संविधान के अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी कर दिया।
अब रोल-बैक सरकार

अब रोल-बैक सरकार

लेटरल एंट्री के मुद्दे पर सरकार को सियासी झटका भले लगा हो, परंतु इस नीति में कोई बदलाव नहीं होने जा रहा है।
रिटेल सेक्टर में मंदी

रिटेल सेक्टर में मंदी

संगठित रिटेल सेक्टर पिछले वित्त वर्ष (2023-24) किन हालात से गुजरा, इसकी एक झलक अब सामने आई है।
यही परिणति होनी है

यही परिणति होनी है

दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) अपनी दो संपत्तियों को बेचने की तैयारी में है। तर्क है कि विश्वविद्यालय गंभीर वित्तीय संकट में है।
ओलिंपिक के बाद बहस

ओलिंपिक के बाद बहस

पेरिस ओलिंपिक खेलों में जर्मनी के खिलाड़ियों ने कुल 33 पदक जीते- 12 स्वर्ण पदक, 13 रजत और आठ कांस्य पदक।
शक का कारण संदर्भ

शक का कारण संदर्भ

यह खुद सिद्धरमैया से अपेक्षित है कि वे एक निष्पक्ष जांच समिति बनाएं, जिसमें उन कार्यकर्ताओं में से किसी एक को भी रखा जाए
नए दौर का मूड

नए दौर का मूड

जियोर्जिया मेलोनी की सरकार ने विदेशों में कमाए गए धन पर लगने वाले टैक्स को दो गुना कर दिया है।
फ्री हैंड पर लगाम?

फ्री हैंड पर लगाम?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कॉमन सिविल कोड को नया नाम दिया। उसे सेकुलर कोड कहा।
स्वतंत्रता का नव-चिंतन

स्वतंत्रता का नव-चिंतन

प्रबुद्ध लोगों को अब अपनी मेधा यह समझने में लगानी चाहिए कि हमारा समाज आज किस हाल में है? आजादी के साथ देश ने जो लक्ष्य तय किए थे,...
ये देश की उपलब्धि?

ये देश की उपलब्धि?

शुरुआत में खबर कारोबारी मालूम पड़ी कि भारतीय टेलीकॉम कंपनी भारती इंटरप्राइजेज ने ब्रिटिश दूरसंचार कंपनी बीटी में 24.5 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने का फैसला किया है।
कोलकाता का ‘निर्भया क्षण’

कोलकाता का ‘निर्भया क्षण’

वहां के मशहूर आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की एक डॉक्टर के साथ बलात्कार और फिर उनकी हत्या के मामले ने सारे देश को झकझोर दिया है।
आंकड़ों में मिली राहत

आंकड़ों में मिली राहत

जुलाई की मुद्रास्फीति दर के बारे में ताजा आंकड़े सुकून पहुंचाने वाले हैं। इनके मुताबिक बीते महीने महंगाई की दर पांच साल के सबसे निचले स्तर पर दर्ज हुई।
हेल्थ केयर की पोल

हेल्थ केयर की पोल

भारत में अपनाए गए बीमा आधारित स्वास्थ्य देखभाल के मॉडल की हकीकत एक गैर-सरकारी संस्था ने अपने सर्वेक्षण रिपोर्ट से बताई है।
दांव पर है साख

दांव पर है साख

हिंडनबर्ग रिसर्च ने डेढ़ साल पहले अपनी एक रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर गंभीर आरोप लगाए थे।
50 का लक्ष्य और पदक?

50 का लक्ष्य और पदक?

पहलवान विनेश फोगट को 100 ग्राम अधिक वजन के आधार पर अयोग्य ठहराए जाने को लेकर उठे विवाद के जल्द थमने की संभावना नहीं है।
पुराना कायदा याद आया

पुराना कायदा याद आया

स्वागतयोग्य है कि सुप्रीम कोर्ट को वो पुराना कायदा फिर याद आया है, जिसे अतीत में खुद उसने ही कायम किया था।
भारत का दुर्भाग्य

भारत का दुर्भाग्य

विनेश फोगट को जिन हालात में कुश्ती से संन्यास लेना पड़ा, बेशक यह उनके साथ-साथ इस देश की भी बदकिश्मती है।
कोर्ट ऩे उतारा नक़ाब

कोर्ट ऩे उतारा नक़ाब

सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को जो नसीहतें दीं और इस क्रम में जिन तथ्यों को देश के सामने रखा, उससे इस एजेंसी की कार्य प्रणाली बेनकाब हुई...
सर्वोत्तम विकल्प पर नज़र

सर्वोत्तम विकल्प पर नज़र

अपने पहले मकसद में कामयाब होने के बाद बांग्लादेश के छात्र नेताओं के सामने चुनौती पैदा हुए सियासी खालीपन को भरने की है।
ब्रिटेन में ये हाल क्यों?

ब्रिटेन में ये हाल क्यों?

ब्रिटेन जैसे विकसित समाज में नफरती जज्बातों से भरपूर दंगे होंगे, कभी यह सोचना मुश्किल हो सकता था।
बाघ भी शिकार बने

बाघ भी शिकार बने

हेडलाइन मैनेजमेंट और अवधारणा प्रबंधन के इस दौर का शिकार भारत के बाघ भी बने हैं।
ढाका से लेगोस तक

ढाका से लेगोस तक

इन घटनाओं से संदेश मिला है कि जिन नीतियों पर वर्षों में सत्ता प्रतिष्ठानों ने अमल किया, साधारण जनता उनसे बुरी तरह प्रभावित हुई है।
शासकीय औचित्य का प्रश्न

शासकीय औचित्य का प्रश्न

बांग्लादेश में फिर भड़की हिंसा का संदेश है कि देश की आबादी के एक बड़े तबके ने प्रधानमंत्री शेख हसीना वाजेद और उनकी सरकार के शासकीय औचित्य को ठुकरा...
हाथ से निकलते हालात

हाथ से निकलते हालात

यह तो साल भर पहले ही जाहिर होने लगा था कि केंद्र की लापरवाही के कारण मणिपुर में हालात हाथ से निकल रहे हैं।
टैक्स नोटिस का आतंक

टैक्स नोटिस का आतंक

यह तो इंफोसिस कंपनी का रुतबा और सत्ता के ऊंचे हलकों तक पहुंच है, जिससे उसे भेजे गए जीएसटी नोटिस से राहत मिलती दिख रही है।
बदले वक्त का तकाजा

बदले वक्त का तकाजा

एससी/एसटी आरक्षण के अंदर जातियों के वर्गीकरण से संबंधित सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर “सामाजिक न्याय” की पैरोकार पार्टियों के बीच मतभेद देखने को मिला है।
असहज करने वाली बात

असहज करने वाली बात

हाल में बांग्लादेश के छात्र आंदोलन के दौरान भारतवासियों को असहज कर देने वाले इस तथ्य पर रोशनी पड़ी कि अब बड़ी संख्या में भारतीय छात्र मेडिकल की पढ़ाई...
गडकरी की जायज मांग

गडकरी की जायज मांग

गुजरे दस साल में यह शायद पहला मौका है, जब नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल के एक वरिष्ठ सदस्य ने एक सरकारी कदम को वापस लेने की अपनी मांग को सार्वजनिक...
वायनाड की त्रासदी

वायनाड की त्रासदी

पर्यावरण विशेषज्ञ दशकों से चेतावनी दे रहे हैं कि उस क्षेत्र में मानवीय गतिविधियों- खासकर निर्माण कार्यों से प्राकृतिक संतुलन पर खराब असर पड़ा है।
सरकार इतनी लाचार क्यों?

सरकार इतनी लाचार क्यों?

अब भारतीय उद्योगपति ही इन उत्पादों को इस्तेमाल के लायक नहीं मानते, तो विदेशी बाजारों में उन्हें कितना वजन मिलेगा?
मास्को से टोक्यो तक

मास्को से टोक्यो तक

प्रधानमंत्री ने इस महीने रूस की यात्रा की, जिस पर अमेरिका में तीखी प्रतिक्रिया देखी गई।