Wednesday

23-07-2025 Vol 19

संपादकीय कॉलम

हिलने लगी है बुनियाद

हिलने लगी है बुनियाद

अब कॉमन यूनिवर्सिटी टेस्ट फॉर अंडरग्रैजुएट एडमिशन्स (सीयूएटी-यूजी) से संबंधित आशंकाएं भी सच हो रही हैं
चांद से जमीन पर उतरे

चांद से जमीन पर उतरे

बारिश के कारण तीन दिन में तीन हवाई अड्डों के छज्जे गिरे। एक अन्य जगह पानी टपकता दिखा। नई दिल्ली में तो इस हादसे में एक मौत भी हुई।
असहमति की फिर अनदेखी

असहमति की फिर अनदेखी

अनेक विधि विशेषज्ञों ने कहा है कि नए कानून अस्पष्ट हैं। साथ ही इनमें जमानत की प्रक्रिया दुरूह बना दी गई है, पुलिस को व्यापक शक्तियां प्रदान की गई...
योग के युग में!

योग के युग में!

विश्व स्वास्थ्य संगठन के सुझाए पैमाने पर देखें, भारत की आधी आबादी को निष्क्रिय माना जाएगा।
जिस पर गर्व है

जिस पर गर्व है

जी-20 शिखर सम्मेलन के समय नई दिल्ली में बने प्रगति टनल के खराब डिजाइन और स्तरहीन निर्माण की खबर चर्चित हो चुकी है।
दूरियां मन में हैं

दूरियां मन में हैं

सदन में एक तरफ जय हिंदू राष्ट्र, जय श्रीराम, डॉ. हेडगेवार जिंदाबाद जैसे नारे लगे, तो दूसरी तरफ जय संविधान, जय भीम और यहां तक कि जय फिलस्तीन की...
उन्नति का रास्ता नहीं

उन्नति का रास्ता नहीं

चेन्नई स्थित कारखाने में फोन पुर्जों की असेंबलिंग का काम होता है। इस कार्य के लिए विवाहित महिलाओं की भर्ती पर वहां लगभग पूरी रोक है।
जूलियन असांज की आजादी

जूलियन असांज की आजादी

बहुत से आदर्शवादी लोगों को विकीलिक्स के संस्थापक जूलियन असांज का यह निर्णय पसंद नहीं आएगा।
ये तो होना ही था

ये तो होना ही था

भारत की प्रतिस्पर्धात्मक राजनीति में ऐसे फैसले हमेशा समस्या खड़ी करते हैं, जिन्हें घोषित करने से पहले सभी संबंधित पक्षों के बीच संवाद और सहमति बनाने की कोशिश ना...
टकराव से ही शुरुआत

टकराव से ही शुरुआत

लोकतंत्र का ऐसा अनादर भारत के लिए तो बेहद  अशुभ संकेत माना जाएगा। इसलिए बेहतर होगा कि भाजपा अपने इस रवैये को तुरंत बदले। यही सबके हित में होगा।
मणिपुर की व्यथा-कथा

मणिपुर की व्यथा-कथा

केंद्र सरकार की उपेक्षा और राज्य सरकार के एकतरफा नजरिए से राज्य दुर्दशा के किस गर्त में जा चुका है
क्यों चुभती है महंगाई?

क्यों चुभती है महंगाई?

मार्केट रिसर्च फर्म केंटार के मुताबिक भारत की एक-तिहाई आबादी महंगाई के कारण “भीषण दबाव” में है।
यह खेल बंद हो

यह खेल बंद हो

पटना हाई कोर्ट के बिहार में आरक्षण की सीमा में बढ़ोतरी को रद्द कर दिया है।
नीट के बीच नेट

नीट के बीच नेट

जिस समय देश में मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए होने वाले नीट इम्तहान को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है और इस वर्ष की इस परीक्षा में घपले की...
संकेत या दिशा सुधार?

संकेत या दिशा सुधार?

केंद्र में तीसरे कार्यकाल के लिए शपथ लेने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों के लिए रकम जारी करते हुए अपना...
चेतावनी पर ध्यान दीजिए

चेतावनी पर ध्यान दीजिए

तेजी से पिघलती हुई बर्फ इस क्षेत्र की 12 प्रमुख नदी प्रणालियों में करीब एक चौथाई पानी का स्रोत है।
उद्योगपतियों की अल्प-दृष्टि

उद्योगपतियों की अल्प-दृष्टि

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि उनकी सरकार ने पिछले दस में जो अच्छे कार्य किए, मतदाताओं ने उसे पुरस्कृत किया है।
रेलवे का ‘सिस्टम फेल’

रेलवे का ‘सिस्टम फेल’

बुनियादी सवाल यह है कि रेलवे के सिस्टम क्यों फेल हो रहे हैं? आखिर यह पहला ऐसा मौका नहीं है, जब इस तरह का मामला सामने आया हो।
निखिल गुप्ता का प्रत्यर्पण

निखिल गुप्ता का प्रत्यर्पण

निखिल गुप्ता को चेक रिपब्लिक से अमेरिका भेजे जाने के सिर्फ एक दिन बाद अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन नई दिल्ली पहुंचे।
एक और दांव नाकाम

एक और दांव नाकाम

यूक्रेन के सवाल पर रूस को घेरने का एक और पश्चिमी दांव नाकाम हो गया है। रूस-यूक्रेन युद्ध पर स्विट्जरलैंड में एक शांति सम्मेलन का आयोजन किया गया।
ईवीएम पर संदेह गहराया

ईवीएम पर संदेह गहराया

मगर इस प्रश्न का उत्तर नहीं मिला है कि जब मतगणना स्थल पर मोबाइल फोन ले जाने की इजाजत नहीं होती, तो उस व्यक्ति को ऐसा करने की छूट...
महायुद्ध की गहराती आशंका

महायुद्ध की गहराती आशंका

इटली में आयोजित हुए जी-7 शिखर बैठक का सार यह रहा कि धनी देशों का यह समूह अब रूस के साथ-साथ चीन के खिलाफ भी जंग के लिए कमर...
प्यासे लोगों का देश !

प्यासे लोगों का देश !

भारत के महानगरों में शब्दशः लोग बूंद-बूंद के लिए तरस रहे हैं। वैसे बहुत से देहाती इलाकों में भी हालत बेहतर नहीं है।
टूटता हुआ एक नैरेटिव

टूटता हुआ एक नैरेटिव

अब आतंकवाद जम्मू-कश्मीर में इस तरह सिर उठा रहा है, तो यह अवश्य पूछा जाएगा कि देश को सुरक्षित बनाने की यह रणनीति कितनी कारगर हुई है?
हताशा का आलम

हताशा का आलम

संकट अब छिपाये नहीं छिप रहा है। अब हाल यह है कि अक्सर चुनावों के बाद दिखने वाला आशावाद भी इस बार गायब ही रहा है।
दिखावटी बदलाव काफी नहीं

दिखावटी बदलाव काफी नहीं

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक भारतीय सेना ने अग्निपथ योजना को बेहतर बनाने के कई सुझाव सरकार को भेजे हैं।
लोकतंत्र है या कुलीनतंत्र?

लोकतंत्र है या कुलीनतंत्र?

लोकसभा में इस बार कैसे जन प्रतिनिधि पहुंचे हैं, यह गौरतलब है। आखिर व्यक्ति की सोच और प्राथमिकताएं जिस वर्ग और पृष्ठभूमि से वह आता है, अक्सर उससे ही...
संदेह के गहरे बादल

संदेह के गहरे बादल

यह संदेह गहराता जा रहा है कि प्रतियोगी परीक्षाएं धांधली का जरिया बन गई हैं और यह सब कुछ प्रशासन के संरक्षण में हो रहा है।
ये जो हकीकत है

ये जो हकीकत है

बीते फरवरी में- जब देश में आम चुनाव का माहौल बन रहा था- सरकार ने घरेलू उपभोग व्यय सर्वेक्षण से संबंधित आंशिक सूचनाएं जारी कर दीं।
जोखिम भरी ये राह

जोखिम भरी ये राह

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई मंत्रि-परिषद यह संकेत देती है कि भारतीय जनता पार्टी के प्रबंधकों ने आम चुनाव में लगे झटके के असर को फिलहाल मैनेज कर लिया...
यूरोपीय सियासत में भूचाल

यूरोपीय सियासत में भूचाल

यूरोपीय संसद के चुनाव में दक्षिणपंथी और धुर-दक्षिणपंथी पार्टियों को मिली जोरदार कामयाबी ने वहां की मध्यमार्गी व्यवस्था में एक तरह का भूकंप ला दिया है।
अब जाकर खुली आंख!

अब जाकर खुली आंख!

सर्वोच्च कॉरपोरेट अधिकारियों की आंख जाकर खुली है। उन्हें अंदाजा हुआ है कि भारत में बेरोजगारी एक दुर्दशा का रूप ले चुकी है।
मुनाफे का नया सेक्टर

मुनाफे का नया सेक्टर

भारत के अस्पताल और दवा कंपनियों में विदेशी इक्विटी फंड और वेंचर कैपिटलिस्ट बड़े पैमाने पर निवेश बढ़ा रहे हैं।
अब वैसा भरोसा नहीं!

अब वैसा भरोसा नहीं!

बाजार हो या पश्चिमी राजधानियां- मोदी को वहां उतार के दौर में पहुंच चुके नेता के रूप में देखा जाने लगा है। इसके दूरगामी परिणाम होंगे।
मोल-भाव अभी बाकी है

मोल-भाव अभी बाकी है

अगली सरकार चूंकि वास्तविक अर्थ में गठबंधन सरकार होगी, इसलिए सहयोगी दलों की मांगों और महत्त्वाकांक्षाओं को इस बार भाजपा नेतृत्व को पूरा करना ही होगा।
विकल्प पर बात हो

विकल्प पर बात हो

आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को जो झटका लगा, उस बारे में सियासी हलकों में यह आम राय है कि व्यापक बेरोजगारी और बढ़ती महंगाई इसका प्रमुख कारण...
शेयर मार्केट का ड्रामा

शेयर मार्केट का ड्रामा

भाजपा की सफलता- विफलता से शेयर बाजारों का रुख क्यों जुड़ा हुआ है? भाजपा को झटका लगा, तो उससे शेयर बाजार क्यों परेशान हुए?
मोदी के लिए मुश्किल

मोदी के लिए मुश्किल

दो राज्यों- उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्त्वाकांक्षाओं और सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के एजेंडे पर तगड़ा प्रहार किया।
सच बोलने की चुनौती

सच बोलने की चुनौती

पिछले दस साल में भारत के लोगों की बढ़ी मुसीबत का प्रमुख कारण उनसे बोला गया झूठ या अर्धसत्य है। खासकर ऐसा आर्थिक मामलों में हुआ है।
ऐसा अविश्वास नहीं देखा

ऐसा अविश्वास नहीं देखा

लोकसभा चुनाव के आज जाहिर होने वाले परिणाम चाहे जो हों, लेकिन जिस माहौल में ये नतीजे घोषित हो रहे हैं, भारतीय लोकतंत्र के लिए वह गहरी चिंता का...
कंपनियों का ‘वेल्थ क्रिएशन’

कंपनियों का ‘वेल्थ क्रिएशन’

लोकसभा चुनाव के लिए मतदान का आखिरी चरण पूरा होते ही एनएचएआई ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर लगने वाले टॉल टैक्स में पांच प्रतिशत वृद्धि कर दी।
दक्षिण अफ्रीका में बदलाव

दक्षिण अफ्रीका में बदलाव

दक्षिण अफ्रीका में रंगभेदी शासन खत्म होने के बाद ऐसा पहली बार हुआ है, जब सत्ताधारी अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस (एनएसी) के पास बहुमत नहीं होगा।
नतीजों का इंतजार बेहतर

नतीजों का इंतजार बेहतर

विपक्ष में मेनस्ट्रीम मीडिया पर सत्ता पक्ष के नियंत्रण की शिकायतें काफी गहरा चुकी हैं।
सेहत पर भी सियासत!

सेहत पर भी सियासत!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की सेहत को चुनावी मुद्दा बनाया है।
नजरिया परिवर्तन या धमकी?

नजरिया परिवर्तन या धमकी?

अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने भारत के बारे में अपना नजरिया ‘स्थायी’ से बेहतर करते हुए ‘सकारात्मक’ कर दिया है।
खाद्य सुरक्षा पर खतरा

खाद्य सुरक्षा पर खतरा

चर्चा यहां तक शुरू है गई है कि दालों की तरह भारत में गेहूं के आयात की स्थितियां भी लगातार बनी रह सकती हैं।
आसमान से बरसती आग

आसमान से बरसती आग

दिल्ली के नरेला इलाके में मंगलवार को तापमान 49.9 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। यह अकल्पनीय-सी खबर है।
ये बदहाली याद रहे

ये बदहाली याद रहे

खबर नई नहीं है, लेकिन एक जारी घटनाक्रम का नया संस्करण है। वैसे यह घटनाक्रम भी नया है। बल्कि भारत की जमीनी स्तर पर अधिक मारक होती जा रही...