Wednesday

30-04-2025 Vol 19
भाजपा को कौन लड़ा रहा है?

भाजपा को कौन लड़ा रहा है?

लाख टके का सवाल है कि चार राज्यों में विधानसभा के चुनाव भाजपा को कौन लड़ा रहा है?
भाजपा के चुनावी मुद्दों की कमी

भाजपा के चुनावी मुद्दों की कमी

भारतीय जनता पार्टी अपने चुनावी मुद्दे आगे करने और नैरेटिव बनाने के लिए जानी जाती थी। नरेंद्र मोदी और अमित शाह दोनों अपने मुद्दों पर विपक्ष को खींच कर...
वोट बंटवा पाएगी भाजपा

वोट बंटवा पाएगी भाजपा

वोट लेकर चुनाव जीतने की बजाय विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के वोट बंटवाने की राजनीति पर ज्यादा ध्यान दे रही है।
मेरा भारत, कमला का अमेरिका

मेरा भारत, कमला का अमेरिका

संयोग जो शुक्रवार की सुबह सप्ताह की ‘गपशप’ का विषय सोच रहा था तभी टीवी पर कमला हैरिस का भाषण शुरू हुआ।
मोदी बनाम कमला

मोदी बनाम कमला

शुक्रवार के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका की उप राष्ट्रपति कमला हैरिस दोनों से विदेश नीति, अंतरराष्ट्रीय राजनीति की अलग-अलग समझ मालूम हुई।
बिना पड़ोसी दोस्त के भारत!

बिना पड़ोसी दोस्त के भारत!

कहने को भारत आज महाशक्ति है। लेकिन दक्षिण एशिया में अपने पड़ौस में भी छोटे बड़े सभी देश भारत से छिटके हुए है। नेपाल जैसे छोटा और पारंपरिक दोस्त...
सारी कूटनीति अडानी, अंबानी के लिए

सारी कूटनीति अडानी, अंबानी के लिए

पिछले 10 साल की नरेंद्र मोदी राज की कूटनीति को बारीकी से देखें तो वह कुल मिला कर क्रोनी कैपिटलिज्म को प्रमोट करने वाली रही है।
विदेश दौरों का ही अब सहारा

विदेश दौरों का ही अब सहारा

लोकसभा चुनाव, 2024 के नतीजों के बाद क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास अपने जयकारे के लिए क्या सिर्फ विदेश की धरती बची है?
आर्थिक मोर्चे पर विफल कूटनीति

आर्थिक मोर्चे पर विफल कूटनीति

सामरिक नीति के हिसाब से कूटनीति होती थी लेकिन अब आर्थिक नीतियों की आवश्यकताओं में भी कूटनीति होती है।
मोदी को क्या भक्तों ने भी सुना?

मोदी को क्या भक्तों ने भी सुना?

हां, जब अच्छा होता है तो सब अच्छा लगता है। टोपी का तुर्रा भी लोगों में जादू बना देता है।
क्या हुआ एक देश, एक चुनाव का?

क्या हुआ एक देश, एक चुनाव का?

प्रधानमंत्री ने 15 अगस्त को लाल किले से एक देश, एक चुनाव का जुमला बोला। उन्होंने कहा कि देश के सारे चुनाव एक साथ होने चाहिए क्योंकि बार बार...
महाराष्ट्र से भाजपा को उम्मीद?

महाराष्ट्र से भाजपा को उम्मीद?

भारतीय जनता पार्टी चाहती थी कि महाराष्ट्र और झारखंड में उसे थोड़ा समय और मिले। यह संयोग देखिए कि चुनाव आयोग ने दोनों राज्यों के चुनावों की घोषणा नहीं...
भाजपा में सब जस का तस!

भाजपा में सब जस का तस!

पहला प्रमाण योगी आदित्यनाथ की डावांडोल कुर्सी का स्थिर होना है। केशव प्रसाद मौर्य ठंड़े पड़ गए हैं। नरेंद्र मोदी ने यूपी के सभी उपचुनावों की जीत का दारोमदार...
झारखंड में चुनाव में क्यों देरी?

झारखंड में चुनाव में क्यों देरी?

झारखंड में भी भाजपा थोड़ा समय चाहती थी। इसका कारण यह है कि पिछले कुछ दिनों में भाजपा को ऐसी फीडबैक मिली है कि राज्य में उसकी स्थिति सुधर...
हसीना और मोदी में समानताएं!

हसीना और मोदी में समानताएं!

सवाल है समानता की बात कैसे? इसलिए क्योंकि हर मोदी विरोधी हसीना के भागने में मोदी का भविष्य बूझ रहा है।
उफ! यह 15 अगस्त! दक्षिण एसिया में भारत अकेला

उफ! यह 15 अगस्त! दक्षिण एसिया में भारत अकेला

दक्षिण एसिया का सबसे बड़ा, इलाके का दादा, कथित महाशक्ति देश भारत  ठिक 15 अगस्त 1924 से पहले अपनी गली (दक्षिण एसिया) का अछूत नंबर एक देश है।
नकारा डोवाल, फेल जयशंकर!

नकारा डोवाल, फेल जयशंकर!

कटु शब्द है लेकिन बांग्लादेश की असफलता, उसके फियोस्को में भारत के नुकसान के मायनों में एकदम सही बात। यदि ये दो कर्ता-धर्ता जिम्मेवार नहीं है तो कौन है?
तो भीतर घुस हिंदुओं को बचाएंगे?

तो भीतर घुस हिंदुओं को बचाएंगे?

भारत और नरेंद्र मोदी के प्रति बांग्लादेंशियों का गुस्सा और नफरत वहां रह रहे हिंदू आबादी की असुरक्षा है।
क्या विदेशी साजिश?

क्या विदेशी साजिश?

दुनिया के हर तानाशाह के साथ जो हुआ वहीं शेख हसीना के साथ हुआ। मतलब रावण का जो हुआ और होना चाहिए वह अंहकारी शेख हसीना का भी हुआ।
भगवान के यहां से ‘एक्सीडेंटल हिंदू’!

भगवान के यहां से ‘एक्सीडेंटल हिंदू’!

पहली बात, भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर धन्य हुए। उन्हे प्रधानमंत्री की वाह मिली। दूसरी बात देश का नेता विपक्ष राहुल गांधी ‘एक्सीडेंटल हिंदू’ करार।
जात राष्ट्र अब भारत सत्य!

जात राष्ट्र अब भारत सत्य!

दरअसल नरेंद्र मोदी और अमित शाह तिलमिलाएं हुए है। कह सकते है पूरा संघ परिवार परेशान है। इसलिए क्योंकि राहुल गांधी ने जाति जनगणना की जिद्द बना ली है।
उफ! मोदी की नई संसद!

उफ! मोदी की नई संसद!

किसने कल्पना की थी संसद की नई इमारत से टप, टप पानी लीक होगा! जाहिर है मोदी के लिए संसद की नई इमारत अपशकुनी है। खराब समय ले आई...
योगी का हटना तय!

योगी का हटना तय!

इस सप्ताह योगी आदित्यनाथ ने उत्तरप्रदेश विधानसभा में खूब दहाड़ा। केशवप्रसाद मोर्य एंड पार्टी को कितना डाउन दिखलाने का नैरेटिव बनवाया
मोदी का अब टाइमपास

मोदी का अब टाइमपास

नरेंद्र मोदी के पास अब करने को कुछ नहीं है। वे अपनी छाया में वक्त काटते हुए हैं। इसलिए क्योंकि उन्हें देखने, सुनने का जो क्रेज था, वह सूख...
चुनाव से भी भागना!

चुनाव से भी भागना!

सवाल है नरेंद्र मोदी और अमित शाह कैसे टाइमपास में समय गुजार सकते हैं? इनकी फितरत समय काटने की तो नहीं है। कुछ तो सोच रहे होंगे।
सिर्फ हिंदू मुस्लिम नैरेटिव का कार्ड

सिर्फ हिंदू मुस्लिम नैरेटिव का कार्ड

तीनों राज्यों में अमित शाह ने जो भाषण दिए हैं उससे तय हो गया है कि भाजपा के पास अब कोई विजन या कोई एजेंडा नहीं बचा है।
औरंगजेब फैन क्लब

औरंगजेब फैन क्लब

प्रधानमंत्री मोदी बड़े विजनरी हैं, अमित शाह चाणक्य हैं लेकिन पार्टी को चुनाव लड़ना है कि औरंगजेब के नाम पर
अब खुश रखना ही बडा काम!

अब खुश रखना ही बडा काम!

लगातार 10 साल तक किसी की परवाह नहीं करने वाले मोदी अब सबकी परवाह कर रहे हैं। अपने नेताओं के साथ साथ सहयोगी पार्टियों को खुश रखने का काम...
हर शाख पर बाबा बैठे हैं

हर शाख पर बाबा बैठे हैं

हाथरस में एक बाबा के सत्संग की भगदड़ में करीब सवा सौ लोग मरे तब देश में ज्यादातर लोगों को सूरजपाल जाटव उर्फ भोले बाबा के बारे में मालूम...
अजैविक मोदी से ‘भोले बाबा’ तक!

अजैविक मोदी से ‘भोले बाबा’ तक!

जाहिर है दुखियारों का भारत सच्चाई है। धर्मादे, खैरात, राशन, कृपाओं पर जीने वाली भारत भीड़ का सत्य है।
इंटरनेट पर भी चमत्कार और भक्त

इंटरनेट पर भी चमत्कार और भक्त

जिन बाबाओं को जमीन पर स्पेस नहीं मिल रहा है उनके लिए इंटरनेट का स्पेस है, जहां उन्होंने लाखों, करोड़ भक्त बना लिए हैं।  
बाबाओं का उदय और अस्त

बाबाओं का उदय और अस्त

वे अंतर्यामी होते हैं और उनके पास ऐसी अद्भुत शक्तियां हैं कि वे भक्तों के सारे कष्ट दूर कर सकते हैं।
पहले बड़े अब लोकल!

पहले बड़े अब लोकल!

एक समय था, जब राम रहीम के ऊपर फिल्में बनती थीं और फिल्म रिलीज होने के समय दिल्ली, गुरुग्राम के इलाके में सड़कें जाम हो जाती थीं।
मोदी 3:0- बासी कढ़ी!

मोदी 3:0- बासी कढ़ी!

क्या केबिनेट में कुछ नया, ताजा दिखा? क्या प्रधानमंत्री दफ्तर, सरकार की आला नौकरशाही में कोई परिवर्तन झलका?
हे राम! यह बुलैट ट्रेन!

हे राम! यह बुलैट ट्रेन!

भारत सरकार और उसकी महाबली संस्थाएं स्कूली बच्चों के लिए जब एक दाखिला परीक्षा ईमानदारी से नहीं करा सकती है बुलैट ट्रेन बना कर क्या कर लेंगे?
सिर्फ चुनाव और राजनीति की चिंता

सिर्फ चुनाव और राजनीति की चिंता

पूरे 10 साल देश यह देखता आया है कि संसद, सरकार, शासन-प्रशासन, जनता का कामकाज सब मिथ्या या दोयम दर्जे के काम हैं। असली सच राजनीति है।
संसद से भी मैसेज

संसद से भी मैसेज

भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाना है, यह जुमला भी देश कई बरसों से सुन रहा है, जो फिर अभिभाषण में सुनाई दिया।
नौकरशाही में सब कुछ पहले जैसा

नौकरशाही में सब कुछ पहले जैसा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले दिन से बता दिया कि कामकाज के ढर्रे में कुछ भी बदलने नहीं जा रहा है। सब कुछ पहले की तरह होता रहेगा।
योगीः बलि का बकरा?

योगीः बलि का बकरा?

नरेंद्र मोदी और अमित शाह देरसबेर योगी आदित्यनाथ पर यूपी में हार का ठिकरा फोड़ने वाले है। योगी को या तो दिल्ली आना है या चिमटा उठा कर गोरखपुर...
नरेंद्र मोदी का झोला !

नरेंद्र मोदी का झोला !

झोले में चिंताएं है और झोली फैली हुई है। पहले यदि नरेंद्र मोदी चार घंटे सौते थे तो पता नहीं इन दिनों वे कितना सो रहे होंगे। उन्हे नए...
तो केजरीवाल को जमानत?

तो केजरीवाल को जमानत?

यों राउज एवेन्यू कोर्ट की विशेष जज न्याय बिंदु ने जिस दंबगी और खुले में निर्णय लिख अरविंद केजरीवाल को नियमित जमानत दी है उससे उनका न्यायबिंदु नाम सार्थक...
झारखंड में भी आसानी नहीं !

झारखंड में भी आसानी नहीं !

झारखंड में चुनाव नतीजों से प्रदेश भाजपा के सारे नेता हिले हुए हैं। उनको लग रहा था कि नरेंद्र मोदी की लहर में सारी सीटें जीत रहे हैं तो...
महाराष्ट्र की चुनावी चुनौती

महाराष्ट्र की चुनावी चुनौती

महाराष्ट्र में चार महीने में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। उससे पहले लोकसभा चुनाव के नतीजों ने भाजपा, शिव सेना और एनसीपी के गठबंधन यानी महायुति के लिए...
बिहार का सिरदर्द बड़ा

बिहार का सिरदर्द बड़ा

इसको सिर मुंडाते ही ओले पड़ना कहते हैं। केंद्र में नरेंद्र मोदी को पहली बार गठबंधन सरकार का नेतृत्व करना पड़ा और शपथ लेने के 11 दिन के बाद...
303 बनाम 240 का फर्क

303 बनाम 240 का फर्क

लोग हैरान हैं यह बूझ कर कि नरेंद्र मोदी का राज तो वैसा ही है जैसे 2019 में 303 सीटें जीतने के बाद था। वही चेहरे वही सरकार। वैसे...
मोदी पर संघ का ‘घमंडी’ ठप्पा!

मोदी पर संघ का ‘घमंडी’ ठप्पा!

आने वाले दिनों में नरेंद्र मोदी भाजपा से आरएसएस को वैसे ही आउट कर देंगे, जैसे गुजरात में मुख्यमंत्री रहते हुए प्रदेश भाजपा में संघ के प्रचारकों की जीरो...
युग पुरूष की आगे खाईयां!

युग पुरूष की आगे खाईयां!

नरेंद्र मोदी का अपने को युग पुरूष मानना गलत नहीं है। उनके तमाम भक्त इस संतोष में हैं कि तीन बार लगातार शपथ से जवाहर लाल नेहरू के बराबर...
सरकार पर दबाव तो बढ़ेगा!

सरकार पर दबाव तो बढ़ेगा!

क्या सचमुच यह वास्तविक तस्वीर है और चंद्रबाबू नायडू या नीतीश कुमार ने पूरी तरह से समझौता कर लिया है?