Thursday

31-07-2025 Vol 19
मोदीजी, भूटान से ही सीख लीजिए!

मोदीजी, भूटान से ही सीख लीजिए!

modi learn from bhutan : दुनिया बाधक है! डोनाल्‍ड ट्रंप हों या चीन या फ्रांस, ब्रिटेन, यूरोप सभी भारत को सिर्फ भीड़ और बाजार समझते हैं। तो भारत क्या...
मोदीजी, सीखें वियतनाम से शिक्षा!

मोदीजी, सीखें वियतनाम से शिक्षा!

vietnam education : शिक्षा के नाम पर भारत में बीस सालों में तैयार पचास करोड़ नौजवानों की भीड़, बेगार वाली है वही बजट में खर्चा ढाई-तीन प्रतिशत!
चीन, यूरोप, कनाडा से सीखें कूटनीति

चीन, यूरोप, कनाडा से सीखें कूटनीति

अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के दूसरी बार राष्ट्रपति चुने जाने के बाद पूरी दुनिया की भू राजनीतिक स्थितियां बदल रही हैं।
मोदीजी, तुर्की से पर्यटन कमाई सीखें!

मोदीजी, तुर्की से पर्यटन कमाई सीखें!

यह बात बेतुकी लगेगी कि भला भारत और तुर्की में क्या तुलना हो सकता है।
स्वास्थ्य सेवाओं में चीन से ही सीखें!

स्वास्थ्य सेवाओं में चीन से ही सीखें!

यों इस मामले में भारत किसी भी देश से सीख सकता है। अमेरिका, यूरोप या ब्रिटेन की बात छोड़ें तो भारत ताइवान या चीन से सीख सकता है।
हिंदुओं ने सभी को हरा दिया!

हिंदुओं ने सभी को हरा दिया!

जाहिर है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आस्थावान हिंदुओं को परमहंस अवस्था में पहुंचा दिया है। इस अमृतकाल से भारत अमृतमय हो गया है और बाकी सभी...
जो है वह कांग्रेस की देन!

जो है वह कांग्रेस की देन!

मैं इन दिनों ‘जनसत्ता’, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के समय के अपने संस्मरण खंगालता हुआ हूं।
लोकप्रिय नैरेटिव से बाहर है कांग्रेस

लोकप्रिय नैरेटिव से बाहर है कांग्रेस

कांग्रेस पिछले एक दशक से ज्यादा समय से चुनाव हार रही है। लेकिन उससे पहले जब वह जीती और दो बार लगातार केंद्र में सरकार में रही तब भी...
कुंभ और कांग्रेस

कुंभ और कांग्रेस

पिछले कई महीनों से देश में महाकुंभ का नैरेटिव बना। कांग्रेस ने उस पर सोचा ही नहीं। वह चाहती तो इसका हिस्सा बन सकती थी।
महाकुंभ से गैरहाजिर विपक्ष

महाकुंभ से गैरहाजिर विपक्ष

कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों ने सिर्फ महाकुंभ का नैरेटिव मिस नहीं किया, बल्कि यहां भी ऐतिहासिक गलती कर बैठे, जिससे समूचा विपक्ष आम हिंदुओं के निशाने पर आया।
नए चेहरे और भाजपा भविष्य!

नए चेहरे और भाजपा भविष्य!

New Faces of BJP : इंदिरा गांधी ने असली कांग्रेस को पार्टी तोड़ कर खत्म किया था। वही नरेंद्र मोदी ने बिना कुछ किए ही भाजपा और संघ परिवार...
भागवत, मोदी और विपक्ष

भागवत, मोदी और विपक्ष

इस वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संघ प्रमुख मोहन भागवत दोनों 75 वर्ष के होंगे।
राहुल कैसे तैयार कर रहे हैं दूसरी लाइन

राहुल कैसे तैयार कर रहे हैं दूसरी लाइन

rahul gandhi : राहुल गांधी 35 साल की उम्र में 2004 में सांसद बने थे। तब से यानी पिछले 20 साल से अपनी टीम बनाने की कोशिश में हैं।
असुरक्षा बोध और वंशवाद से बरबादी

असुरक्षा बोध और वंशवाद से बरबादी

indian politics : भारतीय राजनीति के बारे में कुछ सत्य ऐसे हैं, जो सार्वभौमिक हैं। जैसे आंदोलन या जनता के बीच काम करके नेता नहीं पैदा हो रहे हैं।
क्षेत्रीय पार्टियों में दूसरी लाइन समाप्त

क्षेत्रीय पार्टियों में दूसरी लाइन समाप्त

indian political parties : सभी प्रादेशिक क्षत्रपों के साथ कभी एक करिश्मा जुड़ा था या एक जातीय समीकरण था, जिसके दम पर वे सफल हुए।
ट्रंप मेहरबान हैं!

ट्रंप मेहरबान हैं!

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से खुश हैं। वाशिंगटन में ट्रंप और मोदी वार्ता, प्रेस कांफ्रेंस की भाव-भंगिमा और साझा बयान का लब्बोलुआब है कि सब ठीक है।
मौका गंवाने का नाम है भारत!

मौका गंवाने का नाम है भारत!

डोनाल्ड ट्रंप ने 2016 से 2020 के पहले कार्यकाल में चीन का बाजा बजाया था। वैश्विक पैमाने पर चीन के खिलाफ जो माहौल बना तो उससे पश्चिमी निवेशक चीन...
एआई में भारत का जबरदस्त मौका!

एआई में भारत का जबरदस्त मौका!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसे समय में फ्रांस की राजधानी पेरिस में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस यानी एआई के एक्शन समित की सह अध्यक्षता की, जब पूरी दुनिया में इसकी धूम...
ट्रंप से क्या सीखना चाहिए?

ट्रंप से क्या सीखना चाहिए?

भारत का मेक इन इंडिया अभियान अभी तक सफल नही हो सका है। ट्रंप से सबक लेकर भारत भी चीन के उत्पादों पर पाबंदी लगा कर या अतिरिक्त शुल्क...
केजरीवाल जीतें या हारें, बहुत अहम!

केजरीवाल जीतें या हारें, बहुत अहम!

delhi election result: यदि अरविंद केजरीवाल हार गए तो हरियाणा के क्वार्टर फाइनल, महाराष्ट्र के सेमी फाइनल के बाद दिल्ली का चुनाव नतीजा फाइनल है।
हथकड़ी में भारतीय!

हथकड़ी में भारतीय!

indian migrants: और हथकड़ी केवल हाथों में ही नहीं, पांवों और दिमाग में भी! अमेरिका ने मोदी राज में भारतीयों को सचमुच औकात दिखाई है।
डाल-डाल, पात-पात का प्रबंधन

डाल-डाल, पात-पात का प्रबंधन

delhi election:चुनाव के बाद यह मुद्दा उठाया। ऐसे ही हरियाणा में प्रॉक्सी फाइट की रणनीति को भी कांग्रेस समय रहते नहीं भांप पाई।
कांग्रेस का क्या होगा?

कांग्रेस का क्या होगा?

delhi asseimbly election : कांग्रेस पार्टी के लिए दिल्ली का विधानसभा चुनाव बहुत उलझा हुआ था। पार्टी को सिद्धांत रूप में यह तय करना था कि उसका बड़ा दुश्मन...
किसका नैरेटिव कितना चला

किसका नैरेटिव कितना चला

delhi assembly election: बारीक प्रबंधन के अलावा चुनाव नैरेटिव पर भी लड़ा जाता है। लेकिन सिर्फ नैरेटिव के दम पर हर बार चुनाव नहीं लड़ा जा सकता है।
कुंभ को तो कुंभ रहने देते!

कुंभ को तो कुंभ रहने देते!

Mahakumbh 2025: जो अद्भुत था वह अब शो है! जो व्यक्ति के निर्वाण का मौका था वह एक मुख्यमंत्री की वोट संख्या का अखाड़ा है!
ममता कुलकर्णी को क्यों नहीं मानेंगे महामंडलेश्वर?

ममता कुलकर्णी को क्यों नहीं मानेंगे महामंडलेश्वर?

Mamta Kulkarni: कुंभ और महाकुंभ में तो परंपरागत तौर पर अखाड़ों और शंकराचायों का महात्म्य है।
महाकुंभ के महाइवेंट से पाया क्या?

महाकुंभ के महाइवेंट से पाया क्या?

Mahakumbh 2025: सभी धर्मों के सालाना उत्सव होते हैं। मुस्लिम समाज के लोग हर साल हज के लिए जाते हैं तो उर्स के लिए भी निकलते हैं।
चप्पलों का समाजशास्त्र

चप्पलों का समाजशास्त्र

mahakumbh stampede: कह सकते हैं कि लोग जूते पहन कर घाट पर कैसे जाते इसलिए ज्यादातर लोगों ने चप्पलें पहनी थीं।
महाकुंभ का मुख्य विमर्श क्या रहा?

महाकुंभ का मुख्य विमर्श क्या रहा?

Mahakumbh 2025: एक तो सरकारी विमर्श था, जिसमें पहले घंटे से बताया जाने लगा कितने लाख या कितने करोड़ लोगों ने डुबकी लगा ली।
वहां देशभक्ति यहां वोट भक्ति!

वहां देशभक्ति यहां वोट भक्ति!

डोनाल्ड ट्रंप और नरेंद्र मोदी में क्या फर्क है, इस पर 2017 में मैंने ट्रंप के पहले महीने के फैसलों के हवाले लिखा था।
वहां काबिलियत यहां आरक्षण!

वहां काबिलियत यहां आरक्षण!

डोनाल्ड ट्रंप के आदेश पर वहा हड़ताल नहीं हुई। न विरोधी पार्टी और सांसदों का हल्ला हुआ।
वहां विपक्ष और भारत में विपक्ष!

वहां विपक्ष और भारत में विपक्ष!

अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप चार साल राष्ट्रपति रहे और चुनाव हार गए। चार साल विपक्ष में रहे तो उन्होंने क्या किया? पुराने ही मुद्दों की राजनीति। अपने विचार में...
वहां अमल यहां झांसा!

वहां अमल यहां झांसा!

भारत दस वर्षों से नाकाबिल-लालफीताशाह-भ्रष्ट नौकरशाही से ‘मेक इन इंडिया’ का फर्जीवाड़ा बनाए हुए है। चीन पर निर्भरता कम करने, स्वदेशीकरण का राग अपनाए हुए है।
काबिल और कारिंदे!

काबिल और कारिंदे!

भारत में जिसको सुनिए वो कहेगा कि काबिल लोगों की कमी नहीं हैं। कमी नहीं है तो फिर कहां हैं काबिल लोग?
‘बीहड़’ में किसकी, कब ‘आजादी’?

‘बीहड़’ में किसकी, कब ‘आजादी’?

‘गुलामी’ और ‘स्वतंत्रता’ दोनों मनुष्य जनित हैं! मनुष्य वह जानवर है, जिससे पृथ्वी पर गुलाम, पालतू, बंधुआ और ‘स्वतंत्र’ ‘आजाद’, ‘स्वच्छंद’ की विभिन्न किस्मों के विभिन्न वर्ग तथा सिस्टम...
आजादी का मान घटाने की मुहिम

आजादी का मान घटाने की मुहिम

जो यह मानते हैं कि भारत दो सौ साल के करीब गुलाम रहा और फिर कांग्रेस की लड़ाई से आजादी मिली।
उफ! ‘हिंदू’ स्वतंत्रता का यह सत्तापथ!

उफ! ‘हिंदू’ स्वतंत्रता का यह सत्तापथ!

मोहन भागवत के कहे पर व्यर्थ का बवंडर है। इसकी सघनता से अपना शक है कि मोदी सरकार व भाजपा में उनके विरोधियों ने इस पर तिल का ताड़...
ताकि संघ को भी मिले श्रेय

ताकि संघ को भी मिले श्रेय

सवाल है भाजपा और आरएसएस में अनेक लोगों द्वारा ऐसा क्यों हो रहा है?
संघ, भाजपा की कुंठा गहरी

संघ, भाजपा की कुंठा गहरी

आजादी की लड़ाई को लेकर भाजपा और राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के लोग इतनी कुंठा में रहते हैं, जिसकी मिसाल नहीं है।
आजादी के नारे लगे तो देशद्रोह!

आजादी के नारे लगे तो देशद्रोह!

अगर कन्हैया की तरह उन्होंने ‘हमें चाहिए आजादी’ का नारा लगाया तो देशद्रोही घोषित कर दिए जाएंगे।
केजरीवाल का अहंकार जीतेगा या मोदी का?

केजरीवाल का अहंकार जीतेगा या मोदी का?

2014 में नरेंद्र मोदी और अरविंद केजरीवाल दोनों एक ही समय जनभावनाओं से उभरे और छाये सूरमा हैं।
चंद्रबाबू की चांदी ही चांदी!

चंद्रबाबू की चांदी ही चांदी!

वे आंध्र प्रदेश में चौथी बार मुख्यमंत्री बने हैं और मोदी सरकार को अपनी पार्टी का समर्थन देते हुए सर्वाधिक लाभ ले रहे हैं।
नवीन पटनायक योद्धा क्षत्रप हैं

नवीन पटनायक योद्धा क्षत्रप हैं

एक श्रेणी उन क्षत्रपों की है, जो कांग्रेस के साथ गठबंधन में होते हैं और भाजपा से लड़ते हैं।
क्षत्रपों को ही चुनाव लड़ना है

क्षत्रपों को ही चुनाव लड़ना है

लोकसभा में बड़ी हार के बाद लेफ्ट की वापसी हैरान करने वाली थी। परंतु इस बार लेफ्ट में बिखराव है और इसलिए उसकी  लड़ाई मुश्किल होने वाली है।
नीतीश, मायावती का सरेंडर

नीतीश, मायावती का सरेंडर

देश के अलग अलग प्रादेशिक क्षत्रप अलग अलग तरीके से राजनीति करते हैं।
2025 में भारत में क्या?

2025 में भारत में क्या?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस के प्रमुख दोनों सितंबर में 75वें वर्ष में प्रवेश करेंगे।
2025 के विश्व में भारत क्या?

2025 के विश्व में भारत क्या?

बहुत खराब। इसलिए क्योंकि वैश्विक सुर्खियों, सोशल मीडिया नैरेटिव व लोक मान्यता में इस्लामोफोबिया, चाइनाफोबिया, एंटीसेमेटिज्म (यहूदी विरोधी भावना) की तरह दुनिया में अब हिंदुओं को लेकर एक हिंदूफोबिया...
2024: अविश्वास स्थापना वर्ष!

2024: अविश्वास स्थापना वर्ष!

यों 2024 की कई पहचान है। बतौर ‘वर्ष पुरूष’ गौतम अडानी हैं। अयोध्या का राम मंदिर है। नरेंद्र मोदी का प्रकट दैवीय अवतार है।