Wednesday

30-04-2025 Vol 19
राज्यों के चुनाव का इंतजार

राज्यों के चुनाव का इंतजार

इस साल के अंत में महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। यह संयोग है कि लोकसभा चुनाव में इन तीनों राज्यों में भाजपा को...
चंद्रबाबू, नीतीश की क्या चलेगी?

चंद्रबाबू, नीतीश की क्या चलेगी?

नरेंद्र मोदी ने शपथ ली नहीं कि उससे पहले ही गुरूवार को सूत्रों के हवाले पालतू मीडिया से चंद्रबाबू नायडू और नीतूश कुमार की हैसियत पर खबरें चल गईं।...
मोदी क्या बदलेंगे?

मोदी क्या बदलेंगे?

2024 के जनादेश ने नरेंद्र मोदी को एक तरह से बर्फ की सिल्ली बना दिया है जो सियासी गर्मी में पिघलनी ही है।
संघ और मोदी में संपर्क नहीं?

संघ और मोदी में संपर्क नहीं?

मोदी द्वारा आरएसएस को यह हैसियत बताने से है कि मैं तो भगवान और तुम? संघ के केवल एक शख्स सुरेश सोनी को नरेंद्र मोदी वक्त देते हैं।
निर्दलीय व अन्य को पटाने की कोशिश

निर्दलीय व अन्य को पटाने की कोशिश

अपने सांसदों को बचाने की जिम्मेदारी वे भाजपा पर डाल सकते हैं। जरूरी हुआ तो अपने सांसदों को भाजपा में शामिल भी करा सकते हैं ताकि नायडू उनकी पार्टी...
नीतिगत मामलों पर अड़ेंगे नीतीश

नीतिगत मामलों पर अड़ेंगे नीतीश

2013 में मोदी को प्रधानमंत्री पद का दावेदार बनाए जाने के बाद नीतीश एकमात्र नेता थे, जिन्होंने एनडीए छोड़ी थी। वे 2014 के चुनाव में अकेले लड़े थे और...
यूपी और बिहार के अनुमान धरे रह जाएंगे?

यूपी और बिहार के अनुमान धरे रह जाएंगे?

समझ नहीं आ रहा कि आखिरी चरण आते-आते नरेंद्र मोदी का चेहरा यूपी और बिहार की जातीय राजनीति में कैसे इतना दब गया?
मोदी का चेहरा, जाहिर नतीजा !

मोदी का चेहरा, जाहिर नतीजा !

असल सवाल है कि भाजपा की संख्या 272 से पार होगी या नहीं? भाजपा के वोट शेयर और उसकी सीटों में 2014 या 2019 रिपीट होगा या वह 2014...
कहां से शुरू, कहां खत्म!

कहां से शुरू, कहां खत्म!

याद करें, राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के समय और 19 अप्रैल को मतदान के पहले चरण तक नरेंद्र मोदी का चेहरा कितना-कैसा दमदमाता हुआ था?
मोदी भगवान के अवतार और गांधी !

मोदी भगवान के अवतार और गांधी !

नरेंद्र मोदी ने प्रचार के दौरान रिकॉर्ड संख्या में इंटरव्यू दिए। लगभग हर न्यूज चैनल और अखबार को इंटरव्यू दिया। इंटरव्यू में क्या कहा यह अहम नहीं है।
प्रधानमंत्री का ऐसा स्तर

प्रधानमंत्री का ऐसा स्तर

लोकसभा चुनाव 2024 का प्रचार ढाई महीने चला है। और रिकॉर्ड प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बना।
भाजपा का सब तरफ घटना जारी!

भाजपा का सब तरफ घटना जारी!

लोकसभा चुनाव 2024 में मतदान के पांचवें चरण को लेकर जितनी तरह की रिपोर्ट है उसमें बहुत कुछ उलट-पलट होता लगता है।
बिहार में जात गणित से फैसला?

बिहार में जात गणित से फैसला?

लालू प्रसाद ने भाजपा और जनता दल यू के वोट तोड़ने के लिए उनके सामाजिक समीकरण वाली जातियों के उम्मीदवार जिन सीटों पर उतारे वहां अपने आप कड़ा मुकाबला...
झारखंड में भी वोट गणित पर चुनाव

झारखंड में भी वोट गणित पर चुनाव

बिहार में एनडीए ज्यादातर सांसदों के फिर से टिकट देकर फंसा हैं तो झारखंड में भाजपा टिकट काट कर फंसी है।
1977 या 2004 या 2019 !

1977 या 2004 या 2019 !

सन् 1977 की इस चुनाव में याद हो आई है। मुझे वह चुनाव क्योंकि याद है इसलिए उसके कुछ लक्षण 2024 में झलकते हुए हैं। कैसे?
हकीकत और सवाल

हकीकत और सवाल

सोशल मीडिया पर मोदी का वैसा डंका नहीं है जैसा 2014 और 2019 में था। सोशल मीडिया के मोदी भक्त हाशिए में हैं। वही विपक्ष के जीतने की तूताड़ी...
क्या सचमुच?

क्या सचमुच?

विश्वास नहीं होता लेकिन फीडबैक जमीनी है। यूपी की पांचवें राउंड की 14 सीटों में भाजपा को कम से कम चार सीटों का नुकसान है। और नौ सीटों में...
वाह! मोदी का ईदी खाना!

वाह! मोदी का ईदी खाना!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पटना और बनारस में शो लाजवाब था। अपनी आत्ममुग्धता में उन्होंने फिर जताया कि वे अपने चेहरे, अपनी झांकियों से वोट पकने के विश्वास में...
मोदी के 62 दिन और ग्रह-नक्षत्र!

मोदी के 62 दिन और ग्रह-नक्षत्र!

हिसाब लगाएं 16 मार्च को घोषित चुनाव प्रोग्राम के बाद हर चरण के साथ नरेंद्र मोदी के भाषण, जुमलों और थीम में तथा भाव-भंगिमा में कैसे-कैसे परिवर्तन आए?
चुनावी ग्राउंड पर क्या है?

चुनावी ग्राउंड पर क्या है?

पहली बात, मतदाता में 2014 और 2019 जैसा उत्साह नहीं है। मतलब नरेंद्र मोदी का जादू अब पहले की तरह बोलता हुआ नहीं है।
विपक्ष के पास है संविधान और रेवड़ी

विपक्ष के पास है संविधान और रेवड़ी

क्या यह नहीं हो सकता है कि बड़ी संख्या में महिलाएं निकल कर इस योजना के लिए वोट डाल रही हों? आखिर हर महीने घर बैठे साढ़े आठ हजार...
अब सिर्फ हिंदू-मुस्लिम नैरेटिव

अब सिर्फ हिंदू-मुस्लिम नैरेटिव

अगले तीन चरण में खास कर पूर्वी उत्तर प्रदेश, उत्तरी बिहार और झारखंड के संथाल परगना इलाके में, जहां चुनाव होना है वहां सिर्फ हिंदू मुस्लिम होना है।
मोदी से लोग लड़ रहे न कि विपक्ष!

मोदी से लोग लड़ रहे न कि विपक्ष!

2024 के चुनाव में अजूबा होगा। मैंने पहले भी लिखा था कि मौन लोग विपक्ष की ओर से चुनाव लड़ते हुए हैं। मेरी यह थीसिस मुझे सात मई के...
मोदी की घबराहट का चरम, अंबानी-अडानी भाषण!

मोदी की घबराहट का चरम, अंबानी-अडानी भाषण!

पांच साल तक अंबानी, अडानी को गाली दी और रातों रात गालियां बंद हो गईं। मतलब कोई न कोई चोरी का माल, टेंपो भर भरकर आपने पाया है। देश...
बिहार में भाजपा की सीटें ही फंसी

बिहार में भाजपा की सीटें ही फंसी

लोकसभा चुनाव 2024 शुरू होने के बाद आमतौर पर माना जा रहा था कि बिहार में नीतीश कुमार की पार्टी की स्थिति डावांडोल है, जबकि भाजपा बहुत अच्छी स्थिति...
कर्नाटक में मतदान बढ़ने का मतलब

कर्नाटक में मतदान बढ़ने का मतलब

एचडी देवगौडा के बेटे और पोते का सैक्स स्कैंडल सामने आने के बाद यह मतदान हुआ और मत प्रतिशत बढ़ा तो संभव है कि इसके पीछे लोगों की नाराजगी...
उद्धव और शरद के इलाके में सुधरा मतदान

उद्धव और शरद के इलाके में सुधरा मतदान

हालांकि महाराष्ट्र में तीसरे चरण के मतदान में भी पिछली बार के मतदान की बराबरी नहीं हुई लेकिन इतना जरूर हुआ कि मतदान का प्रतिशत 61 से ऊपर चला...
मतदाता के बेमन वोट से घबराहट!

मतदाता के बेमन वोट से घबराहट!

यदि नरेंद्र मोदी की घबराहट, भाव-भंगिमा को पैमाना मानें तो अनुमान टेबल में भाजपा का तब क्या बनेगा? भाजपा का हर नैरेटिव फेल है।
उद्धव, खड़गे, स्टालिन प्रधानमंत्री बनें तो मोदी से कई गुना बेहतर पीएम होंगे!

उद्धव, खड़गे, स्टालिन प्रधानमंत्री बनें तो मोदी से कई गुना बेहतर पीएम होंगे!

जनसभाओं में नरेंद्र मोदी और अमित शाह का डर बोल रहा है। बिहार के झंझारपुर में अमित शाह बोल पड़े कि इंडी गठबंधन जीता तो इसका कौन होगा प्रधानमंत्री?
हर राज्य में भाजपा को नुकसान!

हर राज्य में भाजपा को नुकसान!

भाजपा के सीटिंग सांसदों के खिलाफ एंटी इंकम्बैंसी वाली नाराजगी या नए नौसखिए उम्मीदवारों के प्रति बेरूखी में लोकल जातीय समीकरणों व स्थानीय मुद्दों का हावी होना है।
किसी भी राज्य में भाजपा का 2019 रिपीट नहीं!

किसी भी राज्य में भाजपा का 2019 रिपीट नहीं!

भाजपा को सबसे बड़ा धक्का महाराष्ट्र में लगेगा। पिछले बार की 23 सीटें रिपीट नहीं होनी। इन 23 में 2019 में छह सीटों को भाजपा ने जैसे-तैसे बहुत कम...
बिहार में भाजपा कितनी सुरक्षित?

बिहार में भाजपा कितनी सुरक्षित?

बिहार घूम रहे पत्रकार और विश्लेषक मान रहे हैं कि यदि नुकसान होना है तो वह नीतीश कुमार की जनता दल यू को होगा।
झारखंड में पिछड़ा रिकॉर्ड दोहराना मुश्किल

झारखंड में पिछड़ा रिकॉर्ड दोहराना मुश्किल

बिहार की तरह ही झारखंड में भी भाजपा के लिए पिछला प्रदर्शन दोहराना मुश्किल दिख रहा है। पिछली बार भाजपा ने राज्य की 14 में से 11 सीटें जीती...
मोदी के भाषणों से जाहिर बढ़ता मुकाबला!

मोदी के भाषणों से जाहिर बढ़ता मुकाबला!

इस सप्ताह के अनुमान में एनडीए की 263 ( इसमें भाजपा की 236 व सहयोगियों की 27) सीटों का अनुमान है तो एनडीए की सभीविरोधी पार्टियों का कुल अनुमान...
एनडीए 257 पर या 400 पार?

एनडीए 257 पर या 400 पार?

वैसे अब खुद नरेंद्र मोदी ने 400 सीटों की बात करना बंद कर दियाहै। दूसरे चरण के मतदान से पहले की जनसभाओं में एक में भी उन्होने नारा नहीं...
त्रिशंकु लोकसभा के आसार?

त्रिशंकु लोकसभा के आसार?

मुझे न चार सौ पार की सुनामी दिख रही है और न किसी एक पार्टी का चार जून को बहुमत होता लगता है।
दूसरा चरण विपक्ष की वापसी का?

दूसरा चरण विपक्ष की वापसी का?

दूसरे चरण के मतदान के बाद चुनाव का पूरा नैरेटिव बदल सकता है।दूसरे चरण में मुकाबला वहां है,जहां पिछली बार भाजपा की छप्पर फाड़ जीत थी।
तब बंगाल, यूपी, राजस्थान और अब?

तब बंगाल, यूपी, राजस्थान और अब?

राष्ट्रीय नेतृत्व की बजाय स्थानीय मुद्दों और उम्मीदवारों को लेकर चर्चा करते रहे और उसी आधार पर उन्होंने मतदान किया है ऐसा होना भाजपा के लिए नतीजों तक चिंताजनक...
भाजपा की मुश्किल सहयोगी!

भाजपा की मुश्किल सहयोगी!

दूसरे चरण में भाजपा को अपने कमजोर सहयोगियों का नुकसान उठाना पड़ सकता है। खासतौर से महाराष्ट्र और बिहार में।
चुनाव में सस्पेंस क्या?

चुनाव में सस्पेंस क्या?

कोई आश्चर्य नहीं होगा कि मतदान के हर राउंड के साथ नरेंद्र मोदी-अमित शाह का पसीना ज्यादा बहता हुआ दिखे और आम चुनाव सचमुच रोचक अनहोना हो जाए।
कोई ग्रैंड नैरेटिव नहीं

कोई ग्रैंड नैरेटिव नहीं

चुनाव आयोग की बंदिशों और सोशल मीडिया की हर व्यक्ति तक पहुंच ने चुनाव को नीरस बनाया है।
कहां आत्मविश्वास और कहां घबराहट?

कहां आत्मविश्वास और कहां घबराहट?

भाजपा के गठबंधन बनाने और उम्मीदवारों के चयन से पता चल जा रहा है कि वहां वह आत्मविश्वास में है और कहां घबराहट में है।
इतना लंबा चुनावी कार्यक्रम क्यों?

इतना लंबा चुनावी कार्यक्रम क्यों?

यह एक बड़ा सस्पेंस है कि आखिर इतना लंबा और इतनी अजीबोगरीब चुनाव शिड्यूल कैसे और क्यों बना?
समय सचमुच अनहोना!

समय सचमुच अनहोना!

नामुमकिन नहीं है कि चार जून को नरेंद्र मोदी-अमित शाह चार सौ सीटों की जगह बहुमत के लिए पापड़ बेलते मिलें! आखिर समय बलवान होता है न कि नेता...
बेजान, ठंडा चुनाव!

बेजान, ठंडा चुनाव!

लोगों के मन में अकेले पैठे नरेंद्र मोदी के चेहरे में सब माने बैठे हैं कि भले गले में भाजपा का पट्टा बंधाए कुत्ता उम्मीदवार हो,  जीतेगा वही।
मोदी सुनामी क्षत्रपों से फुस्स!

मोदी सुनामी क्षत्रपों से फुस्स!

उन सभी राज्यों में नरेंद्र मोदी की कथित सुनामी याकि अबकी बार 400 पार सीटों का आंकड़ा बुरी तरह फेल होना है, जहां अभी तक मोदी ने सर्वाधिक रैलियां...
भाजपा 300 से ऊपर या नीचे?

भाजपा 300 से ऊपर या नीचे?

अब ऐसा है तो सवाल होना चाहिए कि भाजपा की अपनी सीटों का आंकड़ा 300 के पार होगा या नीचे?
महंगाई,  बेरोजगारी,  भ्रष्टाचार भी मुद्दा!

महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार भी मुद्दा!

सीएसडीएस और लोकनीति के सर्वेक्षण में आम लोगों ने स्वीकार किया है कि वे महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार से परेशान हैं।