Monday

16-06-2025 Vol 19
हम सब अब युद्ध के सैनिक!

हम सब अब युद्ध के सैनिक!

सब बेखबर हैं। आप, हम और पूरी दुनिया। इस बेखबरी के बीच का असल सत्य है, जो हर व्यक्ति किसी न किसी लड़ाई में अब सैनिक बना हुआ है।
हर कोई मुखौटा बन अपने को बेच रहा है!

हर कोई मुखौटा बन अपने को बेच रहा है!

अमेरिका एक तमाशा हो गया है! इस तमाशे के प्रति अमेरिकियों में निश्चित ही दिवानगी है। अमेरिका उसी वायरस का मारा है, जिसने सत्य, बुद्धि को खा कर सर्वत्र...
अरे, ढूंढो अब कविता को!

अरे, ढूंढो अब कविता को!

‘दि इकॉनोमिस्ट’ के ताजा अंक से यह जान धक्का लगा कि एक समय था जब कवि अपनी कविता बेच कर जिंदगी बसर करते थे।
न जहां अच्छा, न समय और न खाना!

न जहां अच्छा, न समय और न खाना!

कल रात फिर बिजली कड़की, आंधी आई और बारिश हुई! इतनी की बगल का पार्क सुबह तालाब बना हुआ था।
अब्राहमिक भाईचारा बना तो हान-हिंदू सभ्यता का क्या होगा?

अब्राहमिक भाईचारा बना तो हान-हिंदू सभ्यता का क्या होगा?

यों दूर की कौड़ी है मगर देश, सभ्यताओं की चिंता में दूर की ही सोचनी चाहिए। सोचें, हाल में पाकिस्तान-सऊदी अरब-कतर तथा ईरान के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप...
हे भारत मां, हम इतने कायर, डरपोक और झूठे क्यों?

हे भारत मां, हम इतने कायर, डरपोक और झूठे क्यों?

हे मां! मेरा शनिवार शाम तब खून खौल उठा जब वैश्विक मीडिया में पाकिस्तानियों के जश्न मनाते वीडियो, फोटो दिखे! पाकिस्तानियों को अपनी सेना और जनरल मुनीर का जयकारा...
जाति की जीत हो, राष्ट्र का नाश हो! जाति की जीत हो, धर्म का नाश हो!

जाति की जीत हो, राष्ट्र का नाश हो! जाति की जीत हो, धर्म का नाश हो!

जाति की संकीर्णता ने हिंदू समाज को दुर्बल कर दिया है; एक संगठित हिंदू समाज में इस प्रकार का विभाजन आत्मघाती है
कश्मीर बदला है पर फिर दिल्ली से बिगड़ा है!

कश्मीर बदला है पर फिर दिल्ली से बिगड़ा है!

साक्षात आज सामने है! क्या किसी ने सपने में कभी सोचा कि पुराने श्रीनगर, डाउनटाऊन श्रीनगर में आतंकी घटना के विरोध में लोग दुकानें बंद रखेंगे! पर वैसा हुआ।
‘व्यापार महायुद्ध’ में अपनी दुकान!

‘व्यापार महायुद्ध’ में अपनी दुकान!

भारत एक बाजार है! वजह भारत की 140 करोड़ आबादी है। तभी लोगों के लिए रोजगार, कमाई का सुलभ, आसान तरीका दुकान खोलना है।
न दान, न दया है और न मनुष्यता!

न दान, न दया है और न मनुष्यता!

7.7 तीव्रता के झटकों की मौतों, घायलों और बरबादी का म्यांमार में हिसाब रखने वाला है कौन? यह वह देश है, जहां दशकों से भेड़ियों का सैनिक शासन है।
हम हिंदुओं की भूख!

हम हिंदुओं की भूख!

संभवतया पूरी दुनिया में हर नस्ल, हर धर्म के मुकाबले में यह भूख सर्वाधिक अंधी है
क्रोनी खरबपतियों का गुर्दा!

क्रोनी खरबपतियों का गुर्दा!

modi musk : भारत में ही इस तरह सोचना होता है तो सोचें, पैसा व्यक्ति को निडर बनाता है या कायर? पैसा ईमानदारी बनवाता है या बेईमानी?
चीन आखिर तक लड़ने को तैयार!

चीन आखिर तक लड़ने को तैयार!

छह मार्च 2025 की तारीख चीन और विश्व राजनीति में निश्चित ही याद रहेगी। कोई न माने इस बात को लेकिन चीन ने इस दिन अपने को विश्व की...
‘प्रथम’ है फिर भी ‘प्रथम’ की सनक!

‘प्रथम’ है फिर भी ‘प्रथम’ की सनक!

डोनाल्‍ड ट्रंप का जवाब नहीं हैं। अमेरिका को सनका दिया है। और सनक मानो छूत की बीमारी जो कई योरोपीय देशों में भी दक्षिणपंथियों की पौ-बारह है। सियासी उथलपुथल...
मकड़ी अपने ही बनाए जाल में मरती है!

मकड़ी अपने ही बनाए जाल में मरती है!

delhi assembly election: भ्रष्टाचार के खिलाफ भभके में केजरीवाल का चेहरा, चाल, चरित्र वह सब लिए हुए था, जिससे पूरे देश में झाड़ू से उनकी पहचान बनी।
दो लोकतंत्र, एक चिंता !

दो लोकतंत्र, एक चिंता !

भारत और हम हिंदुओं का क्या होगा, यह अपनी चिंता है! वही दुनिया इस चिंता में है कि अमेरिका और पश्चिमी सभ्यता का क्या होगा
डॉ. मनमोहन सिंह और जिमी  कार्टर की अंत्येष्टि का फर्क!

डॉ. मनमोहन सिंह और जिमी कार्टर की अंत्येष्टि का फर्क!

मौत भी कौम और देश की मानवीय बुनावट का अंतर प्रकट करती है!
नाम न पूछो बीहड़ का !

नाम न पूछो बीहड़ का !

न संस्कृत पांडुलिपियों की खोज हो पाती। न उनका संस्कृत से अंग्रेजी में अनुवाद हो पाता और न कश्मीर व भारत का इतिहास (जैसा भी हो) लिखा होता।
डॉ. मनमोहन सिंह भारत के आखिरी बुद्धिवान और उम्दा प्रधानमंत्री !

डॉ. मनमोहन सिंह भारत के आखिरी बुद्धिवान और उम्दा प्रधानमंत्री !

शीर्षक चौंका सकता है। पर जरा समकालीन भारत अनुभवों और उनकी दिशा में झांके तो अगले बीस-पच्चीस वर्षों की क्या भारत संभावना दिखेगी?
खबर एक ही है, सिर्फ एक- मौसम!

खबर एक ही है, सिर्फ एक- मौसम!

हरे भरे चरागाहों, संसाधनों तथा जिंदगी जीने लायक अनुकूल मौसम और स्थितियों को तलाशते रहने की नियति लिए हुए है!
बच्चे पैदा करने से ज्यादा जरूरी हिंदू बच्चों को भेड़ नहीं सत्यवादी इंसान बनाएं!

बच्चे पैदा करने से ज्यादा जरूरी हिंदू बच्चों को भेड़ नहीं सत्यवादी इंसान बनाएं!

अपने सिन्हा साहब ने दिल्ली लौट पुश्तैनी प्रदेश के हाल बताए। लखनऊ के महानगर इलाके में उनके भाई-बंदों का घर है।
अडानी पर कुरबान भारत!

अडानी पर कुरबान भारत!

भारत पूंजीवाद का नया इतिहास रच रहा है! भारत मानों गौतम अडानी का गिरवी हो गया है! यदि अडानी ग्रुप का कोई भी भंडा फूटे तो वह दुश्मन के...
उपसंहारः मध्यकाल की ओर!

उपसंहारः मध्यकाल की ओर!

हम हिंदुओं की नियति है कि आगे बढ़ते हैं, फिर पीछे लौटते हैं। आधुनिकता की ओर कदम बढ़ाते हैं और पुरातन में लौटते हैं!
मुसलमान को धिम्मी बनाकर रखेंगे या धर्मांतरित करेंगे या मारेंगे?

मुसलमान को धिम्मी बनाकर रखेंगे या धर्मांतरित करेंगे या मारेंगे?

कितना खराब है जो भारत ने संविधान में ‘सेकुलर’ रखा हुआ है और व्यवहार उस हिंदूपने का है, जिसमें न उद्देश्य मालूम है और न स्पष्टता और न बहादुरी...
संविधान में ‘सेकुलर’ और बगल में बुलडोजर!

संविधान में ‘सेकुलर’ और बगल में बुलडोजर!

आखिर भारत हिंदुओं का अपना घर, घरौंदा है। वे जो चाहेंगे वही होना चाहिए। खासकर तब जब हमें नरेंद्र मोदी, अमित शाह, योगी आदित्यनाथ, गिरिराज सिंह जैसे योद्धा और...
समस्या मुसलमान से नहीं  हिंदू ‘निरुद्देश्यता’ से है!

समस्या मुसलमान से नहीं  हिंदू ‘निरुद्देश्यता’ से है!

दुनिया भर में भटकते, खटकते, मरते हुए भी यहूदियों ने अपनी जिजीविषा में अपना बौद्धिक बल बनाए रखा। वे हम हिंदुओं की तरह कलियुगी बुद्धि में कलुषित नहीं हुए।
जिन्ना का सपना पूरा करना या भारत के टुकड़े?

जिन्ना का सपना पूरा करना या भारत के टुकड़े?

हम हिंदू फड़ाफड़ा रहे हैं! इतिहास में लौट रहे हैं। और नरेंद्र मोदी हों या योगी आदित्यनाथ, कोई बूझ नहीं रहा है कि वे मनसा, वाचा, कर्मणा भारत के...
हम हिंदू क्या चाहते है?

हम हिंदू क्या चाहते है?

क्या मुसलमान का भुर्ता बनाना हैं? उन्हे पालतू बनाना हैं? या आ बैल मुझे मार में 1947 से पहले के मुस्लिम डायरेक्ट एक्शन को न्योतना है? 
अडानीः मोदी का राजधर्म!

अडानीः मोदी का राजधर्म!

याद करें भारत में कौन सा राजा (सम्राट अशोक से लेकर पृथ्वीराज चौहान या मुस्लिम-अंग्रेज शासकों के कार्यकाल में), प्रधानमंत्री ऐसा हुआ, जिसने किसी उद्योगपति-व्यापारी की पैरोकारी को अपना...
विपक्ष न बेईमान और न एकजुट!

विपक्ष न बेईमान और न एकजुट!

जो हरियाणा में हुआ वह महाराष्ट्र में है! ऐसा ही आगे दिल्ली, बिहार और उत्तर प्रदेश में भी होगा। इसलिए क्योंकि विपक्ष लगातार मोदी-शाह को कमतर आंकते हुए है।
बीहड़ में प्रदूषण!

बीहड़ में प्रदूषण!

फिर वहीं राग पुराना है! आंखों में जलन, गले में खराश, दिल में धुआं और दिमाग में बेचैनी कि करें तो क्या करें!
पहिया पीछे घूम रहा है!

पहिया पीछे घूम रहा है!

अच्छा है या बुरा, पता नहीं लेकिन पहिया पीछे की ओर घूम रहा है। हिंदू महाभारत के द्वापर युग में लौट रहे हैं।
आंखों के आगे इतिहास!

आंखों के आगे इतिहास!

अमेरिकी मतदाता तय करेंगे कि वे अपने सभ्यतागत मूल्यों और सांचे की निरंतरता में कमला हैरिस को जिताते हैं या वैयक्तिक तानाशाही जिद्द वाले डोनाल्ड़ ट्रंप को
अमेरिका क्या बरबादी न्योतेगा?

अमेरिका क्या बरबादी न्योतेगा?

यों कोई भी देश हार्ट अटैक से नहीं मरा करता। सभ्यता-संस्कृति अचानक मुर्दा नहीं बनती।
गृहयुद्ध कितने दशक बाद?

गृहयुद्ध कितने दशक बाद?

सवाल चौंका सकता है। लेकिन यदि विदेशियों के शासन को छोड़ कर सोचें तो हिंदू शासनों के दौरान हिंदुस्तान में स्थिरता कब, कहां, कितनी रही है?
‘घृणा’ अब अपना धर्म

‘घृणा’ अब अपना धर्म

कैसा तो विकसित भारत होगा? कैसे एक भारत, श्रेष्ठ भारत जैसी जुमलेबाजी कोई शक्ल लेगी?
मुसलमान क्या मनुष्य नहीं?

मुसलमान क्या मनुष्य नहीं?

दि ऐसा है तो गाजा, पश्चिमी बैंक, लेबनान, सीरिया आदि में इजराइली सेना की कार्रवाई से बचने के लिए भयाकुल, भूखे-बेहाल मुसलमानों को बगल के इस्लामी देश शरण क्यों...
सौ साल के जिमी कार्टर!

सौ साल के जिमी कार्टर!

वे अमेरिकी इतिहास के पहले शतायु राष्ट्रपति हैं। इसलिए स्वाभाविक है जो मंगलवार को अमेरिका उनका अभिनंदन करता हुआ होगा।
मोदी राज का ‘प्रसादम्’

मोदी राज का ‘प्रसादम्’

तब मैंने और प्राण प्रतिष्ठा के लिए अयोध्या गए सभी हिंदू भद्रजनों, साधु-संतों ने पशुचर्बीयुक्त घी का प्रसाद खाया? और बतौर मुख्य यजमान मोदी ने उसी का भोग रामलला...
बीहड़ (भारत) में बारिश!

बीहड़ (भारत) में बारिश!

सुध नहीं इसलिए ओझल है अन्यथा मौजूदा भारत बीहड़ है। तभी भारत का हर दिन बीहड़ कथा का दिन है। और कथा दिन में एक नहीं, बल्कि असंख्य।
गधेड़ो!

गधेड़ो!

क्या ‘गधा’ मनुष्य हो सकता है? हां, भारत में सब संभव है! वह राजा बन सकता है, मंत्री बन सकता है, कलेक्टर, तहसीलदार, पटवारी कुछ भी बन सकता है।
राजनीति हमें बीहड़ में ले आई!

राजनीति हमें बीहड़ में ले आई!

बंगाल बदनाम है और बांग्ला मानस घायल। उधर बांग्लादेश में हिंदुओं को जान के लाले पड़े हैं। और नरेंद्र मोदी, अमित शाह, हिमंत बिस्वा सरमा उसमें हवा दे रहे...
शिखर से जब लुढ़के हैं तो मोदी को और लुढ़कना ही है!

शिखर से जब लुढ़के हैं तो मोदी को और लुढ़कना ही है!

सोचें, कोई व्यक्ति एवरेस्ट पर खड़ा है। वह शिखर पर अपने को शिव मान तांडव कर रहा है और एक दिन अचानक उसके पांव के नीचे की जमीन-बर्फ खिसकी
भीड़ है तो बुद्धी संभव ही नहीं!

भीड़ है तो बुद्धी संभव ही नहीं!

सोचना संभव नहीं है पर देखना तो है! और हाल में दिखा क्या बतलाता है? भारत तांबा है सोना नहीं! यदि ओलंपिक में लौह पदक होते तो वे भी...
हसीना का हश्र और भारत!

हसीना का हश्र और भारत!

हां, सबक इस नाते कि बांग्लादेश में उलटफेर न केवल भू राजनीति में भारत को भारी झटका है वही भारत के अंदरूनी हालातों में सोचने का एक पहलू भी...
तो अमित शाह अब अहमद शाह अब्दाली!

तो अमित शाह अब अहमद शाह अब्दाली!

अमित शाह की छाती छप्पन इंची हो गई होगी। आखिर उद्धव ठाकरे ने उन्हे अहमद शाह अब्दाली जो बताया।
भागवत में क्यों हिम्मत नहीं?

भागवत में क्यों हिम्मत नहीं?

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने नरेंद्र मोदी को लक्षित कर वह सब कहा, जिसकी कल्पना नहीं थी। और भागवत ने एक शब्द गलत नहीं बोला।
‘ठग’ से ‘सज्जन’ और ‘झूठ’ से ‘सत्य’ कैसे लड़े!

‘ठग’ से ‘सज्जन’ और ‘झूठ’ से ‘सत्य’ कैसे लड़े!

यदि ठग व्यक्ति, झूठ बोलने में गुरू हो तो करेला नीम पर चढ़ा। तभी इन दिनों डोनाल्ड ट्रम्प जैसा ठग और झूठा राजनीति का प्रतिमान है।