जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुए हालिया आतंकी हमले के बाद, सुरक्षा के मद्देनज़र राज्य सरकार ने एक बड़ा निर्णय लिया है। इस हमले के बाद चारधाम यात्रा पर आने वाले पाकिस्तानी हिंदू नागरिकों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है।
अब पाकिस्तान से आने वाले हिंदू यात्री चारधाम यात्रा में भाग नहीं ले सकेंगे। सरकार ने इन सभी यात्रियों के पंजीकरण को रद्द करने का आदेश दिया है।
गौरतलब है कि तकरीबन 77 पाकिस्तानी हिंदू नागरिकों ने चारधाम — यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ — के दर्शन हेतु पंजीकरण कराया था।
परंतु, हालात को देखते हुए इन यात्रियों के लिए यात्रा के रास्ते बंद कर दिए गए हैं। सरकार का यह कदम यात्रियों और स्थानीय लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
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चारधाम यात्रा, जो इस वर्ष 30 अप्रैल से शुरू हो रही है, के लिए 20 मार्च से ऑनलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई थी। अब तक कुल 21 लाख से अधिक श्रद्धालु यात्रा के लिए अपना पंजीकरण कर चुके हैं।
इनमें से 24,729 पंजीकरण विदेशी नागरिकों द्वारा किए गए हैं। इसी सूची में पाकिस्तान से 77 यात्रियों ने भी रजिस्ट्रेशन कराया था, जिसे अब निरस्त कर दिया गया है।
24 हजार से ज्यादा विदेशी नागरिकों के पंजीकरण
चारधाम यात्रा उत्तराखंड का एक अत्यंत महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है, जिसमें देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु भगवान के पवित्र धामों के दर्शन हेतु आते हैं।
हालांकि, इस वर्ष की यात्रा में आतंकी हमले के मद्देनज़र अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता बन गई है और इसी के चलते राज्य सरकार ने यह कठोर लेकिन आवश्यक कदम उठाया है।
सरकार और प्रशासन ने चारधाम यात्रा के दौरान सुरक्षा के व्यापक इंतजाम करने के भी निर्देश जारी किए हैं, ताकि श्रद्धालु निर्भय होकर अपनी आस्था की यात्रा पूरी कर सकें।
चारधाम यात्रा से जुड़ी सभी व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद करने के प्रयास किए जा रहे हैं और संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा बलों की तैनाती भी बढ़ा दी गई है।
इस फैसले से जहां एक ओर सुरक्षा को लेकर कड़े संदेश दिए जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उन श्रद्धालुओं के लिए निराशा भी है जो सीमाओं के पार से अपनी श्रद्धा और विश्वास के साथ चारधाम यात्रा पर आना चाहते थे। फिर भी, वर्तमान परिस्थितियों में यह निर्णय सभी यात्रियों और स्थानीय जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु अनिवार्य बन गया है।
पहलगाम हमले के बाद चारधाम यात्रा पर महत्वपूर्ण निर्णय
हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए केंद्र और राज्य सरकारों ने कई अहम कदम उठाए हैं।
उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज ने इस संबंध में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि चार धाम यात्रा के लिए पाकिस्तान से पंजीकरण कराने वाले नागरिकों के रजिस्ट्रेशन रद्द किए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि अभी तक पाकिस्तान से लगभग 77 नागरिकों ने चार धाम यात्रा हेतु अपना पंजीकरण कराया था, जिन्हें अब रद्द किया जा रहा है।
मंत्री महाराज ने स्पष्ट किया कि यह निर्णय केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप लिया जा रहा है, जिसमें भारत में रह रहे पाकिस्तान नागरिकों के वीजा भी निरस्त किए जा रहे हैं।
ऐसे में पाकिस्तान से चारधाम यात्रा पर आने वाले यात्रियों के लिए भी वही नियम लागू होंगे। सरकार का यह कदम यात्रियों और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है, ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को रोका जा सके और श्रद्धालुओं को सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराया जा सके।
कांग्रेस ने कहा सभी को यात्रा करने दी जाए
वहीं दूसरी ओर, इस निर्णय का विरोध करते हुए कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष श्री सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि चारधाम यात्रा केवल उत्तराखंड का धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह पूरे सनातन धर्म की आस्था का केंद्र है।
दुनियाभर से सनातन धर्मावलंबी श्रद्धालु इन पवित्र धामों के दर्शन हेतु आते हैं। उन्होंने आग्रह किया कि किसी भी श्रद्धालु को, चाहे वह किसी भी देश का नागरिक हो, धार्मिक यात्रा से वंचित न किया जाए।
धस्माना ने यह भी स्वीकार किया कि पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा के मद्देनजर सतर्कता आवश्यक है, लेकिन उन्होंने यह मांग रखी कि श्रद्धा और भक्ति के रास्ते में राष्ट्रीयता की दीवार खड़ी न की जाए। उन्होंने सरकार से अपील की कि धर्म और आस्था के मामले में उदारता बरती जाए और सभी देशों के श्रद्धालुओं को समान अवसर प्रदान किए जाएं।
इस पूरे घटनाक्रम ने चारधाम यात्रा के प्रति देश की सुरक्षा नीतियों और धार्मिक पर्यटन के बीच संतुलन साधने की चुनौती को एक बार फिर सामने ला दिया है। सरकार जहां सुरक्षा को सर्वोपरि मान रही है, वहीं विपक्ष धार्मिक स्वतंत्रता और वैश्विक सनातन एकता के मूल्यों की वकालत कर रहा है।
आगामी समय में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार इस मुद्दे पर किस प्रकार का संतुलन स्थापित करती है, ताकि सुरक्षा भी बनी रहे और श्रद्धालुओं की भावनाओं का भी सम्मान हो।