गंगटोक। पूर्वोत्तर में बारिश का कहर जारी है। पिछले चार दिन से लगातार बारिश जारी है। भारी बारिश की वजह से रविवार की शाम को सेना का एक शिविर भूस्खलन की चपेट में आ गया। इसमें तीन जवानों की मौत हो गई। इनके शव बरामद हो गए हैं। राहत व बचाव की टीम ने चार लोगों को मलबे से जिंदा निकाला गया है। उन्हें मामूली चोटें आई हैं। बताया जा रहा है कि छह जवान अभी लापता हैं। उनकी तलाश की जा रही है।
सेना ने सोमवार को घटना की जानकारी देते हुए बताया कि जिन जवानों के शव मिले हैं, उनकी पहचान हवलदार लखबिंदर सिंह, लांस नायक मनीष ठाकुर और पोर्टर अभिषेक लाखड़ा के रूप में हुई है। इस बीच सिक्किम के लाचेन और लाचुंग में 30 मई से फंसे एक हजार से ज्यादा पर्यटकों को सोमवार को सुरक्षित निकाल लिया गया है। गौरतलब है कि सिक्किम में अक्टूबर, 2023 में बादल फटने के बाद तीस्ता नदी में अचानक बाढ़ आने से 18 लोगों की मौत हो गई थी। कम से कम 98 लोग लापता हो गए थे, जिसमें सेना के 22 जवान शामिल थे। इनका कुछ पता नहीं चल पाया था।
पूर्वोत्तर में भारी बारिश का कहर जारी
बहरहाल, सिक्किम सहित पूर्वोत्तर के कई राज्यों में पिछले चार दिनों से भारी बारिश हो रही है। बारिश के कारण बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं में अब तक 37 लोगों की जान गई है। इसमें असम में 10, अरुणाचल प्रदेश में नौ, मेघालय में छह और मिजोरम में पांच मौतें शामिल हैं। पूर्वोत्तर राज्यों में राहत और बचाव के लिए भारतीय सेना, वायु सेना और असम राइफल्स के जवानों को तैनात किया गया है।
असम में साढ़े तीन लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। भारी बारिश की वजह से ब्रह्मपुत्र और बराक समेत 10 प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। मणिपुर में बाढ़ से करीब 20 हजार लोग प्रभावित हुए हैं और हजारों की संख्या में घर टूटे हैं। त्रिपुरा में 10 हजार से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। मिजोरम की राजधानी आइजोल में भारी बारिश के कारण दो जून को सभी स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया गया है।
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