नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ ने भले पाकिस्तान को कर्ज दे दिया हो या विश्व बैंक उसके कर्ज की मंजूरी देने वाला हो लेकिन भारत ने हार नहीं मानी है। भारत अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के सामने पाकिस्तान की पोल खोलेगा और उसे फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स यानी एफएटीएफ की ग्रे सूची में शामिल कराएगा। इसके लिए भारत एफएटीएफ के साथ मिल कर मजबूत केस तैयार करेगा।
बताया जा रहा है कि जून में विश्व बैंक की बैठक होने वाली है, जिसमें भारत यह मुद्दा उठाएगा। न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि भारत मान रहा है कि पाकिस्तान अपनी जमीन पर आतंकवाद को खत्म करने में नाकाम रहा है और पाकिस्तान सरकार देश को हो रही फंडिंग को हथियार और गोला, बारूद खरीदने में खर्च करती है। ऐसे ही पाकिस्तान आतंकवादियों को होने वाली फंडिंग नहीं रोक पाया है और न काले धन व धन शोधन पर रोक लगा पाया है। यह उसे ग्रे सूची में डालने के लिए पर्याप्त है।
गौरतलब है कि 2018 में पाकिस्तान को एफएटीएफ की ग्रे सूची में डाला गया था। लेकिन 2022 में उसे बाहर निकाल दिया गया। अब कहा जा रहा है कि भारत जून 2025 में विश्व बैंक के साथ होने वाली मीटिंग में पाकिस्तान को फंडिंग दिए जाने के मुद्दे को उठाएगी। इसके अलावा भारत सरकार पाकिस्तान को एफएटीएफ की ग्रे सूची में वापस डालने का मुद्दा भी रखेगी। ऐसा करके भारत पाकिस्तान का 20 अरब डॉलर का लोन पैकेज रोकना चाहता है।