समाजवादी पार्टी ने कमाल ही किया है। उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पिछले दिनों महाराष्ट्र गए तो उन्होंने पांच मुस्लिम उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए। वैसे तो उनकी पार्टी ने 12 सीटों की मांग की है लेकिन महाराष्ट्र में उनकी पार्टी के सबसे बड़े इकलौते नेता अबू असीम आजमी ने कह दिया है कि पांच सीटें नहीं मिलीं तो पार्टी 25 सीटों पर लड़ेगी। इसका मतलब है कि पार्टी को वहीं पांच सीट चाहिए, जिस पर अखिलेश यादव ने मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं। इसी तरह उत्तर प्रदेश की नौ सीटों पर पार्टी ने उम्मीदवारों की घोषणा की तो उसमें चार मुस्लिम नाम हैं। ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस के साथ मुस्लिम वोट के लिए चल रहे अंदरूनी संघर्ष में बाजी मारने के लिए अखिलेश ने यह दांव आजमाया है।
उत्तर प्रदेश में उन्होंने अपने पीडीए यानी पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक के प्रयोग अल्पसंख्यक को सबसे पहले रखा। उन्होंने चार मुस्लिम, तीन पिछड़ा और दो दलित उम्मीदवार उतारा। हालांकि इस तरह का पीडीए प्रयोग उन्होंने महाराष्ट्र में नहीं किया। सो, कह सकते हैं कि पार्टी ने उपचुनाव और राज्यों के चुनाव में 14 सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए हैं, जिनमें से नौ मुस्लिम हैं। महाराष्ट्र में भी जो घोषित नाम हैं उनमें भी ज्यादातर उत्तर प्रदेश के ही मुस्लिम हैं। तभी यूपी में उनके पीडीए प्रयोग पर सवाल उठ रहे हैं। उन्होंने लोकसभा चुनाव में फैजाबाद की सामान्य सीट पर दलित उम्मीदवार की जीत के प्रयोग की सफलता के बाद इस बार उपचुनाव में गाजियाबाद की सामान्य सीट पर दलित उम्मीदवार उतार दिया है। सो, यह देखना होगा कि लोकसभा चुनाव की तरह पिछड़ा और दलित उनके साथ जुड़ता है या सिर्फ मुस्लिम और यादव वोट ही साथ रहता है?