बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विदेश जा रहे हैं। उनका पांच मार्च को स्कॉटलैंड जाने का कार्यक्रम है। बताया जा रहा है कि हाल में राज्यसभा भेजे गए पूर्व मंत्री संजय झा और मुख्यमंत्री के सलाहकार दीपक कुमार भी उनके साथ जा रहे हैं। जानकार सूत्रों का कहना है कि किसी खास इलाज और चेकअप के लिए वे स्कॉटलैंड जा रहे हैं। Nitish kumar to visit UK
गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से उनकी सेहत को लेकर और खास कर मानसिक स्वास्थ्य को लेकर सवाल उठते रहे हैं। अगर लोकसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले वे विदेश दौरे पर और वह भी स्कॉटलैंड जैसे देश के दौरे पर जा रहे हैं तो इसका मतलब है कि कोई इमरजेंसी है अन्यथा राज्य में चल रही उठापटक, सीट बंटवारे की बातचीत और उम्मीदवारों की घोषणा के बीच मुख्यमंत्री का विदेश दौरा नहीं होता।
राज्य में कई तरह से उठापटक चल रही है। एक तो एनडीए की सहयोगी पार्टियों के बीच सीटों का बंटवारा फाइनल नहीं हो पा रहा है। चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा दोनों नाराज बताए जा रहे हैं। चार विधायकों वाली पार्टी के नेता जीतन राम मांझी लगातार नीतीश को निशाना बना रहे हैं तो दूसरी ओर भाजपा विधायकों की तोड़ फोड़ में लगी है।
नीतीश सरकार के विश्वास मत हासिल करने के बाद भाजपा ने राजद और कांग्रेस के सात विधायक तोड़ दिए हैं। राजद के पांच और कांग्रेस के दो विधायक पाला बदल कर भाजपा के साथ चले गए हैं। विपक्षी गठबंधन की संख्या इससे कम हुई है। दूसरी ओर सीपीआई एमएल के एक विधायक की सदस्यता समाप्त हो गई है। सो, विपक्षी गठबंधन के विधायकों की संख्या 107 रह गई है। इसमें भी कुछ और लोग पाला बदलने वाले हैं।
दूसरी ओर भाजपा, मांझी और असंबद्ध सदस्यों की संख्या 89 हो गई है। तभी कहा जा रहा है कि भाजपा अपनी संख्या सौ के ऊपर ले जाने की कोशिश में जुटी है और तब वह निर्णायक रूप से नीतीश को हटाने का दांव चल सकती है। एक तरफ विपक्ष की संख्या घट रही है और भाजपा के साथ जुड़ने वालों की संख्या बढ़ रही है।
दूसरे, स्पीकर की कुर्सी पर भाजपा के नंद किशोर यादव बैठे हैं और तीसरे, नीतीश को कुर्सी से हटाने का संकल्प करके पगड़ी बांधने वाले भाजपा नेता सम्राट चौधरी ने उप मुख्यमंत्री बन जाने के बाद भी अभी पगड़ी नहीं खोली है।
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