बिहार में पांच महीने के बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। इस बार हर हाल में त्रिकोणात्मक संघर्ष होगा। एक तरफ नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए है तो दूसरी ओर तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन यानी ‘इंडिया’ ब्लॉक है। इन दोनों के अलावा तीसरी ताकत प्रशांत किशोर की है। उनकी जन सुराज पार्टी हर सीट पर चुनाव लड़ेगी।
इस समय प्रशांत किशोर बिहार का दौरा कर रहे हैं और अलग अलग शहरों में उनकी रैलियों में जैसी भीड़ जुट रही है उसे देखते हुए लग रहा है कि किसी गठबंधन को उनको कमजोर मानने की गलती नहीं करनी चाहिए। इस बीच महागठबंधन में तालमेल के लिए और सीट बंटवारे के लिए तीन बैठकें हुई हैं। पहली बैठक राजद ने कराई। दूसरी बैठक कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय में हुई और तीसरी बैठक विकासशील इंसान पार्टी के मुकेश सहनी ने कराई है।
उससे पहले यानी 2015 में कांग्रेस 43 सीटों पर लड़ी थी। इस बार भी राजद की ओर से उसे वही प्रस्ताव दिया जा रहा है और उसके कोटे से बची हुई सीटें मुकेश सहनी को दी जाएंगी। कांग्रेस के नेता इससे काफी परेशान हुए हैं। कांग्रेस के एक जानकार नेता ने कहा कि उनकी न्यूनतम सीमा 50 सीट की है। कांग्रेस चाहती है कि राजद अपने कोटे की सीट भी कम करे। वह पिछली बार 144 सीट पर लड़ी थी। इस बार लेफ्ट खास करर सीपीआई माले ने ज्यादा सीटों की नमांग की है।
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