बिहार में इस साल विधानसभा का चुनाव होने वाला है और उससे पहले राज्य में धार्मिक कार्यक्रमों की बहार आई है। देश भर के सारे कथित धार्मिक और आध्यात्मिक गुरू लोग बिहार पहुंचने लगे हैं। बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र शास्त्री ने बिहार पहुंच कर अपना दरबार लगाया और कई विवादित बयान दिया तो आर्ट ऑफ लिविंग वाले श्री श्री रविशंकर भी बिहार पहुंचे और महासत्संग शुरू किया। इस बीच राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत भी बिहार पहुंचे और कई जिलों का दौरा किया। इन तीनों के कार्यक्रमों के बीच यह सवाल उठ रहा है कि यह संयोग है या बिहार चुनाव की तैयारियों की योजना का हिस्सा है?
बहरहाल, सबसे बड़े कार्यक्रम में बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री ने किया। उन्होंने गोपालगंज में दरबार लगाया और हिंदू राष्ट्र के निर्माण की बात कही। बिहार पहुंचने से पहले ही उन्होंने दावा किया कि उनको बिहार आने से रोका जा रहा है। बाद में बिहार पहुंच कर उन्होंने कहा कि उनको जितना रोका जाएगा वे उतना ज्यादा बिहार आएंगे। धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि उनको रोका गया तो प्राण त्याग देंगे और बिहार में ही जन्म ले लेंगे। इस तरह के कई नाटकीय बयान उन्होंने दिए। धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि वे हिंदुत्व के प्रचारक हैं और हिंदुओं के संख्या कभी घटने नहीं देंगे। चुनावी साल में उनके बयान से विवाद भी हो रहा है। लेकिन उनके दरबार में दो से पांच लाख तक लोग जुट रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि वे हिंदुत्व की अलख जगा कर चुनावी राजनीति में ध्रुवीकरण का काम कर रहे हैं। सबको पता है कि इसका फायदा किसको होगा।
इसी तरह श्री श्री रविशंकर बिहार पहुंचे तो उन्होंने पटना के गांधी मैदान में महासत्संग किया। एक साथ 50 हजार से ज्यादा लोग वहां जुटे। उनके मंच पर भाजपा के दोनों उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा और वरिष्ठ मंत्री प्रेम कुमार मौजूद थे। उन्होंने कहा कि वे महाकुंभ से होकर आए हैं और अब बिहार में भी कुंभ हो गया। उन्होंने फिर से बिहार आने की बात भी कही। उन्होंने बिहार में कई काम करने का ऐलान किया लेकिन हिंदू, मुस्लिम के नैरेटिव से वे भी नहीं बचे। उन्होंने कहा कि वे बिहार के लिए विशेष मेहमान लेकर आए हैं। रविशंकर ने कहा, जब एक हजार साल पहले गजनी ने शिवलिंग के टुकड़े किए थे तो उन टुकड़ों को अग्निहोत्री लोग लेकर दक्षिण भारत चले गए। उन्हें भगवान को ऐसे देख कर पीड़ा होती थी तो इसका शिवलिंग बना दिया। एक हजार साल तक अपने घर में रखा। भारत स्वतंत्र हो जाएगा, राम मंदिर का निर्माण हो जाएगा। तब इसको निकाला। सोमनाथ जी आज पधारे हैं। यह सब की इच्छा पूरी करते हैं।
उधर राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत बिहार पहुंचे तो सीमांचल के सुपौल से लेकर उत्तर में मुजफ्फरपुर तक दौरा किया। सुपौल में उन्होंने विद्या भारती की ओर से संचालित सरस्वती विद्या मंदिर के नए स्कूल के लोकार्पण में कहा कि यह आय़ोजन देख कर लग रहा है कि अब दुर्भाग्य के दिन समाप्त होने वाले हैं। गौरतलब है कि सीमांचल का इलाका मुस्लिम बहुल है। बाद में वे मुजफ्फरपुर पहुंचे और वहां संघ के एक पुराने कार्यकर्ता गए। वे शाखा में भी शामिल हुए। उनके बिहार दौरे से संघ और भाजपा के बीच तालमेल बेहतर होने की संभावना जताई जा रही है।