आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू ने भाजपा की उम्मीद पूरी कर दी। उन्होंने वाईएसआर कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले वी साई रेड्डी की राज्यसभा सीट भाजपा को दे दी। इसी महीने नौ मई को उस सीट के लिए उपचुनाव हुआ और चुपचाप भाजपा के प्रदेश के नेता पीवी सत्यनारायण उस सीट पर निर्विरोध चुन लिए गए। पहले कहा जा रहा था कि भाजपा आंध्र प्रदेश की सीट से तमिलनाडु के अपने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के अन्नामलाई को भेज सकती है।
यह भी कहा जा रहा था कि पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को भी राज्यसभा भेजा जा सकता है। लेकिन भाजपा ने कोई प्रयोग नहीं किया। माना जा रहा है कि टीडीपी नेता और राज्य के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने भाजपा को सीट देते हुए इसके लिए तैयार किया कि किसी स्थानीय नेता को ही राज्यसभा में भेजा जाए। सो, सत्यनारायण की लॉटरी लगी। सोचें, आंध्र प्रदेश में भाजपा के सिर्फ आठ विधायक हैं, लेकिन राज्यसभा में दो सांसद हो गए। दोनों नायडू की कृपा से।
चंद्रबाबू ने भाजपा को राज्यसभा सीट दी
अब भाजपा ऐसी ही कृपा अन्ना डीएमके के ई पलानीस्वामी से चाह रही है। असल में तमिलनाडु में राज्यसभा की छह सीटों के लिए 19 जून को चुनाव होना है। इनमें से दो सीटें एनडीए को मिलेंगी। पहले से ही दो सीटें एनडीए के पास हैं, एक पर अन्ना डीएमके और दूसरी पर पीएमके नेता व पूर्व केंद्री मंत्री अंबुमणि रामदॉस सांसद हैं। इस बार भाजपा चाहती है कि एक सीट अन्ना डीएमके उसको दे। पिछले दिनों भाजपा ने अन्ना डीएमके से तालमेल का ऐलान किया और पलानीस्वामी को नेता माना।
अगले साल विधानसभा चुनाव दोनों को मिल कर लड़ना है। भाजपा अपने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व आईपीएस के अन्नामलाई को राज्यसभा भेज सकती है। लेकिन मुश्किल यह है कि अन्ना डीएमके को पीएमके से भी अलायंस बनाए रखना है। भाजपा चाहती है कि रामदॉस परिवार में विवाद है। पार्टी के संस्थापक एस रामदॉस का अपने बेटे से विवाद चल रहा है। उन्होंने पार्टी पर फिर से अपना नियंत्रण बनाने का प्रयास किया है लेकिन कामयाबी नहीं मिली है। सो, अंबुमणि रामदॉस सर्वोच्च नेता हैं। उनको अन्ना डीएमके कैसे रोकेगी यह देखने वाली बात होगी।
Also Read:चौंकने की जरूरत नहीं
Pic Credit: ANI