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खराब तुकबंदी से बड़ी चिंताओं का जवाब

Lok Sabha Election 2024 Schedule

संसद में या संसद से बाहर सार्वजनिक कार्यक्रमों में नेता या पदाधिकारी अपनी बात बेहतर ढंग से कहने या अपनी बात में वजन लाने के लिए शेरो-शायरी किया करते थे। शनिवार को लोकसभा चुनाव की घोषणा करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने भी कुछ शायरी और कुछ दोहे सुनाए। पार्टियों के नेताओं को दलबदल को मौजूदा दौर में आपसी संबंधों का ख्याल रखने, निजी हमले नहीं करने की सलाह देते हुए उन्होंने बशीर बद्र का शेर सुनाया और रहीम का एक दोहा भी पढ़ा। Election Commission EVM

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दोनों विषय के अनुकूल थे और मौजूं थे। उन्होंने बशीर बद्र के शेर के जरिए यह सलाह दी है कि ‘दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे कि जब कभी हम दोस्त हो जाएं तो शर्मिंदा न हों’। इसी तरह ‘रहीमन धागा प्रेम का मत तोड़ो चटकाए’ का भी उन्होंने जिक्र किया।

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लेकिन जब चुनाव आयुक्त से इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम से होने वाली कथित गड़बड़ियों और विपक्ष के आरोपों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने अपनी लिखी एक खराब तुकबंदी सुनाई। चुनाव आयुक्त ने कहा कि ‘अधूरी हसरतों का इलजाम हर बार हम पर ही लगाना ठीक नहीं, वफा खुद से नहीं होती और खता ईवीएम की कहते हो। और बाद में जब परिणाम आता है तो उसपे कायम भी नहीं रहते हो’। रदीफ, काफिया, मिसरा, मतला किसी भी नजरिए से यह शेर नहीं है और छंद, अनुप्रास के नजरिए से यह कोई दोहा या कविता है।

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कंटेट तो उससे भी खराब है। ईवीएम का सवाल बहुत गंभीर है और भारत के लोकतंत्र के बुनियाद से जुड़ा है। इसके जवाब में विपक्ष को लेकर सत्तारूढ़ दल के प्रवक्ता की तरह कोई बात कहना चुनाव आयोग जैसी संवैधानिक संस्था के शीर्ष पर बैठे अधिकारी को शोभा नहीं देती है। विपक्ष की हसरतें अधूरी हैं या उसकी वफा खुद से नहीं होती, वह अपनी बात पर कायम नहीं रहता आदि बातें थोड़ी राजनीतिक हो गईं, ऐसा लगा, जैसे मुख्य चुनाव आयुक्त इस मामले में अपनी भड़ास निकालने की तैयारी करके आए थे, जबकि जवाब एक संवैधानिक प्राधिकार के तौर पर दिए जाने की जरुरत थी।

By NI Political Desk

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