nayaindia Lok Sabha Chunav Election Commission चुनाव आयोग दोहरा रैवया नहीं रख सकता
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चुनाव आयोग दोहरा रैवया नहीं रख सकता

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election commission uddhav thackeray
election commission uddhav thackeray

लोकसभा चुनाव के प्रचार में चुनाव आयोग को कदम कदम पर अपनी निष्पक्षता और स्वतंत्रता का परिचय देना होता है। उसके हर कदम पर लोगों की नजर रहती है और पार्टियां खुल कर उसके ऊपर टिप्पणी करती हैं। लेकिन ऐसा लगता है कि चुनाव आयोग ने भी अपने आंख और कान बंद कर लिए हैं। उसे जो करना है वह कर रहा है। उसे इस की परवाह नहीं है कि लोग क्या कह रहे हैं। सोचें, लोग कुछ भी कहते रहें लेकिन प्रधानमंत्री को नोटिस नहीं देना पड़े इसके लिए चुनाव आयोग ने नया नियम बना लिया। यह तय कर दिया कि स्टार प्रचारक पर आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगेगा तो नोटिस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को जाएगा। इसलिए कांग्रेस या दूसरी विपक्षी पार्टियां प्रधानमंत्री पर जितना आरोप लगाएंगी उन सब मामलों में नोटिस जेपी नड्डा को जाएगा।

इसी तरह संभावित लाभार्थियों का पंजीयन कराने का मामला है। चुनाव आयोग ने पार्टियों से कहा है कि वे संभावित लाभार्थियों का पंजीयन नहीं कराएं। असल में भाजपा ने शिकायत की थी कि कांग्रेस फॉर्म भरवा कर जमा करा रही है और वादा कर रही है कि फॉर्म भरने वालों को चुनाव के बाद क्या क्या लाभ मिलेंगे। कांग्रेस ने अपनी जो गारंटी योजना घोषित की है उसके तहत घर घर गारंटी अभियान चल रहा है, जिसे पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने दिल्ली से ही शुरू किया था। भाजपा का कहना है कि यह मतदाताओं को रिश्वत देने जैसा है और इस शिकायत पर चुनाव आयोग सक्रिय भी हो गया। लेकिन पिछले ही साल के अंत में छत्तीसगढ़ में चुनाव हुआ था, जहां भाजपा ने लाखों की संख्या में महिलाओं का पंजीयन कराया था और महतारी वंदन योजना का फॉर्म भरवाया था। वह गेमचेंजर साबित हुआ था। लेकिन तब भाजपा को यह रिश्वत देने जैसा नहीं लगा और न चुनाव आयोग को लगा कि ऐसा नहीं होना चाहिए। अब कांग्रेस की गारंटी योजना को लेकर भाजपा और आयोग दोनों चिंता में हैं।

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