nayaindia Punjab politics पंजाब में अब चुनाव चारकोणीय हो गया

पंजाब में अब चुनाव चारकोणीय हो गया

पंजाब में ऐसा लग रहा था कि चुनाव त्रिकोणात्मक होगा, जिसमें सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी और मुख्य विपक्षी कांग्रेस के मुकाबले अकाली दल और भाजपा का गठबंधन मजबूती से चुनाव लड़ेगा। पिछले दिनों हुए जालंधर के उपचुनाव में देखने को मिला कि चारकोणीय मुकाबले में आम आदमी पार्टी जीती लेकिन तीसरे और चौथे नंबर पर रहे अकाली दल और भाजपा के वोट मिला कर उसके लगभग बराबर हो रहे थे।

इन दोनों का साझा वोट कांग्रेस के वोट से छह फीसदी ज्यादा था। इसलिए त्रिकोणात्मक मुकाबला होता तो संभव था कि अकाली दल और भाजपा को फायदा होता। लेकिन चारकोणीय मुकाबला होने से अब चुनाव ज्यादा दिलचस्प हो गया है। अब पलड़ा किसी तरफ झुक सकता है।

भाजपा और अकाली दल के अलग अलग होते ही भाजपा ने पहला बड़ा दांव चला और कांग्रेस के लुधियाना के सांसद रवनीत सिंह बिट्टू को पार्टी में शामिल करा लिया। बिट्टू आतंकवादी हमले में मारे गए पंजाब के मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते हैं। उनकी खास बात यह है कि उन्होंने 2014 में आनंदपुर साहिब से और 2019 में लुधियाना से चुनाव लड़ा और दोनों बार जीते। वे प्रदेश के युवा और उभरते हुए नेता हैं।

उनसे पहले पटियाला सीट से कांग्रेस की सांसद परनीत कौर भी भाजपा में शामिल हो गईं। पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह पहले से भाजपा में हैं। उनके साथ ही सुनील जाखड़ भी भाजपा में गए थे, जो अब प्रदेश अध्यक्ष हैं। जाटों में उनका अच्छा असर है और उनकी अबोहर विधानसभा सीट फिरोजपुर लोकसभ के तहत आती है। इस तरह लुधियाना, पटियाला और फिरोजपुर तीन सीटों पर भाजपा को मजबूत उम्मीदवार मिल गए हैं। गुरदासपुर सीट से पहले विनोद खन्ना और पिछली बार सन्नी देओल भाजपा की टिकट पर जीते। इस बार भी किसी फिल्मी हस्ती को उस सीट से उतार कर भाजपा वहां भी कड़ा मुकाबला बनवा सकती है।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

और पढ़ें