Biden

  • गणतंत्र दिवस पर बाइडेन नहीं आएंगे भारत

    नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन इस साल गणतंत्र दिवस के अवसर पर भारत नहीं आ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें राजपथ पर होने वाली गणतंत्र दिवस परेड में बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किया था। भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी ने इस बारे में जानकारी दी थी। बाइडेन के भारत आने का कार्यक्रम टलने के साथ ही भारत में जनवरी में होने वाला क्वाड सम्मेलन भी टाल दिया गया है। यह बैठक 26 जनवरी के आसपास होने वाली थी। बताया जा रह है कि क्वाड की बैठक के लिए भारत ने जो शेड्यूल तय किया...

  • बाइडेन-जिनफिंग सम्पर्क रखने की सहमति

    सैन फ्रांसिस्को। लम्बे इंतजार के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनफिंग की मुलाकात हुई। अमेरिका की यात्रा पर पहुंचे जिनफिंग ने राष्ट्रपति बाइडेन के साथ चार घंटे तक बातचीत की, जिसमें इस बात पर सहमति बनी कि दोनों देश एक दूसरे सम्पर्क में रहेंगे और खुली व स्पष्ट बातचीत करते रहेंगे ताकि कोई गलतफहमी न हो। मुलाकात के बाद बाइडेन ने कहा कि उन्होंने मानवाधिकारों को लेकर भी जिनफिंग से बात की है। बाद में उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका और चीन की शासन प्रणाली बिल्कुल अलग है। इस क्रम में उन्होंने जिनफिंग को...

  • टकराव टालने पर सहमति

    तीन पहलुओं के अलावा कोई बड़ी कामयाबी बाइडेन-शी वार्ता में हासिल नहीं हुई। इसलिए इस बात की संभावना नहीं है कि दोनों देशों के संबंधों में गिरावट और तनाव का जो दौर है, उस पर कोई प्रभावी लगाम लग पाएगी। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की शिखर वार्ता से दोनों देशों के संबंधों में कोई नाटकीय सुधार होने की अपेक्षा नहीं थी। और ऐसा हुआ भी नहीं। अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में दोनों राष्ट्रपतियों की हुई शिखर वार्ता में जो सहमतियां बनीं, उनका सार सिर्फ यह है कि दोनों देश यह सुनिश्चित करेंगे कि बिगड़ते...

  • चोरी चोरी- चुपके चुपके!

    पश्चिमी देशों के लिए मानव अधिकार जैसी बातें हमेशा विदेश नीति के मकसद साधने की औजार रही हैं। आज की बदलती भू-राजनीति और विश्व शक्ति संतुलन में भारत की जो हैसियत है, उसके बीच वे इस हथियार को चलाने में अनिच्छुक हैँ। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन नई दिल्ली में उन शर्तों के दायरे में रहे, जो भारत सरकार की तरफ से उन्हें बताया गया था। लेकिन जब वे वियतनाम पहुंचे, तो वहां बड़े गोलमोल अंदाज में बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत के दौरान ‘मानव अधिकारों के सम्मान और एक मजबूत एवं समृद्ध देश के निर्माण में...

  • जो बीता उसे अमेरिका व वियतनाम दोनों ने भुलाया!

    जो बाइडन नए रिश्ते बनाने में लगे हुए हैं। इसलिए क्योंकि वे अपने कार्यकाल के उस दौर में हैं जिसमें वैश्विक मुद्दे ज्यादा महत्वपूर्ण बन गए हैं। हाल के महीनों में उन्होंने आस्ट्रेलिया, भारत और फिलिपींस के साथ सहयोग बढ़ाया है और वे कैम्प डेविड में जापान और दक्षिण कोरिया के नेताओं को एकसाथ बिठाकर त्रिपक्षीय-समझौता करवाने में सफल रहे है, जो वाशिंगटन अब तक नहीं कर पाया था।  इसी अभियान के तहत अमरीकी राष्ट्रपति जी-20 के सफल और कम चुनौतीपूर्ण सम्मेलन में भाग लेने के बाद वियतनाम के लिए उड़ गए। वे दिल्ली छोड़ने वाले पहले विश्व नेता थे।...

  • जेलेंस्की से मिले मोदी, बाइडेन भी मिले

    जो बाइडन नए रिश्ते बनाने में लगे हुए हैं। इसलिए क्योंकि वे अपने कार्यकाल के उस दौर में हैं जिसमें वैश्विक मुद्दे ज्यादा महत्वपूर्ण बन गए हैं। हाल के महीनों में उन्होंने आस्ट्रेलिया, भारत और फिलिपींस के साथ सहयोग बढ़ाया है और वे कैम्प डेविड में जापान और दक्षिण कोरिया के नेताओं को एकसाथ बिठाकर त्रिपक्षीय-समझौता करवाने में सफल रहे है, जो वाशिंगटन अब तक नहीं कर पाया था।  इसी अभियान के तहत अमरीकी राष्ट्रपति जी-20 के सफल और कम चुनौतीपूर्ण सम्मेलन में भाग लेने के बाद वियतनाम के लिए उड़ गए। वे दिल्ली छोड़ने वाले पहले विश्व नेता थे।...

  • खतरा गहराने का संकेत

    जो बाइडन नए रिश्ते बनाने में लगे हुए हैं। इसलिए क्योंकि वे अपने कार्यकाल के उस दौर में हैं जिसमें वैश्विक मुद्दे ज्यादा महत्वपूर्ण बन गए हैं। हाल के महीनों में उन्होंने आस्ट्रेलिया, भारत और फिलिपींस के साथ सहयोग बढ़ाया है और वे कैम्प डेविड में जापान और दक्षिण कोरिया के नेताओं को एकसाथ बिठाकर त्रिपक्षीय-समझौता करवाने में सफल रहे है, जो वाशिंगटन अब तक नहीं कर पाया था।  इसी अभियान के तहत अमरीकी राष्ट्रपति जी-20 के सफल और कम चुनौतीपूर्ण सम्मेलन में भाग लेने के बाद वियतनाम के लिए उड़ गए। वे दिल्ली छोड़ने वाले पहले विश्व नेता थे।...

  • यूक्रेन के समर्थन में कीव पहुंचे बाइडेन

    जो बाइडन नए रिश्ते बनाने में लगे हुए हैं। इसलिए क्योंकि वे अपने कार्यकाल के उस दौर में हैं जिसमें वैश्विक मुद्दे ज्यादा महत्वपूर्ण बन गए हैं। हाल के महीनों में उन्होंने आस्ट्रेलिया, भारत और फिलिपींस के साथ सहयोग बढ़ाया है और वे कैम्प डेविड में जापान और दक्षिण कोरिया के नेताओं को एकसाथ बिठाकर त्रिपक्षीय-समझौता करवाने में सफल रहे है, जो वाशिंगटन अब तक नहीं कर पाया था।  इसी अभियान के तहत अमरीकी राष्ट्रपति जी-20 के सफल और कम चुनौतीपूर्ण सम्मेलन में भाग लेने के बाद वियतनाम के लिए उड़ गए। वे दिल्ली छोड़ने वाले पहले विश्व नेता थे।...

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