Diwali

  • पटाखे पूरी तरह से बंद हो!

    इस दीपावली पर पटाखे के कारण देश में जो कुछ हुआ हैं, उनमें से ज्यादातर में हिन्दू बनाम हिन्दू का मामला है। और निष्कर्ष है कि पटाखों के चलते हिंसा और हत्या के ज्यादातर मामलों में, लड़ाई हिन्दू बनाम हिन्दू की है। कोई 8वीं पास विद्यार्थी भी इंटरनेट पर ये सारे सबूत देख सकता है। यानी कि पटाखों ने हिन्दुओं को आपस में ही बँटने पर मजबूर कर दिया है। हालांकि यह भी सच है कि धर्म विरोधी का तमगा मिल जाने के डर से अधिकाँश लोग इस सबको चुपचाप सह लेते हैं। दूसरी बात यह है कि पटाखे के...

  • दिवालीः जगमग अंधेरा!

    छोटी-छोटी बातें हैं लेकिन इन्हीं से तो दिवाली बड़ा त्योहार था। दिवाली तब साल का एक इंतजार था। तब दिवाली के बाद दिवाली का राम, राम सा था। अब राम के नाम पर अयोध्या में अहंकार का शो है। उसका यह प्रतिमान है कि देखो हमने इतने लाख दीये जलाए। और देखो, देखो हमने गिनीज बुक में रिकॉर्ड बनाया।...सवाल अपने आप है कि दिवाली की रात में हम रामजी की मर्यादा का उजाला फैला रहे हैं या अहंकार के अंधेरे का? हम लक्ष्मीजी का स्वागत उजियारे से करते हैं या दिल दिमाग में फैल रहे अंधकारों से? तब लाइटें नहीं...

  • दिवाली पर पटाखे चलने से सुप्रीम कोर्ट नाराज

    नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली के दिन और उसके अगले दिन भी दिल्ली में खूब पटाखे चलाए जाने को लेकर नाराजगी जताई है। इस मामले में सर्वोच्च अदालत ने कोर्ट के आदेश का उल्लंघन होने पर दिल्ली सरकार और पुलिस को फटकार लगाई है। कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए कहा कि राज्य में पटाखों पर पाबंदी का मुश्किल से ही पालन हो सका। कोर्ट ने कहा कि कुछ ऐसा करना होगा ताकि अगले साल दिवाली के दौरान पटाखों पर प्रतिबंध के आदेशों का उल्लंघन न हो। जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने...

  • त्योहारों के दिन पर विवाद न बनाए

    हमारे शास्त्रों में हर त्योहार के पीछे जो आधार हैं स्थापित हैं उन्हें सुविधानुसार तोड़-मरोड़ कर संशोधन करना सही नहीं है। इसलिए फिर वो चाहे पंचांग भेद हो या संप्रदाय भेद हो इनका समाधान निकालना है तो सभी संप्रदायों और विभिन्न पंचांग पद्धति के मानने वालों को एकजुट हो कर ही इसका हल निकालना होगा नहीं तो हर वर्ष इसी तरह के विवाद होते रहेंगे। बीते कुछ वर्षों में यह देखा गया है कि जब भी कोई त्योहार आता है तो उसकी स्थिति को लेकर काफ़ी विवाद पैदा हो जाते हैं। इन विवादों को बढ़ावा देने में सोशल मीडिया की...

  • दिवाली से पहले ही रिकॉर्ड प्रदूषण

    नई दिल्ली। दिवाली से चार दिन पहले ही देश के अनेक राज्यों में और दर्जनों शहरों में वायु प्रदूषण रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु गुणवत्ता सूचकांक तीन सौ की सीमा पार कर बहुत खराब श्रेणी में पहुंच गया है और आशंका है कि अगले चार दिन में यह खतरनाक स्तर पर पहुंच जाएगा। वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी एक्यूआई तीन सौ से ज्यादा होने के बाद दिल्ली में ग्रेडड रिस्पांस एक्शन प्लान यानी ग्रैप का दूसरा चरण लागू कर दिया गया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक रविवार, 27 अक्टूबर को देश के कम...