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  • चुनाव आयुक्तों ने राजघाट पर श्रद्धांजलि दी

    नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 के संपन्न होने के बाद सभी 543 सीटों के जीते उम्मीदवारों की सूची राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंप दी। इसके साथ ही 18वीं लोकसभा के गठन की प्रक्रिया शुरू हो गई। एक दिन पहले ही केंद्रीय मंत्रिमंडल की सिफारिश पर राष्ट्रपति ने 17वीं लोकसभा भंग की थी। बहरहाल, चुनाव प्रक्रिया संपन्न होने के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और दोनों चुनाव आयुक्त, ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू ने गुरुवार को महात्मा गांधी की समाधि राजघाट पहुंच कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि देश...

  • मतदान के आंकड़ों का विवाद क्यों है?

    पहले दो चरण के मतदान के अंतिम आंकड़े देर से जारी करने और उनमें बहुत ज्यादा बढ़ोतरी को विपक्षी पार्टियों ने खास कर कांग्रेस ने मुद्दा बनाया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसे लेकर सभी विपक्षी पार्टियों को एक चिट्ठी लिखी थी। बाद में चुनाव आयोग ने इसका जवाब भी दिया। लेकिन सवाल है कि पार्टियां इसका विवाद क्यों बना रही हैं? क्या पार्टियों को यह अंदेशा है कि मतदान के दिन यानी 19 और 26 अप्रैल को जितने वोट पड़े चुनाव आयोग के अंतिम आंकड़े में उससे ज्यादा बताया जा रहा है? गौरतलब है कि दूसरे चरण के...

  • मतदान सामान्य रहा

    नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 के पहले दो चरण के मतदान में कमी के बाद राजनीतिक दलों और पार्टियों की ओर से किए गए प्रयास का कुछ असर तीसरे चरण में दिखा। तीसरे चरण में मतदाताओं में थोड़ा उत्साह देखने को मिला लेकिन मतदान प्रतिशत में बढ़ोतरी नहीं हुई। चुनाव आयोग के मुताबिक शाम छह बजे तक 64 फीसदी लोगों ने मतदान किया। हालांकि छह बजे के बाद भी कई जगह मतदान केंद्रों पर लोगों की लाइन लगी थी, जिसे यह आंकड़ा थोड़ा बढ़ सकता है। तीसरे चरण में अमित शाह, दिग्विजय सिंह, शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया, डिंपल यादव...

  • 89 सीटों के लिए प्रचार थमा

    नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 के दूसरे चरण के लिए बुधवार की शाम को प्रचार का शोर थम गया। दूसरे चरण में 13 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 89 सीटों पर मतदान होगा। इसमें कई दिग्गजों की किस्मत दांव पर लगी है। दूसरे चरण में 26 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। इसमें केरल की वायनाड सीट भी शामिल है, जहां से राहुल गांधी चुनाव लड़ रहे हैं। दूसरे चरण में केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर, फिल्म अभिनेत्री हेमामालिनी, शशि थरूर, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी आदि की किस्मत का फैसला होगा। गौरतलब है कि सात चरण में हो रहे...

  • लोकतंत्र का परिपक्व होना जरूरी!

    जनसंवाद के कई लाभ होते हैं। एक तो जनता की बात नेता तक पहुँचती है दूसरा ऐसे संवादों से जनता जागरूक होती है। अलबत्ता शासन में जो दल बैठा होता है वो कभी नहीं चाहता कि उसकी नीतियों पर खुली चर्चा हो। इससे माहौल बिगड़ने का खतरा रहता है। हर शासक यही चाहता है कि उसकी उपलब्धियों को बढ़ा-चढ़ाकर मतदाता के सामने पेश किया जाए। अभी आम चुनाव का पहला चरण ही पूरा हुआ है पर ऐसा नहीं लगता कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में चुनाव जैसी कोई महत्वपूर्ण घटना घट रही है। चारों ओर एक अजीब सन्नाटा है।...

  • चुनाव का समय बदलने की जरुरत

    जनसंवाद के कई लाभ होते हैं। एक तो जनता की बात नेता तक पहुँचती है दूसरा ऐसे संवादों से जनता जागरूक होती है। अलबत्ता शासन में जो दल बैठा होता है वो कभी नहीं चाहता कि उसकी नीतियों पर खुली चर्चा हो। इससे माहौल बिगड़ने का खतरा रहता है। हर शासक यही चाहता है कि उसकी उपलब्धियों को बढ़ा-चढ़ाकर मतदाता के सामने पेश किया जाए। अभी आम चुनाव का पहला चरण ही पूरा हुआ है पर ऐसा नहीं लगता कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में चुनाव जैसी कोई महत्वपूर्ण घटना घट रही है। चारों ओर एक अजीब सन्नाटा है।...

  • चुनाव आयोग ने बंगाल के राज्यपाल का दौरा रोका

    जनसंवाद के कई लाभ होते हैं। एक तो जनता की बात नेता तक पहुँचती है दूसरा ऐसे संवादों से जनता जागरूक होती है। अलबत्ता शासन में जो दल बैठा होता है वो कभी नहीं चाहता कि उसकी नीतियों पर खुली चर्चा हो। इससे माहौल बिगड़ने का खतरा रहता है। हर शासक यही चाहता है कि उसकी उपलब्धियों को बढ़ा-चढ़ाकर मतदाता के सामने पेश किया जाए। अभी आम चुनाव का पहला चरण ही पूरा हुआ है पर ऐसा नहीं लगता कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में चुनाव जैसी कोई महत्वपूर्ण घटना घट रही है। चारों ओर एक अजीब सन्नाटा है।...

  • राहुल के हेलीकॉप्टर की तलाशी

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  • निर्वाचन आयोग पर सवाल

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  • ‘इंडिया’ की सचमुच ‘महारैली’!

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  • चुनाव हिंदुस्तान को बचाने वाला चुनाव

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  • कई उपचुनावों पर संशय के बादल

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  • विकसित भारत मैसेज रोकने का निर्देश

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  • चुनाव आयोग ने राज्यों में बदले अधिकारी

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  • चुनाव की अवधि क्यों बढ़ती जा रही?

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  • भरोसे का नया संकट

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  • अरुण गोयल के इस्तीफे की क्या कहानी

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  • चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति का बिल पास

    जनसंवाद के कई लाभ होते हैं। एक तो जनता की बात नेता तक पहुँचती है दूसरा ऐसे संवादों से जनता जागरूक होती है। अलबत्ता शासन में जो दल बैठा होता है वो कभी नहीं चाहता कि उसकी नीतियों पर खुली चर्चा हो। इससे माहौल बिगड़ने का खतरा रहता है। हर शासक यही चाहता है कि उसकी उपलब्धियों को बढ़ा-चढ़ाकर मतदाता के सामने पेश किया जाए। अभी आम चुनाव का पहला चरण ही पूरा हुआ है पर ऐसा नहीं लगता कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में चुनाव जैसी कोई महत्वपूर्ण घटना घट रही है। चारों ओर एक अजीब सन्नाटा है।...

  • चुनाव की घोषणा पांच अक्टूबर के बाद

    जनसंवाद के कई लाभ होते हैं। एक तो जनता की बात नेता तक पहुँचती है दूसरा ऐसे संवादों से जनता जागरूक होती है। अलबत्ता शासन में जो दल बैठा होता है वो कभी नहीं चाहता कि उसकी नीतियों पर खुली चर्चा हो। इससे माहौल बिगड़ने का खतरा रहता है। हर शासक यही चाहता है कि उसकी उपलब्धियों को बढ़ा-चढ़ाकर मतदाता के सामने पेश किया जाए। अभी आम चुनाव का पहला चरण ही पूरा हुआ है पर ऐसा नहीं लगता कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में चुनाव जैसी कोई महत्वपूर्ण घटना घट रही है। चारों ओर एक अजीब सन्नाटा है।...

  • रिमोट ईवीएम योजना पर रोक

    जनसंवाद के कई लाभ होते हैं। एक तो जनता की बात नेता तक पहुँचती है दूसरा ऐसे संवादों से जनता जागरूक होती है। अलबत्ता शासन में जो दल बैठा होता है वो कभी नहीं चाहता कि उसकी नीतियों पर खुली चर्चा हो। इससे माहौल बिगड़ने का खतरा रहता है। हर शासक यही चाहता है कि उसकी उपलब्धियों को बढ़ा-चढ़ाकर मतदाता के सामने पेश किया जाए। अभी आम चुनाव का पहला चरण ही पूरा हुआ है पर ऐसा नहीं लगता कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में चुनाव जैसी कोई महत्वपूर्ण घटना घट रही है। चारों ओर एक अजीब सन्नाटा है।...

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