विचार मुकाबिल हो, तो तोप चलाओ?
जिहाद इंच-इंच बढ़ रहा है। शान्ति और सहजता से। काफिरों के सहयोग से। क्योंकि काफिर एक विचार को तोप या रिश्वत से खत्म करने की जुगत में है। अपने प्रोपेगंडा पर खुद फिदा! अतः जिहाद देश के सैकड़ों छोटे-छोटे इलाके प्रायः नि:शब्द रूप से धीरे-धीरे कब्जे में कर रहा है। यह सौ साल से अविराम जारी है। आगे अल्लाह जानता है! दो पाकिस्तानी थे: अली भाई तहला और आसिफ फौजी, तथा दो हिन्दुस्तानी: आदिल हुसैन थोकर और अहसान। सरगना शायद हिन्दुस्तानी थोकर ही था। एक एक नाम और मिलते हैं: पाकिस्तानी हाशिम मूसा और हिन्दुस्तानी आसिफ अहमद शेख। यही चार...