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  • विचार मुकाबिल हो, तो तोप चलाओ?

    जिहाद इंच-इंच बढ़ रहा है। शान्ति और सहजता से। काफिरों के सहयोग से। क्योंकि काफिर एक विचार को तोप या रिश्वत से खत्म करने की जुगत में है। अपने प्रोपेगंडा पर खुद फिदा!  अतः जिहाद देश के सैकड़ों छोटे-छोटे इलाके प्रायः नि:शब्द रूप से धीरे-धीरे कब्जे में कर रहा है। यह सौ साल से अविराम जारी है। आगे अल्लाह जानता है! दो पाकिस्तानी थे: अली भाई तहला और आसिफ फौजी, तथा दो हिन्दुस्तानी: आदिल हुसैन थोकर और अहसान।  सरगना शायद हिन्दुस्तानी थोकर ही था। एक एक नाम और मिलते हैं: पाकिस्तानी हाशिम मूसा और हिन्दुस्तानी आसिफ अहमद शेख। यही चार...

  • जाति नहीं अब धर्म का मामला

    पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने हिंदू-मुस्लिम का जो राग छेड़ा और उसके बाद जम्मू कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान के आतंकवादियों ने धर्म पूछ कर हिंदुओं का जैसा नरसंहार किया उससे भारत की राजनीति बड़े पैमाने पर प्रभावित हो सकती है। भारत में पिछले  कुछ समय से राजनीति बदली थी। लोकसभा चुनाव में संविधान और आरक्षण बचाने की लड़ाई कारगर साबित हुई थी। भाजपा की मंदिर और धर्म के एजेंडे के बरक्स विपक्षी पार्टियों ने अपना गठबंधन बनाया था और अपना एजेंडा आगे किया था। वह एजेंडा धर्म की राजनीति को फेल करने वाला था। उसमें जाति...

  • पाकिस्तान तो चाहता है हिंदू-मुस्लिम हो

    विरोध कश्मीर में भी हो रहा है। मस्जिदों से आतंकवादियों की मजम्मत (भर्त्सना) की जा रही है। घटना के तुरंत बाद स्थानीय लोगों ने घायलों को अस्पताल पहुंचाया। खून देने के लिए अस्पतालों में लाइनें लग गईं। महबूबा मुफ्ती मीर वाइज फारुक उमर ने बंद का काल दिया। यह होना चाहिए। सही है। मगर शेष भारत में जाति, धर्म, हिन्दु मुस्लिम, राजनीति के सवाल खड़े किए जा रहे हैं। पहलगाम की आतंकवादी घटना की जितनी निंदा की जाए कम है। 36 साल के आतंकवादी दौर में टुरिस्टों पर इतना बड़ा हमला पहले कभी नहीं हुआ। सही यह है कि टुरिस्ट,...

  • पीड़ित की पीड़ा का न हिसाब और न अध्ययन

    हिंदूओं पर जु्ल्म, अत्याचार की अनगिनत घटनाएं, विवाद और नीतियों के उदाहरण हैं। मगर इन सभी घटनाओं, परिघटनाओं पर तथ्यगत प्रस्तुति, आकलन, और चर्चा से हमारे प्रभावशाली राजनीतिक-बौद्धिक वर्ग को परहेज रहा है। यहाँ तक कि अकादमिक शोध या तथ्य-संकलन तक लुप्त है। उपर्युक्त सभी घटनाओं, परिघटनाओं पर कोई प्रतिष्ठित पुस्तक या पर्चा तक ढूँढने से ही मिले, जिस की देश-विदेश में कद्र हुई हो। इतना विराट बौद्धिक शून्य - समस्या समाधान का उपाय तो क्या, समस्या का आकलन तक गायब! हिन्दू पीड़ा का कारोबार – 1 अभी पाँच वर्ष भी नहीं हुए, जब देश की आंतरिक सुरक्षा का सीधा...

  • कांग्रेस बनाए मुस्लिम अध्यक्ष: मोदी

    हिसार। वक्फ कानून को लेकर चल रहे विवाद के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस को चुनौती दी है कि अगर वह मुस्लिमों की हितैषी है तो मुस्लिम कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त करे। उन्होंने कांग्रेस पर हमला करते हुए यह भी कहा कि आज देश में मुसलमानों की खराब हालत के लिए कांग्रेस ही जिम्मेदार है। इससे पहले प्रधानमंत्री ने सोमवार, 14 अप्रैल को हरियाणा के दौरे पर पहुंचे और सुबह करीब 10 बजे हिसार में हरियाणा के पहले हवाईअड्डे का उद्घाटन किया। उन्होंने हिसार से अयोध्या की उड़ान को हरी झंडी भी दिखाई। हिसार के बाद प्ररधामंत्री यमुनानगर पहुंचे। वहां...

  • वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन

    नई दिल्ली। वक्फ कानून पर लगातार दूसरे जुमे यानी शुक्रवार को देश भर में प्रदर्शन हुए। पिछले गुरुवार यानी तीन अप्रैल को वक्फ कानून संसद से पास हुआ था, जिसके खिलाफ शुक्रवार, चार अप्रैल को जुमे की नमाज के बाद प्रदर्शन हुए थे। एक बार फिर शुक्रवार, 11 अप्रैल को भी देश के कई हिस्से में प्रदर्शन हुए। असल में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, एआईएमपीएलबी ने शुक्रवार से पूरे देश में वक्फ बचाव अभियान शुरू किया है। उसने कहा है कि इस मामले को शाह बानो मामले जैसा बनाना है। बहरहाल, शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के कोलकाता में...

  • नए वक़्फ़ क़ानून का क्या होगा असर?

    यदि सरकार इसे संवेदनशीलता और पारदर्शिता के साथ लागू करती है, तो यह एक सकारात्मक बदलाव ला सकता है। लेकिन यदि इसे जल्दबाजी या राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल किया गया, तो यह सामाजिक तनाव को और गहरा सकता है। अंततः इस बिल की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि यह वक़्फ़ की मूल भावना को कितना सम्मान देता है और समाज के सभी वर्गों को कितना लाभ पहुंचाता है। वक़्फ़ संशोधन बिल, जिसे हाल में भारतीय संसद में पेश कर 2-3 अप्रैल 2025 को लोकसभा और राज्यसभा से कराया गया, उस पर खासा बवाल बना हुआ है। यह...

  • वोट की राजनीति परवान चढ़ी…!

    भोपाल। भारत में आजादी के बाद से ही आमतौर पर यह माना जाता रहा है कि देश का मुस्लिम मतदाता कांग्रेस के साथ है, यद्यपि इसके धारणा के पीछे कई कारण है, किंतु इसका मुख्य कारण धर्म से जुड़ा है और हमारे यहां धर्मान्धता की स्थिति क्या है? यह किसी से छुपा नही है, अब यह धारणा वोट की राजनीति में चरम पर है, आज सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी जी-जान से देश के मुस्लिम वोटर को अपने साथ जोड़ने में जुट गई है, जिसका ताजा उदाहरण वक्फ अधिनियम में संशोधन है, अब इस सर्वोच्च प्रयास में भाजपा कहां तक सफलता...

  • मुसलमान कबूल करेगा या खारिज?

    Saugat-e-Modi : समय की लीला बेजोड़ है! नरेंद्र मोदी ईद पर मुसलमान को ‘सौगात-ए-मोदी’ दे रहे हैं और फिर उन्हें सौगात-ए-वक्फ बोर्ड मिलेगा! मगर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने वक्फ बिल के खिलाफ आंदोलन शुरू किया है। पटना में मुसलमानों का जोरदार प्रदर्शन हुआ। इस बिल के कानून बनने का अर्थ है कि पूरे देश के उन मुस्लिम धर्मगुरूओं, संस्थाओं की संपदाओं पर सीधा अंकुश, जिसे ले कर उनकी कोई जवाबदेही नहीं थी। यह इस्लाम के उस कुलीन वर्ग पर चोट है, जो अपने उद्देश्यों में वक्फ बोर्ड की अकूत संपत्ति का इस्तेमाल करता आया है। इसलिए हर बड़ा मौलाना,...

  • मुसलमानों की रक्षा करेंगे अजित पवार

    मुंबई। भाजपा के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार के उप मुख्यमंत्री और एनसीपी के नेता अजित पवार ने कहा है कि वे राज्य के मुस्लिम समाज की हर तरह से रक्षा करेंगे। औरंगजेब की कब्र हटाने को लेकर चल रहे विवाद और इसी मसले पर नागपुर में 17 मार्च को हुई हिंसा के बाद महाराष्ट्र के अजित पवार ने कहा है, ‘जो भी मुस्लिम भाइयों को आंख दिखाएगा, दो समूहों के बीच संघर्ष भड़काकर कानून व्यवस्था को बाधित करेगा और कानून को अपने हाथ में लेने की कोशिश करेगा। वह चाहे कोई भी हो, उसे किसी भी हालत में बख्शा या...

  • होली के रंग में राजनीति की भंग

    भारत में जब कोई किसी को कहता है कि ‘ज्यादा राजनीति मत कीजिए’ तो इसका मतलब होता है कि गलत काम मत कीजिए, साजिश या धोखा मत कीजिए, भड़काऊ काम मत कीजिए या लोगों को लड़वाइए मत। सोचें, भारत में राजनीति शब्द कैसे नकारात्मक अर्थों में रूढ़ हो गया है! इस राजनीति का शिकार भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था बन रही है तो समाज व्यवस्था और धार्मिक व निजी व्यवहार और तीज त्योहार भी बन रहे हैं। यह अचानक नहीं हुआ है कि इस साल होली से पहले सामाजिक स्तर पर इतना विभाजन दिख रहा है। यहां तक पहुंचने की शुरुआत...

  • मीडिया ने होली पर भी चढ़ाए नफरत के रंग !

    आज क्या प्रासंगिकता है औरंगजेब की? प्रसंग तो है अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का और उसके यह कहने का हमने जब भारत की कलई खोल दी तो वह सीधे रास्ते पर आ गया। इसका कड़ा विरोध नहीं होना चाहिए था? मगर हो रहा है औरंगजेब का। उसकी कब्र तक हटाने की बात कह रहे हैं। क्यों? ट्रंप के सामने हम झुक गए यह बात छुपाने के लिए।...इस बार होली के नाम पर लोगों को बताना पड़ेगा। लोग समझते हैं। लेकिन मीडिया इस तरह इकतरफा दिखाता, लिखता है कि लोगों के सामने दूसरा पक्ष जो सच का है वह आ...

  • जो है वह कांग्रेस की देन!

    Congress : मैं इन दिनों ‘जनसत्ता’, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के समय के अपने संस्मरण खंगालता हुआ हूं। और वह सच्चाई उभरती है कि कैसे मुसलमान ने गांधी-नेहरू परिवार की लुटिया डुबोई। वामपंथियों और अहमद पटेल ने हिंदुओं में तुष्टीकरण की कीर्तिं बनवाई। कोई न माने इस बात को लेकिन तथ्य है कि 1971 में बांग्लादेश के निर्माण से भारत का मुसलमान इंदिरा गांधी से छिटका था। संजय गांधी की जनसंख्या नियंत्रण धुन को मुस्लिम समुदाय ने अपने खिलाफ माना। आपातकाल में दिल्ली के तुर्कमान गेट, जामा मस्जिद क्षेत्र की साफ-सफाई तथा नसबंदी अभियान से उत्तर भारत का मुसलमान...

  • मुस्तफाबाद भी जीत गई भाजपा

    पांच साल पहले दिल्ली में हुए दंगों की चपेट में आई मुस्तफाबाद सीट भी भारतीय जनता पार्टी जीत गई है। भाजपा न सिर्फ जीती है, बल्कि जीत का अंतर भी ठीक ठाक रहा। मुस्लिम बहुल इस सीट को लेकर काफी विवाद हुआ था। भाजपा ने करावल नगर के कई बार के विधायक मोहन सिंह बिष्ट की टिकट काट दी थी और उनकी जगह कपिल मिश्रा को चुनाव लड़ाया था। लेकिन इसके बाद बहुत विवाद हुआ। उत्तराखंड के लोग और राजपूत समाज के रोष के बाद भाजपा ने 24 घंटे के भीतर मोहन सिंह बिष्ट को मुस्तफाबाद से उम्मीदवार बनाया। भाजपा...

  • आप के मुस्लिम नेता कांग्रेस से लड़ेंगे

    दिल्ली में कमाल की राजनीति हो रही है। इस साल लोकसभा का चुनाव एक साथ मिल कर लड़ने वाली दो पार्टियां कांग्रेस और आम आदमी पार्टी एक दूसरे के खून के प्यासे हो रहे हैं। भाजपा से ज्यादा कांग्रेस ने आप पर हमला किया है। कांग्रेस के दिल्ली प्रदेश के सबसे बड़े नेता अजय माकन ने अरविंद केजरीवाल को ‘फर्जीवाल’ बताया है और उनको देश का सबसे बड़ा फ्रॉड बता कर उनकी आलोचना की। कांग्रेस ने दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार के खिलाफ 12 सूत्री श्वेत पत्र भी जारी किया। delhi election माकन ने कहा कि 2013 में केजरीवाल...

  • भागवत की बात का क्या मतलब है?

    राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कुछ समय पहले कहा था कि हर मस्जिद में शिवलिंग ढूंढने की जरुरत नहीं है। अब फिर उन्होंने कहा है कि कुछ लोग मंदिर और मस्जिद का विवाद छेड़ कर हिंदुओं का नेता बनना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या में बाबरी मस्जिद का मामला अलग था। वह आस्था का मामला था। लेकिन अब मंदिर और मस्जिद का विवाद नहीं छेड़ना चाहिए। मोहन भागवत ने जब पहली बार कहा कि हर मस्जिद में शिवलिंग खोजने की जरुरत नहीं है उसके बाद से मस्जिदों में शिवलिंग खोजने की घटनाओं में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई...

  • नाजुक दौर में मुसलमान विवेक न छोड़े

    भारत के मुसलमानों को चाहिये कि वे कट्टरपंथी और दहशतगर्दों से बचकर रहे। इतना ही नहीं इनको पकड़वाने और इनके हौसले नाकामयाब करने में सक्रिय हों।... उम्मीद की जानी चाहिये कि भारत के मुसलमान वक्त के इस नाजुक दौर में परिपक्वता और होशियारी का परिचय देंगे ताकि हर परिवार में खुशहाली और अमन चैन बढ़े, नफरत और बैर नहीं।   हर जमात में शरीफ लोगों की कमी नहीं होती। मुसलमानों में भी नहीं है। चाहे भारत के हों या पाकिस्तान के। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर इम्तियाज अहमद उन मुसलमानों में से थे जिन्होंने भारत में इस्लाम की हालत पर...

  • बच्चे पैदा करने से ज्यादा जरूरी हिंदू बच्चों को भेड़ नहीं सत्यवादी इंसान बनाएं!

    अपने सिन्हा साहब ने दिल्ली लौट पुश्तैनी प्रदेश के हाल बताए। लखनऊ के महानगर इलाके में उनके भाई-बंदों का घर है। वही रूके तो सामने स्कूल के लाउडस्पीकर से लगातार शोर से परेशान हुए। यह स्कूल उनके देखते-देखते लड़के-लड़कियों का इंटर स्कूल हुआ। उसमें मंदिर बना, भगवा छाया। लेकिन पहले कभी लाउडस्पीकर से शोर नहीं था। गणपति बप्पा मोरिया की वंदना से लेकर फिल्मी गानों (देशभक्ति, देवी-देवताओं) का सुबह आठ बजे से ही शोर। भाई से पूछा क्या हमेशा रहता है? हां, ऐसे ही है। एक सुबह शोर हुआ तो कौतुकवश सिन्हाजी छत पर जा कर स्कूल के प्रांगण का...

  • उपसंहारः मध्यकाल की ओर!

    हम हिंदुओं की नियति है कि आगे बढ़ते हैं, फिर पीछे लौटते हैं। आधुनिकता की ओर कदम बढ़ाते हैं और पुरातन में लौटते हैं! उदारवाद अपनाते हैं अनुदारवादी कन्वर्ट होते हैं। विकसित भारत का सपना बताते हैं और सौ करोड़ लोगों को खैरात बांटते दिखते हैं। एकता-अखंडता की रक्षा के वीर योद्धाओं, छप्पन इंची छाती का हल्ला होता है लेकिन उन्हीं से विलाप-प्रलाप में सुनते हैं कि बंटोंगे तो कटोगे! अंततः सारे दुखिया “दुश्मन” बनाम “दुश्मन” के इतिहास द्वंद्व में खौलते हुए! और मध्यकाल लौटता हुआ।  हम हिंदू चाहते क्या है? -6 वह (हिंदू राजवंश का आखिरी शासक सुहादेव) "एक...

  • मुसलमान को धिम्मी बनाकर रखेंगे या धर्मांतरित करेंगे या मारेंगे?

    कितना खराब है जो भारत ने संविधान में ‘सेकुलर’ रखा हुआ है और व्यवहार उस हिंदूपने का है, जिसमें न उद्देश्य मालूम है और न स्पष्टता और न बहादुरी व ईमानदारी है! ले देकर यह सनक है कि मुसलमान ने ऐसा किया, तो हम भी वैसा करें। अर्थात इतिहास का बदला लेना है! यदि यह प्रण, यही कसौटी है तो दिल्ली का प्रधानमंत्री, लखनऊ का वजीर क्या मुसलमान को वैसे मारेगा जैसे महमूद गजनी, कुतुबुद्दीन ऐबक ने Hindu को मारा, उन्हें धर्मांतरित किया? हम हिंदू चाहते क्या है? -4: इतिहास को झगड़ालू मान कोई उसे भुलाए या महान मान चिकना-चुपड़ा बनाए...

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