Wednesday

30-04-2025 Vol 19

विषमता पर नई रोशनी

संपन्न परिवारों की आमदनी में एक फीसदी बढ़ोतरी होने पर औसतन आय एवं धन के अनुपात में 0.6 प्रतिशत की कमी आती है। यानी लगभग 60 प्रतिशत हिस्सा बिना टैक्स चुकाए धन में तब्दील कर लिया जाता है।

भारत के धनी वर्ग की आमदनी उससे कहीं ज्यादा है, जिसकी घोषणा वे अपने टैक्स रिटर्न्स में करते हैं। अतिरिक्त आमदनी अक्सर उनकी ऐसी परिसंपत्तियों में तब्दील होती है, जिन पर भारत में टैक्स नहीं लगता। यह संकेत है कि भारत में आर्थिक विषमता असल में अभी के अनुमान से कहीं ज्यादा है। एक शोध ने इस बारे में नए तथ्य उपलब्ध कराए हैं।

शोध रिपोर्ट: आय और संपत्ति में विषमताएं और टैक्स चोरी

शोध रिपोर्ट इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ रिसर्च इन इनकम एंड वेल्थ ने प्रकाशित की है। शोध दिल्ली स्कूल ऑफ इकॉनमिक्स के एक अनुसंधानकर्ता ने किया है। रिसर्चर ने अपने शोध का आधार नेशनल एकाउंट्स, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड से प्राप्त आय कर आंकड़ों, और लोकसभा चुनाव में भागीदार उम्मीदवारों द्वारा अपनी संपत्ति के बारे में दी गई जानकारी को बनाया गया। शोधकर्ता के मुताबिक लोकसभा प्रत्याशियों के आंकड़ों को इसलिए शामिल किया गया, क्योंकि उसे सामाजिक वर्गों का प्रतिनिधि आंकड़ा समझा जाता है।

अनुसंधान इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि संपन्न परिवारों की आमदनी में एक फीसदी बढ़ोतरी होने पर औसतन आय एवं धन के अनुपात में 0.6 प्रतिशत की कमी आती है। यानी लगभग 60 प्रतिशत हिस्सा बिना टैक्स चुकाए धन में तब्दील कर लिया जाता है। रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में फॉर्ब्स मैग्जीन की सबसे धनी भारतीयों की सूची में उन व्यक्तियों का जितना धन बताया गया, संकेत है कि यह उनके वास्तविक धन का सिर्फ 12वां हिस्सा हो। इससे आय के एक बड़े हिस्से पर टैक्स चोरी का संकेत मिलता है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि यह भारत के प्रतिगामी टैक्स ढांचे का परिणाम है। यह बताता है कि व्यक्ति जैसे-जैसे धनी होता जाता है, उस पर प्रभावी आय कर की दरें गिरती चली जाती हैं। फिर इस शोध से आय एवं धन संबंधी एक अन्य विसंगति सामने आई है।

आंकड़ों से जाहिर हुआ है कि अगर आप शेयर मार्केट में पैसा लगाते हैं, तो आपकी आय उससे कहीं ज्यादा बढ़ेगी, जितना कृषि भूमि या कॉमर्शियल जायदाद में निवेश करने पर होता। यह अर्थव्यवस्था के उत्तरोत्तर वित्तीयकरण का परिणाम है। ऐसे में निवेश- उत्पादन की अर्थव्यवस्था गिर रही हो, तो क्या यह कोई हैरत की बात है?

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Pic Credit: ANI   (विषमता)

NI Editorial

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