Wednesday

30-04-2025 Vol 19

पाकिस्तानियों को निकालने का काम शुरू

नई दिल्ली। पाकिस्तानी नागरिकों का वीजा निरस्त करने और उनकी पहचान करके उनको देश से निकालने के केंद्र सरकार के फैसले के बाद इसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है। केंद्र सरकार के इस फैसले पर अमल कराने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ मीटिंग की है। उन्होंने मुख्यमंत्रियों से कहा कि वे अपने अपने राज्यों में पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान करें और उन्हें वापस भेजें। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को एक और अहम बैठक की, जिसमें विदेश मंत्री एस जयशंकर और जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल भी शामिल हुए। बैठक के बाद पाटिल ने बताया कि सिंधु जल संधि रद्द करने का फैसला तीन चरण में लागू होगा और पाकिस्तान को एक बूंद पानी नहीं मिलेगा।

पाक नागरिकों की वापसी शुरू हुई

बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्रियों के साथ अमित शाह की बैठक के बाद केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के गृह सचिवों से बात की है। उन्होंने सभी गृह सचिवों से कहा कि वे अपने अपने राज्य में पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान करें और उन्हें वापस भेजें। हालांकि अभी इस बात को लेकर स्पष्टता नहीं है कि पाकिस्तान के जो हिंदू भारत आए हैं उनका क्या करना है। उनको भी वापस भेजना है या उन्हें कोई छूट मिलेगी? भारत सरकार की ओर से दिए गए आंकड़ों के मुताबिक एक अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 तक  पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों यानी हिंदुओं को 11 सौ से ज्यादा लॉन्ग टर्म वीजा दिया गया था।

केंद्र सरकार के फैसले के बाद राज्यों ने पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान करके उनको निकालने का सिलसिला शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में 15 सौ पाकिस्तानी लोगों की पहचान की गई है। मेरठ, सहारनपुर और आगरा से पाकिस्‍तानियों को पहचान कर वापस भेजना शुरू कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक यानी डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि अभी तक यह साफ नहीं है कि पाकिस्‍तानी हिंदू यहां पर आए हैं, उनका क्‍या किया जाए। यही कारण है कि अभी पाकिस्‍तानी मुस्लिमों को भेजने की प्रक्रिया शुरू की गई है।

उधर जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कहा है कि वे कभी भी सिंधु जल समझौते के पक्ष में नहीं रहे। उनका कहना है कि यह समझौता जम्मू कश्मीर के लोगों के लिए सबसे गलत दस्तावेज है। उमर अब्दुल्ला ने श्रीनगर में कहा, ‘भारत सरकार ने कुछ कदम उठाए हैं। जहां तक जम्मू कश्मीर का सवाल है, हम कभी भी सिंधु जल समझौते के पक्ष में नहीं रहे हैं। हमारा हमेशा से मानना रहा है कि सिंधु जल संधि जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए सबसे गलत दस्तावेज है’।

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Pic Credit: ANI

NI Desk

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