नई दिल्ली। पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र संघ में पहलगाम हमला और उसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव का मुद्दा उठाया। पाकिस्तान की पहल पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद यानी यूएनएससी की एक अहम बैठक हुई लेकिन इसमें पाकिस्तान को किसी का समर्थन नहीं मिला। उलटे पाकिस्तान से ही सवाल पूछे गए। पहलगाम हमले में उसकी भूमिका को लेकर सवाल पूछा गया। बैठक के बाद कोई औपचारिक प्रस्ताव नहीं पास किया गया। यह भी पाकिस्तान की बड़ी विफलता है।
गौरतलब है कि पाकिस्तान की पहल पर सोमवार की रात को यूएनएससी की मीटिंग हुई। बताया जा रहा है कि बंद कमरे में हुई इस बैठक में पाकिस्तान से पहलगाम हमले में लश्कर ए तैयबा की भूमिका के बारे में पूछा गया। बैठक में यूएनएससी के सदस्यों ने ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की और इसकी जवाबदेही की जरूरत पर जोर दिया। यूएनएससी के सदस्यों ने धर्म के आधार पर लोगों को निशाना बनाने की भी निंदा की। यूएनससी के 15 सदस्य देशों के प्रतिनिधि इस बैठक में शामिल हुए। इसमें भारत के खुद हमला कराने के पाकिस्तान के आरोपों को भी खारिज कर दिया गया।
इतना ही नहीं यूएनएससी के सदस्यें ने पाकिस्तान की ओर से तीन दिन में दो मिसाइल परीक्षण किए जाने पर भी चिंता जाहिर की। गौरतलब है कि यूएनएससी के अस्थायी सदस्य पाकिस्तान ने भारत और पाकिस्तान तनाव पर मीटिंग की अपील की थी। साथ ही यह भी कहा था कि यह मीटिंग बंद कमरे में हो। मीटिंग के बाद यूएनएससी ने कोई बयान जारी नहीं किया। बताया जा रहा है कि पाकिस्तान ने भारत पर जो आरोप लगाए थे सदस्य देशों ने उसको स्वीकार नहीं किया। हालांकि, बैठक से पहले संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दोनों देशों से कोई गलती नहीं करने की अपील की और कहा कि सैन्य अभियान से किसी मसले का हल नहीं हो सकता है।