एक बात शुरू में ही साफ कर देना जरूरी है कि न तो यह सवाल हमारा है और न इसका जवाब हमारा है। सवाल भाजपा का है और जवाब भी भाजपा का ही है। इसमें कांग्रेस का कुछ भी नहीं है। कांग्रेस तो दूसरी बातें कह रही है। उसने न्याय पत्र के नाम से अपना घोषणापत्र बनाया है और उसके नेता भाषणों में भी कई चीजों के वादे और दावे कर रहे हैं। लेकिन भाजपा उनके बारे में बात नहीं कर रही है। भाजपा ऐसी बातें कर रही हैं, जिनका जिक्र सारे फसाने में नही है। यहां वही बातें लिखी जा रही हैं, जो भाजपा कह रही है।
अभी तक भाजपा यह नहीं मान रही थी कि कांग्रेस सत्ता में भी आ सकती है। लेकिन अब वह न सिर्फ यह मान रही है, बल्कि देश के लोगों को यह भी बता रही है कि कांग्रेस सत्ता में आई तो क्या क्या करेगी। यह बहुत दिलचस्प इसलिए है क्योंकि इससे पहले इतने सुनियोजित तरीके से किसी सत्तारूढ़ दल ने मुख्य विपक्षी दल के बारे में मतदाताओं को इतना नहीं डराया था और यह नहीं बताया था कि अगर वह सत्ता में आ गई तो कयामत आ जाएगी। सो, भाजपा के मुताबिक कांग्रेस सत्ता में आकर जो कुछ करने वाली है उसकी एक सूची है, जो इस प्रकार है-
पहला, कांग्रेस सरकार में आई तो वह हिंदुओं की संपत्ति छीन कर मुसलमानों में बांट देगी। सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 अप्रैल को राजस्थान के बांसवाड़ा की सभा में कहा कि कांग्रेस की नजर स्त्रियों के मंगलसूत्र पर है। वह सत्ता में आई तो संपत्ति छीन कर ‘ज्यादा बच्चे वालों को’ और ‘घुसपैठियों’ को बांट देगी। बाद में उन्होंने पश्चिम बंगाल के माल्दा में कहा कि संपत्ति छीन कर ‘अपने वोट बैंक’ में बांट देगी। यह समुदायों की पहचान कराने का प्रधानमंत्री का अपना तरीका है। हालांकि बाद में उनकी पार्टी के नेताओं ने इस पर पड़ा झीना सा परदा हटा दिया। सूचना व प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने खुल कर कहा कि कांग्रेस सत्ता में आई तो संपत्ति छीन कर मुसलमानों में बांट देगी।
प्रधानमंत्री और अन्य नेता कांग्रेस के इस कथित एजेंडे पर बहुत विस्तार में गए। कहा गया कि अगर लोगों के पास दो घर हैं तो एक घर ले लिया जाएगा। महिलाओं ने पैसे बचा कर ज्वार, बाजरे के डब्बों में रखा है तो वहां भी राहुल गांधी का एक्सरे पहुंचेगा और वह पैसा भी कांग्रेस छीन लेगी। स्त्री धन और मंगलसूत्र भी कांग्रेस छीन लेगी। यह दावा इस आधार पर किया जा रहा है कि कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में संपत्ति के पुनर्वितरण का वादा किया है। हालांकि कांग्रेस के नेता जी जान से सफाई देने में जुटे हैं और लोगों को समझा रहे हैं कि इतने लंबे समय तक कांग्रेस ने शासन किया और ऐसा नहीं किया है तो अब क्यों करेगी। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी समझा रहे हैं कि अब कांग्रेस माओवादियों और कम्युनिस्टों के असर में आ गई है।
दूसरा, कांग्रेस की लूट ‘जिंदगी के साथ भी और जिंदगी के बाद भी’। भारतीय जीवन बीमा निगम के इस स्लोगन का इस्तेमाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह बताने के लिए किया है कि कांग्रेस सत्ता में आएगी तो विरासत टैक्स लगाएगी। यह बात इस आधार पर कही गई कि इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा ने एक इंटरव्यू में अमेरिका की तरह भारत में भी विरासत टैक्स पर विचार करने की बात कही। इस पर प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी के नेताओं ने कहा कि कांग्रेस सत्ता में आई तो मेहनत से कमाई गई संपत्ति पर विरासत टैक्स लगा देगी।
लोग संपत्ति अपने बच्चों को नहीं दे पाएंगे वह सरकार ले लेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि सोचें, अगर ऐसा हो गया तो कौन 24 घंटे मेहनत करेगा, पूंजी लगाएगे और संपत्ति इकट्ठा करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि राजीव गांधी ने विरासत टैक्स इसलिए हटाया था क्योंकि उनको इंदिरा गांधी की संपत्ति लेनी थी। अब कांग्रेस उसी कानून को ज्यादा कड़े रूप में लाने जा रही है। कांग्रेस नेता इस पर भी सफाई दे रहे हैं लेकिन सैम पित्रोदा के इंटरव्यू ने भाजपा को मौका दे दिया है।
तीसरा, कांग्रेस सत्ता में आएगी तो जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 बहाल कर देगी। यह बात भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कही है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस का एजेंडा अनुच्छेद 370 बहाल करने का है। हालांकि कांग्रेस ने यह बात न तो अपने घोषणापत्र में कही है और न उसके किसी नेता ने ऐसा बयान दिया है। यह भी हकीकत है कि अगस्त 2019 में केंद्र सरकार ने जब अनुच्छेद 370 हटाया तब उसके इक्का दुक्का नेताओं को छोड़ कर पार्टी ने आधिकारिक रूप से इसका विरोध नहीं किया।
चौथा, प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि कांग्रेस सत्ता में आएगी तो भारत विरोधी ताकतों से हाथ मिला लेगी। कांग्रेस ऐसा कैसे करेगी यह उन्होंने विस्तार से नहीं बताया लेकिन सबको पता है कि पिछले 10 साल से प्रचार के जरिए कांग्रेस को देश विरोधी ठहराने की मुहिम चल रही है और आबादी का एक हिस्सा इसे सही मान कर इस पर यकीन भी करता है। राहुल की विदेश यात्राओं को अक्सर इस नैरेटिव से जोड़ा जाता है। अमित शाह ने भी कांग्रेस को देश विरोधी बताते हुए कहा कि कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस कश्मीर को भारत से अलग करना चाहते हैं।
पांचवां, प्रधानमंत्री मोदी ने सबसे दिलचस्प दावा यह किया कि अगर कांग्रेस और उसके नेतृत्व वाला गठबंधन सत्ता में आता है तो हर साल एक नया प्रधानमंत्री बनेगा। प्रधानमंत्री ने कर्नाटक में बने एक कथित फॉर्मूले का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि जिस तरह कर्नाटक में ढाई ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री बनने का फॉर्मूला तय हुआ है उसी तरह केंद्र में एक एक साल के लिए पांच प्रधानमंत्री बनेंगे। प्रधानमंत्री कह रहे हैं तो हो सकता है कि उनको इस बारे में कोई जानकारी हो।
बाद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसे और विस्तार दिया। उन्होंने बिहार की एक सभा में कहा कि विपक्ष की सरकार बनी तो शरद पवार प्रधानमंत्री बनेंगे, फिर लालू प्रसाद बनेंगे, उसके बाद स्टालिन बनेंगे, फिर कोई और बनेगा और थोड़ा समय बचेगा तो राहुल गांधी भी प्रधानमंत्री बन सकते हैं। गौरतलब है कि लालू प्रसाद चारा घोटाले में सजायाफ्ता हैं और चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। फिर भी गृह मंत्री ने कहा कि लालू प्रसाद प्रधानमंत्री बन सकते हैं! असल में वे बिहार के लोगों को लालू प्रसाद का भय दिखा रहे थे। भाजपा एक रणनीति के तहत लालू प्रसाद और राबड़ी देवी के राज की याद दिला रही है।
छठा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी पूरी पार्टी दावा कर रही है कि कांग्रेस एससी, एसटी और ओबीसी का आरक्षण छीन लेगी। कहा जा रहा है कि अनुसूचित जाति, जनजातियों और पिछड़ी जातियों का आरक्षण छीन कर कांग्रेस मुसलमानों को दे देगी। प्रधानमंत्री ने कहा है कि वे अपनी 56 इंच की छाती लेकर कांग्रेस के सामने खड़े हैं। वे किसी कीमत पर ऐसा नहीं होने देंगे। भाजपा की ओर से बताया गया कि कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी तो उसने मुसलमानों को आरक्षण दिया था। इसलिए अगर केंद्र में उसकी सरकार बनती है तो वह दलित, आदिवासी और पिछड़ों का आरक्षण छीन कर मुसलमानों को देगी।
सातवां, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि कांग्रेस की नजर देश के मठों और मंदिरों पर है। अगर वह सत्ता में आती है तो मठों और मंदिरों की संपत्ति छीन लेगी। यह हिंदू मुस्लिम राजनीति का एक रूपक है। इसी तरह के एक रूपक का इस्तेमाल प्रधानमंत्री ने किया, जब उन्होंने कहा कि राहुल गांधी देश के राजा, महाराजाओं की आलोचना करते हैं लेकिन नवाबों, सुल्तानों के लिए कुछ नहीं कहते हैं। ऐसा नहीं है कि सिर्फ भाजपा इस बार चुनाव में मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस का भय दिखा रही है। कांग्रेस और दूसरी विपक्षी पार्टियां भी भाजपा के तीसरी बार सत्ता में आने का भय दिखा रही हैं। इस पर कल चर्चा करेंगे। (जारी)
यह भी पढ़ें: