राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

लोकसभा में भाजपा का यादव दांव

Lok Sabha Election 2024

भोपाल। जब डॉक्टर मोहन यादव को भाजपा ने मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया था तब शायद ही किसी ने सोचा होगा की मध्य प्रदेश के अलावा भी भाजपा इस यादव दांव का उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में भी करेगी लेकिन अब यह दांव चलते हुए पार्टी दिखाई दे रही है। दरअसल भाजपा के रणनीतिकार पिछड़ा वर्ग की यादव जाति को पार्टी से जोड़ने और मध्य प्रदेश के साथ-साथ बिहार एवं उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्यों में विपक्ष को कमजोर करने के लिए लंबे अरसे से प्रयास कर रहे थे एक समय मध्य प्रदेश में बाबूलाल गौर को मुख्यमंत्री बनाया गया था। Lok Sabha Election 2024

लेकिन वह ज्यादा दिन पद पर नहीं रह पाए और तब भाजपा में लोधी जाति का उभार भी चल रहा था लेकिन अब मध्य प्रदेश में डॉक्टर मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनकर भाजपा ने आगामी लोकसभा चुनाव में मध्य प्रदेश के साथ-साथ उत्तर प्रदेश और बिहार में भी यादवों को अपनी तरफ करने के लिए कोशिशे तेज कर दी है मुख्यमंत्री बनने के बाद मोहन यादव का बिहार और उत्तर प्रदेश का पहले दौर का दौरा हो चुका है जिसमें बिहार में उन्होंने यादव समाज के लोगों से मध्य प्रदेश आकर उद्योग धंधा लगाने की बात भी कही थी।

वहीं पिछले सप्ताह उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ क्लस्टर में शामिल पांच लोकसभा सीटों के प्रमुख भाजपा कार्यकर्ताओं और पदाधिकारी के साथ बैठक की थी यह पांचो सीटों पर यादवों का दबदबा है।

बहरहाल एक महीने की ही अंदर दूसरी बार 3 मार्च को मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में होने जा रहे यादव महाकुंभ में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हो रहे हैं लखनऊ के बिजनौर रोड स्थित गुडौरा मैदान पर आयोजित इस यादव महाकुंभ में पूरे उत्तर प्रदेश से यादव समाज के लोगों को विशेष रूप से बुलाया गया है यहां बताते चलें कि उत्तर प्रदेश की जो पिछड़े वर्ग की आबादी है उसमें 20% यादव समाज की भागीदारी है और मुलायम सिंह के बाद यह समाज अखिलेश यादव के साथ समाजवादी पार्टी से भी अच्छी खासी संख्या में जुड़ी हुई है।

80 लोकसभा सीटों में से 11 लोकसभा सीट ऐसी है जहां यादव वोटर निर्णायक हैं खासकर इटावा मैनपुरी बदायूं फैजाबाद संत कबीर नगर बलिया आजमगढ़ एटा मैनपुरी फिरोजाबाद और जौनपुर लोकसभा सीटों को जीतने के लिए इस महाकुंभ को महत्वपूर्ण माना जा रहा है यह एक ऐसे मौके पर लोकसभा का चुनाव होने जा रहा है जब उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद पहले चुनाव है अखिलेश यादव के लिए अग्नि परीक्षा जैसा है ऐसे में यादव समाज में सेंध लगाकर भाजपा उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी को कमजोर करना चाहती है।

यादव समाज में खुले तौर पर संदेश देने के लिए यादव महाकुंभ के जो तैयारी संबंधी बैनर पोस्टर लगाए गए हैं उसमें स्पष्ट तौर पर लिखा है कि श्री राम कृष्ण विरोधियों का छोड़ हाथ यादव चला मोहन के साथ मतलब साफ है उत्तर प्रदेश और बिहार में जिस तरह से जातीय राजनीति का बोलबाला रहता है उसमें बीजेपी ने यादव समाज को अपनी ओर करने के लिए डॉक्टर मोहन यादव को आगे करके एक ऐसा दांव चला है जो कांग्रेसी नहीं उत्तर प्रदेश में अखिलेश की समाजवादी पार्टी और बिहार में तेजस्वी यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल को जितना भी नुकसान करेगी उतना भाजपा को फायदा होगा। Lok Sabha Election 2024

कुल मिलाकर मंडल और कमंडल को वक्त और जरूरत के अनुसार हाथ में थाम कर भाजपा जिस तरह से समीकरण साधती है उससे उसको सत्ता की राह बनाने में आसानी हो जाती है एक समय कल्याण सिंह और उमा भारती को लोधी नेता के रूप में महिमा मंडित करके पूरे देश में लोधी समाज को भाजपा से जोड़ने का पार्टी ने अभियान चलाया था और अब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश और बिहार में यादव समाज के बीच पकड़ बनाने के लिए एक बड़ा दांव माना जा रहा है।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

और पढ़ें