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प्रदेश में आखिरी चरण का रण आज

भोपाल। देश में भले ही 1 जून तक लोकसभा चुनाव का आखिरी चरण संपन्न होगा लेकिन प्रदेश में आज चौथा चरण आखिरी चरण है। जिसमें आठ लोकसभा सीटों पर मतदान होगा दोनों ही प्रमुख दलों भाजपा और कांग्रेस में पूरी ताकत दी है। अब मतदाता की बारी है कि वह मतदान प्रतिशत को बढ़ाने के लिए कितनी हिम्मत दिखता है।

दरअसल, प्रदेश में चार चरणों में लोकसभा के चुनाव घोषित की किए गए थे जिसमें तीन चरणों में 21 लोकसभा क्षेत्र में चुनाव संपन्न हो चुके हैं। आज आखिरी चरण चौथा चरण के रूप में प्रदेश में आठ लोकसभा सीटों पर मतदान किया जाएगा। प्रदेश के दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा इन लोकसभा सीटों से तो जुड़ी ही है। आरक्षित वर्ग की पांच सीटों पर भी चुनाव महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। देवास, उज्जैन, धार, रतलाम, इंदौर, मंदसौर, खरगोन और खंडवा लोकसभा सीटों पर दोनों ही दलों ने अपनी जमीनी जमावट में कोई कसर नहीं छोड़ी है लेकिन इसके बावजूद आज मतदान प्रतिशत बढ़ाना सबसे बड़ी चुनौती है। सबसे बड़ी चुनौती इंदौर लोकसभा सीट पर है क्योंकि यहां से कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय क्रांति बम जब से भाजपा में शामिल हुए हैं तब से नोटा को लेकर नई बहस छिड़ गई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संघ प्रमुख जहां इंदौर लोकसभा क्षेत्र के हाल-चाल पिछले दिनों धार खरगोन के दौरे के समय पूछे थे। वहीं संघ प्रमुख मोहन भागवत में नोटा को लेकर आगाह किया है इससे भी पता चलता है कि पार्टी इस बात के लिए गंभीर है कि कहानी बातों बातों में नोटा को कहीं ज्यादा समर्थन न मिल जाए। हालांकि इंदौर भाजपा का गढ़ है। 2019 के लोकसभा चुनाव में इंदौर सीट प्रदेश में सर्वाधिक मतों से भाजपा ने जीती थी और यदि कांग्रेस प्रत्याशी मैदान में होता तो जीत के प्रति कोई बात नहीं होती बल्कि बढ़त को लेकर चर्चाएं होती लेकिन बदली हुई परिदृश्य में पार्टी सतर्क और सावधान है क्योंकि प्रदेश में ऐसे अनेक उदाहरण है जब कई बार मतदाताओं ने किन्नर को चुनाव जिता दिया। कांग्रेस के मैदान में न होने से नोटा को समर्थन देने से मुद्दे और चर्चाओं के विषय बदले हैं हालांकि कांग्रेस प्रचार नोट का जरूर करते आई है लेकिन बूथ पर नोटा के एजेंट के रूप में कितने कांग्रेसी बैठते हैं। यह आज पता चल जाएगा क्योंकि मुकाबला से बाहर हो चुकी कांग्रेस इंदौर में हारी हुई लड़ाई लड़ रही है।

उज्जैन लोकसभा सीट मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव का गृह क्षेत्र है। मुख्यमंत्री बनने के बाद डॉक्टर यादव ने सर्वाधिक दौरिया उज्जैन के ही किए हैं और उन्होंने पूरा जोर लगाया हुआ है। अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित होने के बावजूद कांग्रेस को यहां भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। भाजपा बड़े अंतर से जीत के लिए चुनाव अभियान में जुटी हुई है और आज वोटिंग प्रतिशत बढ़ता भी पार्टी का लक्ष्य है। रतलाम लोकसभा सीट पर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया को कड़ी टक्कर देने के लिए भाजपा में परिवारवाद का मुद्दा पीछे छोड़ते हुए मंत्री नगर सिंह चौहान की पत्नी को चुनाव मैदान में उतर कर भूरिया की मुश्किलें बढ़ा दी है।

नगर सिंह चौहान के अलावा मंत्री चेतन कश्यप और निर्मला भूरिया भी चुनाव प्रचार में जमकर पसीना बहाते रहे कड़े मुकाबले में आज जो भी मतदान अपने पक्ष में कर लेगा उसी को सफलता मिलेगी धार लोकसभा सीट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभा कर चुके हैं। गौशाला मंदिर या मस्जिद का मुद्दा भी इस क्षेत्र में गर्मी हुआ है। पिछले विधानसभा चुनाव में यहां की आठ में से 5 सीटें कांग्रेस ने जीती थी लेकिन भाजपा ने जिस तरह से चुनावी फिजा को बदलने के लिए रणनीति बनाई है उसे कांग्रेस की राह आसान नहीं दिखती।

इसी तरह मंदसौर, देवास, खरगोन और खंडवा में भी भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे का मुकाबला है इन सभी आठ सीटों पर भाजपा और कांग्रेस के दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा जुड़ी हुई है। मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार, मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, तुलसी सिलावट, चेतन कश्यप, नगर सिंह चौहान, निर्मला भूरिया इन्हीं क्षेत्रों से आते हैं। यही कारण है की आखिरी चरण में दोनों ही दिनों में अधिकतम प्रयास किए हैं अब मतदाता की बारी है कि वह किसके प्रयासों को अंजाम तक पहुंचता है।

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