कांग्रेस नेता राहुल गांधी एक बार फिर बिहार का दौरा करने वाले हैं। वे इस साल बिहार पर फोकस किए हुए हैं। वे अब तक दो बार बिहार आ चुके हैं। एक बार उन्होंने संविधान सम्मेलन समारोह में हिस्सा लिया तो दूसरी ओर बिहार के पहले दलित कैबिनेट मंत्री जगलाल चौधरी की जयंती में शामिल हुए। अपनी तीसरी यात्रा में वे फिर संविधान सम्मान सम्मेलन में शामिल होंगे। इस बार यह सम्मेलन गया में होगा। इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की भी बिहार यात्रा होने वाली है। बिहार में इस साल चुनाव है और इसलिए कांग्रेस नेताओं की सक्रियता समझ में आती है। तभी यह भी कहा जा रहा है कि कांग्रेस अपना जो अधिवेशन गुजरात में कर रही है वह बिहार में करना चाहिए था या तीन महीने बाद बिहार में भी कांग्रेस का अधिवेशन होना चाहिए।
बहरहाल, कांग्रेस नेताओं का और खासकर राहुल गांधी का दौरा बहुत अहम है। चूंकि कांग्रेस ने अपने भरोसे के और अपनी टीम के सदस्य कृष्णा अलावारू को बिहार का प्रभारी बनाया है तो उनके लिए भी यह जरूरी है कि बिहार में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहतर हो। पिछली बार 70 सीटों पर लड़ कर कांग्रेस सिर्फ 19 सीट जीत पाई थी। हालांकि उसमें राजद ने कांग्रेस को कमजोर सीटें ज्यादा दी थीं। इस बार कांग्रेस भले कुछ सीटें कम ले लेकिन समीकरण के लिहाज से मजबूत सीटें लेने पर उसका फोकस होगा। राहुल की यात्रा दलित और मुस्लिम समीकरण को मजबूत करने के लिए भी हो रही है। तभी बिहार में दलित कांग्रेस अध्यक्ष बनाने की चर्चा चल रही है। अपनी इस यात्रा में राहुल दलित नेता भगीरथ मांझी से भी मिलेंगे। वे माउंटेनमैन के नाम से मशहूर दशरथ मांझी के बेटे हैं। वे कुछ दिन पहले ही कांग्रेस में शामिल हुए हैं। हालांकि वे दिल्ली में ही कांग्रेस में शामिल हुए थे और उस समय राहुल उनसे क्यों नहीं मिले थे यह पता नहीं है।