ऐसा लग रहा है कि भारत सरकार अमेरिका के सामने सरेंडर की तैयारी में है। दोनों देशों के बीच व्यापार संधि को लेकर बहुत गंभीरता से बात हो रही है। कहा जा रहा है कि भारत पहला देश हो सकता है, जिसके साथ अमेरिका की व्यापार संधि हो। इस साल अक्टूबर तक व्यापार संधि पर दस्तखत हो जाने की संभावना है। जाहिर है कि अमेरिका के साथ व्यापार संधि ऐसे ही नहीं हो सकती है।
अमेरिका ने दुनिया भर के देशों पर जैसे को तैसा टैरिफ लगाया है और उन्हीं देशों के साथ शुल्क में समझौता होगा, जो अमेरिका के साथ व्यापार घाटे वाला कारोबार नहीं करेंगे। यानी जिन देशों के साथ आयात निर्यात का संतुलन ठीक नहीं होगा और टैरिफ में समानता नहीं होगी उनके साथ अमेरिका करार नहीं करेगा।
अमेरिका-भारत: हार्ले डेविडसन पर जीरो टैरिफ, टैक्स में कटौती
तभी कहा जा रहा है कि भारत टैरिफ में समानता लाने जा रहा है। यानी जितना टैक्स भारत के उत्पादों पर अमेरिका में लगता है उतना ही टैक्स भारत में अमेरिकी उत्पादों पर लगेगा। गौरतलब है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने पहले कार्यकाल में भी भारत से यह बात कह रहे थे। उन्होंने इस कार्यकाल में भी कहा कि भारत बहुत टैक्स लगाने वाला देश है। लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अब भारत टैक्स घटाने जा रहा है। उस समय भारत की ओर से सूत्रों के हवाले से इसका खंडन कराया गया था।
लेकिन अब कहा जा रहा है कि सचमुच भारत अनेक उत्पादों पर टैरिफ कम करने जा रहा है। ट्रंप ने अमेरिकी मोटर बाइक हार्ले डेविडसन का मुद्दा उठाया था, जिस पर भारत में सौ फीसदी टैक्स लगता था। बाद में सरकार ने इसमें बड़ी कटौती की। अब कहा जा रहा है कि भारत सरकार इस पर टैरिफ जीरो करने जा रही है। यानी जिस कीमत पर अमेरिका में लोगों को हार्ले डेविडसन मिलती है उसी कीमत पर भारत में मिलेगी। अब भारत की ओर से कहा जा रहा है कि इस पर टैक्स जीरो करने से भारत को कोई बड़ा आर्थिक नुकसान नहीं होगा।
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