Neeraj Chopra
मेरे जीवन में तो सबसे जरूरी भाला है। मुझे बाकी कुछ…ना इतना अच्छा खाना बनाना आता है, ना मैं समय दे सकता।
सोमवार शाम को उन्होंने हिंदी में ट्वीट किया कि खाओ रोटी, पियो चाय, टेंशन को करो बाय बाय..जिसका मोटे तौर पर अनुवाद होता है चाय और रोटी तनाव को दूर रख सकती है।
नीरज चोपड़ा ने 1.4 मिलियन से अधिक लेखकों से 2.9 मिलियन से अधिक उल्लेख दर्ज किए हैं जो उन्हें 2020 टोक्यो ओलंपिक के दौरान इंस्टाग्राम पर वैश्विक स्तर पर ‘सबसे अधिक उल्लेखित’ एथलीट बनाता है।
श्रीजेश अमिताभ बच्चन को कहते हुए सुना जाता है..आज हमलोग ऐ हैं आपको हरियाणवी सीखने (आज हम आपको हरियाणवी सिखाने आए हैं)।
23 साल के Neeraj Chopra ट्रैक और फील्ड एथलीट प्रतिस्पर्धा में भाला फेंकने वाले खिलाड़ी हैं। नीरज ने 87.58 मीटर भाला फेंककर टोक्यो ओलंपिक 2020 में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचा है।
भारत को Gold दिलाने वाले Neeraj Chopra एक बार फिर से चर्चाओं में आ गए हैं. इस बार उनके चर्चा में आने का कारण ऐसा है जिससे उनके फैंस भड़क उठे हैं…..
भारत को जैवलिन थ्रो ( Javelin throw) में गोल्ड जिताने वाले नीरज चोपड़ा इन दिनों सोशल मीडिया से लेकर न्यूज़ चैनलों में छाए हुए हैं. लेकिन कोई और भी जैवलिन थ्रो का खिलाड़ी है जो इन दिनों सुर्खियों में .
मनुष्य की शारीरिक क्षमता और कौशल की परीक्षा का सर्वोच्च मुकाबला ओलंपिक में होता है। तभी हर ओलंपिक में यह उम्मीद की जाती है कि इस बार प्रतिस्पर्धा में हिस्सा ले रहे प्रतिभागी पहले से बेहतर प्रदर्शन करेंगे।
मुर्लिकांत पेटकर भारत के पहले पैरालम्पिक स्वर्ण पदक विजेता हैं। 1972 में जर्मनी के हेडेल्बेर्ग में हुए पैराल्मपिक्स में में उन्होंने व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीता था। देश को दूसरा पैराल्मपिक गोल्ड देवेन्द्र झाझड़िया ने दिलाया
अंग्रेजी के ऊपर एक सवाल पूछने पर उन्होंने साफ तौर पर इस बात को स्वीकार कर लिया उन्हें अंग्रेजी उतनी नहीं आती.
टोक्यो ओलंपिक 2021 में नीरज चोपड़ा ने जेवलिन थ्रो खेल में गोल्ड मेडल जीता था. भारत के लिए एक ऐतिहासिक मोमेंट था और अब उनकी फैन फॉलोइंग लगातार बढ़ती जा रही है
यह भारत का दुर्भाग्य है कि यहां राजनीति में खेला होता है और खेलों में राजनीति होती है। टोक्यो ओलंपिक के बाद भी खेल के नाम पर जो कुछ भी हो रहा है वह राजनीति ही है और तय मानें कि इससे भारत में न तो खेलों की संस्कृति बेहतर होने वाली है और न दीर्घावधि में खेल व खिलाड़ियों की गुणवत्ता में सुधार होना है।
जब देश में माहौल हर क्षेत्र में अपनी तुलना अपने हालिया इतिहास से ही करने और उस इतिहास से बदला लेने का हो, उस वक्त ऐसी चर्चा पर लोग ध्यान देंगे, इसकी उम्मीद नहीं है। उस समय टोक्यो ओलिंपिक की सफलताओं को उचित संदर्भ में रखने की कोशिश मुमकिन है कि राष्ट्र-द्रोह भी मानी जाए।
जहां सोशल मीडिया पर बधाई संदेशों की बाढ़ आ गई, वहीं कई मीम्स भी पोस्ट किए गए जिसमें कहा गया कि अक्षय कुमार को नीरज चोपड़ा पर संभावित बायोपिक में काम करना चाहिए। नीरज चौपड़ा ने गोल्ड जीतकर अपने देश को गर्व महसूस करवाया है। हालंकि आज नीरज भारत आ चुके है।
नीरज चोपड़ा को सलाम! रवि दहिया और बजरंग पूनिया को भी सलाम! पीवी सिंधु, मीराबाई चानू और लवलिना बोरगोहेन को नमन! मनप्रीत सिंह के नेतृत्व में खेली भारतीय हॉकी टीम को नमन