Tuesday

01-07-2025 Vol 19

हरिशंकर व्यास

मौलिक चिंतक-बेबाक लेखक और पत्रकार। नया इंडिया समाचारपत्र के संस्थापक-संपादक। सन् 1976 से लगातार सक्रिय और बहुप्रयोगी संपादक। ‘जनसत्ता’ में संपादन-लेखन के वक्त 1983 में शुरू किया राजनैतिक खुलासे का ‘गपशप’ कॉलम ‘जनसत्ता’, ‘पंजाब केसरी’, ‘द पॉयनियर’ आदि से ‘नया इंडिया’ तक का सफर करते हुए अब चालीस वर्षों से अधिक का है। नई सदी के पहले दशक में ईटीवी चैनल पर ‘सेंट्रल हॉल’ प्रोग्राम की प्रस्तुति। सप्ताह में पांच दिन नियमित प्रसारित। प्रोग्राम कोई नौ वर्ष चला! आजाद भारत के 14 में से 11 प्रधानमंत्रियों की सरकारों की बारीकी-बेबाकी से पडताल व विश्लेषण में वह सिद्धहस्तता जो देश की अन्य भाषाओं के पत्रकारों सुधी अंग्रेजीदा संपादकों-विचारकों में भी लोकप्रिय और पठनीय। जैसे कि लेखक-संपादक अरूण शौरी की अंग्रेजी में हरिशंकर व्यास के लेखन पर जाहिर यह भावाव्यक्ति -

योगी का हटना तय!

इस सप्ताह योगी आदित्यनाथ ने उत्तरप्रदेश विधानसभा में खूब दहाड़ा। केशवप्रसाद मोर्य एंड पार्टी को कितना डाउन दिखलाने का नैरेटिव बनवाया

भागवत में क्यों हिम्मत नहीं?

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने नरेंद्र मोदी को लक्षित कर वह सब कहा, जिसकी कल्पना नहीं थी। और भागवत ने एक शब्द गलत नहीं बोला।

मोदी का अब टाइमपास

नरेंद्र मोदी के पास अब करने को कुछ नहीं है। वे अपनी छाया में वक्त काटते हुए हैं। इसलिए क्योंकि उन्हें देखने, सुनने का जो क्रेज था, वह सूख...

चुनाव से भी भागना!

सवाल है नरेंद्र मोदी और अमित शाह कैसे टाइमपास में समय गुजार सकते हैं? इनकी फितरत समय काटने की तो नहीं है। कुछ तो सोच रहे होंगे।

सिर्फ हिंदू मुस्लिम नैरेटिव का कार्ड

तीनों राज्यों में अमित शाह ने जो भाषण दिए हैं उससे तय हो गया है कि भाजपा के पास अब कोई विजन या कोई एजेंडा नहीं बचा है।

औरंगजेब फैन क्लब

प्रधानमंत्री मोदी बड़े विजनरी हैं, अमित शाह चाणक्य हैं लेकिन पार्टी को चुनाव लड़ना है कि औरंगजेब के नाम पर

अब खुश रखना ही बडा काम!

लगातार 10 साल तक किसी की परवाह नहीं करने वाले मोदी अब सबकी परवाह कर रहे हैं। अपने नेताओं के साथ साथ सहयोगी पार्टियों को खुश रखने का काम...

हर शाख पर बाबा बैठे हैं

हाथरस में एक बाबा के सत्संग की भगदड़ में करीब सवा सौ लोग मरे तब देश में ज्यादातर लोगों को सूरजपाल जाटव उर्फ भोले बाबा के बारे में मालूम...

अजैविक मोदी से ‘भोले बाबा’ तक!

जाहिर है दुखियारों का भारत सच्चाई है। धर्मादे, खैरात, राशन, कृपाओं पर जीने वाली भारत भीड़ का सत्य है।

इंटरनेट पर भी चमत्कार और भक्त

जिन बाबाओं को जमीन पर स्पेस नहीं मिल रहा है उनके लिए इंटरनेट का स्पेस है, जहां उन्होंने लाखों, करोड़ भक्त बना लिए हैं।  

बाबाओं का उदय और अस्त

वे अंतर्यामी होते हैं और उनके पास ऐसी अद्भुत शक्तियां हैं कि वे भक्तों के सारे कष्ट दूर कर सकते हैं।

पहले बड़े अब लोकल!

एक समय था, जब राम रहीम के ऊपर फिल्में बनती थीं और फिल्म रिलीज होने के समय दिल्ली, गुरुग्राम के इलाके में सड़कें जाम हो जाती थीं।

‘ठग’ से ‘सज्जन’ और ‘झूठ’ से ‘सत्य’ कैसे लड़े!

यदि ठग व्यक्ति, झूठ बोलने में गुरू हो तो करेला नीम पर चढ़ा। तभी इन दिनों डोनाल्ड ट्रम्प जैसा ठग और झूठा राजनीति का प्रतिमान है।

मोदी 3:0- बासी कढ़ी!

क्या केबिनेट में कुछ नया, ताजा दिखा? क्या प्रधानमंत्री दफ्तर, सरकार की आला नौकरशाही में कोई परिवर्तन झलका?

हे राम! यह बुलैट ट्रेन!

भारत सरकार और उसकी महाबली संस्थाएं स्कूली बच्चों के लिए जब एक दाखिला परीक्षा ईमानदारी से नहीं करा सकती है बुलैट ट्रेन बना कर क्या कर लेंगे?

सिर्फ चुनाव और राजनीति की चिंता

पूरे 10 साल देश यह देखता आया है कि संसद, सरकार, शासन-प्रशासन, जनता का कामकाज सब मिथ्या या दोयम दर्जे के काम हैं। असली सच राजनीति है।

संसद से भी मैसेज

भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाना है, यह जुमला भी देश कई बरसों से सुन रहा है, जो फिर अभिभाषण में सुनाई दिया।

नौकरशाही में सब कुछ पहले जैसा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले दिन से बता दिया कि कामकाज के ढर्रे में कुछ भी बदलने नहीं जा रहा है। सब कुछ पहले की तरह होता रहेगा।

मानव त्रासदी की यह सदी!

न अमेरिका और ब्रिटेन जैसे सिरमौर विकसित देश मौसम का बिगड़ना रोक पा रहे हैं और न संयुक्त राष्ट्र और उसकी एजेंसियां

योगीः बलि का बकरा?

नरेंद्र मोदी और अमित शाह देरसबेर योगी आदित्यनाथ पर यूपी में हार का ठिकरा फोड़ने वाले है। योगी को या तो दिल्ली आना है या चिमटा उठा कर गोरखपुर...

नरेंद्र मोदी का झोला !

झोले में चिंताएं है और झोली फैली हुई है। पहले यदि नरेंद्र मोदी चार घंटे सौते थे तो पता नहीं इन दिनों वे कितना सो रहे होंगे। उन्हे नए...

तो केजरीवाल को जमानत?

यों राउज एवेन्यू कोर्ट की विशेष जज न्याय बिंदु ने जिस दंबगी और खुले में निर्णय लिख अरविंद केजरीवाल को नियमित जमानत दी है उससे उनका न्यायबिंदु नाम सार्थक...

झारखंड में भी आसानी नहीं !

झारखंड में चुनाव नतीजों से प्रदेश भाजपा के सारे नेता हिले हुए हैं। उनको लग रहा था कि नरेंद्र मोदी की लहर में सारी सीटें जीत रहे हैं तो...

महाराष्ट्र की चुनावी चुनौती

महाराष्ट्र में चार महीने में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। उससे पहले लोकसभा चुनाव के नतीजों ने भाजपा, शिव सेना और एनसीपी के गठबंधन यानी महायुति के लिए...

बिहार का सिरदर्द बड़ा

इसको सिर मुंडाते ही ओले पड़ना कहते हैं। केंद्र में नरेंद्र मोदी को पहली बार गठबंधन सरकार का नेतृत्व करना पड़ा और शपथ लेने के 11 दिन के बाद...

सच्चाई

इस सच्चाई में यदि सदी के पहले 25 वर्षों के भारत के अनुभव पर गौर करें तो क्या तस्वीर उभरेगी? क्या हम 25 वर्षों में महज भीड़ बन कर...

303 बनाम 240 का फर्क

लोग हैरान हैं यह बूझ कर कि नरेंद्र मोदी का राज तो वैसा ही है जैसे 2019 में 303 सीटें जीतने के बाद था। वही चेहरे वही सरकार। वैसे...

मोदी पर संघ का ‘घमंडी’ ठप्पा!

आने वाले दिनों में नरेंद्र मोदी भाजपा से आरएसएस को वैसे ही आउट कर देंगे, जैसे गुजरात में मुख्यमंत्री रहते हुए प्रदेश भाजपा में संघ के प्रचारकों की जीरो...

युग पुरूष की आगे खाईयां!

नरेंद्र मोदी का अपने को युग पुरूष मानना गलत नहीं है। उनके तमाम भक्त इस संतोष में हैं कि तीन बार लगातार शपथ से जवाहर लाल नेहरू के बराबर...

सरकार पर दबाव तो बढ़ेगा!

क्या सचमुच यह वास्तविक तस्वीर है और चंद्रबाबू नायडू या नीतीश कुमार ने पूरी तरह से समझौता कर लिया है?

राज्यों के चुनाव का इंतजार

इस साल के अंत में महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। यह संयोग है कि लोकसभा चुनाव में इन तीनों राज्यों में भाजपा को...

आभार!

आजाद भारत के इतिहास में सन् 2024 का जनादेश 1977 जैसा न होते हुए भी इतिहासजन्य है और अभिनंदनीय है।

चंद्रबाबू, नीतीश की क्या चलेगी?

नरेंद्र मोदी ने शपथ ली नहीं कि उससे पहले ही गुरूवार को सूत्रों के हवाले पालतू मीडिया से चंद्रबाबू नायडू और नीतूश कुमार की हैसियत पर खबरें चल गईं।...

मोदी क्या बदलेंगे?

2024 के जनादेश ने नरेंद्र मोदी को एक तरह से बर्फ की सिल्ली बना दिया है जो सियासी गर्मी में पिघलनी ही है।

संघ और मोदी में संपर्क नहीं?

मोदी द्वारा आरएसएस को यह हैसियत बताने से है कि मैं तो भगवान और तुम? संघ के केवल एक शख्स सुरेश सोनी को नरेंद्र मोदी वक्त देते हैं।

निर्दलीय व अन्य को पटाने की कोशिश

अपने सांसदों को बचाने की जिम्मेदारी वे भाजपा पर डाल सकते हैं। जरूरी हुआ तो अपने सांसदों को भाजपा में शामिल भी करा सकते हैं ताकि नायडू उनकी पार्टी...

नीतिगत मामलों पर अड़ेंगे नीतीश

2013 में मोदी को प्रधानमंत्री पद का दावेदार बनाए जाने के बाद नीतीश एकमात्र नेता थे, जिन्होंने एनडीए छोड़ी थी। वे 2014 के चुनाव में अकेले लड़े थे और...

चुनाव 2024 का सत्य

हां, आग्रह है आम चुनाव 2024 के पचहत्तर दिनों में मेरे लिखे कॉलम ‘अपन तो कहेंगे’ और ‘गपशप’ के शीषर्क, और उनके सार-संक्षेप (विस्तार से पूरा पढ़ना हो तो...

अंहकार हारा, वानर सेना जीती!

मगर अहंकार हार नहीं माना करता। नरेंद्र मोदी स्क्रीन पर लौट आए हैं। दंभ के साथ देश को संदेश दे दिया है कि वे हार नहीं मानेंगे।

ट्रंप के जेल जाने के दिन!

डोनाल्ड ट्रंप ने बतौर राष्ट्रपति चार वर्षों में अपना खुद का और अमेरिका का कैसा-क्या कलंक बनाया, यह इतिहास में अंकित है।

यूपी और बिहार के अनुमान धरे रह जाएंगे?

समझ नहीं आ रहा कि आखिरी चरण आते-आते नरेंद्र मोदी का चेहरा यूपी और बिहार की जातीय राजनीति में कैसे इतना दब गया?

मोदी का चेहरा, जाहिर नतीजा !

असल सवाल है कि भाजपा की संख्या 272 से पार होगी या नहीं? भाजपा के वोट शेयर और उसकी सीटों में 2014 या 2019 रिपीट होगा या वह 2014...

कहां से शुरू, कहां खत्म!

याद करें, राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के समय और 19 अप्रैल को मतदान के पहले चरण तक नरेंद्र मोदी का चेहरा कितना-कैसा दमदमाता हुआ था?

मोदी भगवान के अवतार और गांधी !

नरेंद्र मोदी ने प्रचार के दौरान रिकॉर्ड संख्या में इंटरव्यू दिए। लगभग हर न्यूज चैनल और अखबार को इंटरव्यू दिया। इंटरव्यू में क्या कहा यह अहम नहीं है।

प्रधानमंत्री का ऐसा स्तर

लोकसभा चुनाव 2024 का प्रचार ढाई महीने चला है। और रिकॉर्ड प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बना।

संघ के भगवान (मोदी) क्या सेना का भी उपयोग करेंगे?

अफवाह का आधार यह रिपोर्ट है कि सेना प्रमुख मनोज पांडे 31 मई को रिटायर होने थे लेकिन कैबिनेट की नियुक्ति कमेटी ने अप्रत्याशित तौर पर उनका कार्यकाल एक...

चुनाव अब जनमत संग्रह!

इतिहास बनता लगता है। जनवरी में जो देश अबकी बार चार सौ पार के हुंकारे में गुमसुम था वह मई में विद्रोही दिख रहा है। इसलिए चुनाव अब जनमत...

भाजपा का सब तरफ घटना जारी!

लोकसभा चुनाव 2024 में मतदान के पांचवें चरण को लेकर जितनी तरह की रिपोर्ट है उसमें बहुत कुछ उलट-पलट होता लगता है।