Wednesday

30-04-2025 Vol 19

संपादकीय

दाल की खेती क्यों घटी?

दाल की खेती क्यों घटी?

यह खबर चिंताजनक है कि बीते साल के मुकाबले भारत में धान और अरहर की खेती वाले इलाके इस साल घट गए हैं।
चरमराता संघीय ढांचा

चरमराता संघीय ढांचा

पिछले हफ्ते तमिलनाडु में जो हुआ, उसे भारत के चरमराते संघीय ढांचे की ही मिसाल कहा जाएगा।
पवारः‘गुगली’ किसकी?

पवारः‘गुगली’ किसकी?

कुछ रोज पहले शरद पवार ने स्वीकार किया था कि पिछले चुनाव से पहले गठबंधन के सवाल पर उनकी भारतीय जनता पार्टी से बातचीत हुई थी।
राहुल गांधी का मरहम

राहुल गांधी का मरहम

राहुल गांधी के मणिपुर दौरे से यह बात जाहिर हुई कि लगभग दो महीनों से हिंसा ग्रस्त इस राज्य के लोग किस हताशा और बेचैनी में हैं।
दुश्चक्र में फंसा फ्रांस

दुश्चक्र में फंसा फ्रांस

अगर पुलिस ने किसी गाड़ी को रोकना चाहा, लेकिन ड्राइवर नहीं रुका, तो पुलिस गोली चला सकती है। तो पुलिस ने बेखौफ होकर गोली चलाई, जिससे अब पूरा समाज...
कर्नाटकः बदले की राजनीति

कर्नाटकः बदले की राजनीति

कर्नाटक सरकार की इस बात के लिए तारीफ की जाएगी कि चावल खरीद में केंद्र की ओर से डाली रुकावट को उसने अपने चुनावी वादे को पूरा ना करने...
भेदभाव बेपर्दा हुआ

भेदभाव बेपर्दा हुआ

इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) का क्रिकेट में भेदभाव और पूर्वाग्रहों के शिकार हुए लोगों से सार्वजनिक माफी मांगना एक स्वागतयोग्य कदम है।
असल समस्या है मोनोपॉली

असल समस्या है मोनोपॉली

आईएमएफ की तरफ से अर्थशास्त्रियों नील-जैकब हानसेन, फ्रेडरिक टोस्कानी और जिंग झाऊ ने कहा है कि पिछले दो साल के दौरान कंपनियों ने लागत मूल्य में वृद्धि की तुलना...
अंतरिक्ष में रहने का मस्तिष्क पर कैसा असर?

अंतरिक्ष में रहने का मस्तिष्क पर कैसा असर?

अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने का मस्तिष्क पर असर होता है। इस बारे में नासा ने अध्ययन किया है।
बराक ओबामा को आईना!

बराक ओबामा को आईना!

मॉब लीचिंग रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में दिशा निर्देश जारी किए थे। मगर इसी महीने महाराष्ट्र में ऐसी दो घटनाएं हुई हैँ।
बात हुई, यही काफी!

बात हुई, यही काफी!

दुनिया में एक नया वित्तीय करार करने के इरादे से पेरिस में पिछले हफ्ते हुए अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन से ज्यादा कुछ हासिल नहीं हुआ।
सुरक्षा आउटसोर्सिंग के खतरे

सुरक्षा आउटसोर्सिंग के खतरे

अमेरिका ने भी गुजरे दशकों में बड़ी संख्या में प्राइवेट आर्मी को अपने युद्धों में लगाया है।
उपाय सोचने की जरूरत

उपाय सोचने की जरूरत

रासायनिक खादों का उपज बढ़ाने और खाद्य सुरक्षा को सुनिश्चित करने में महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है।
विपक्ष के ब्लैक शीप

विपक्ष के ब्लैक शीप

अरविंद केजरीवाल की विपक्ष की पटना बैठक का माहौल बिगाड़ने के मकसद से वहां गए थे। इसका संकेत उनकी पार्टी पहले से ही दे रही थी।
कटिंग-एज तो नहीं

कटिंग-एज तो नहीं

रणनीतिक क्षेत्र में भारत में अमेरिकी नौसैनिक बेड़ों को “मरम्मत की सुविधा” देने पर सहमति बनी, उसे जरूर एक अहम घटना समझा जाएगा।
मौसम क्यों बना जानलेवा?

मौसम क्यों बना जानलेवा?

ना ही चिकित्सा व्यवस्था का दुरुस्त तंत्र है। ऐसे में थोड़ा भी असामान्य मौसम अगर जानलेवा बन जाता है, तो उसमें हैरत की कोई बात नहीं है।
जब सुना ही ना जाए!

जब सुना ही ना जाए!

मणिपुर के निर्वाचित जन प्रतिनिधियों की मनोदशा का अंदाजा लगाया जा सकता है। खास बात यह कि इन प्रतिनिधियों में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के नेता भी शामिल हैं।
बात हुई, यही काफी

बात हुई, यही काफी

अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन की चीन यात्रा से क्या कोई ठोस नतीजा निकला, यह कहना कठिन है।
बड़े बदलाव की जरूरत

बड़े बदलाव की जरूरत

भारत में अंगदान की मांग उपलब्धता की तुलना में बहुत ज्यादा है। कारण देश में अंगदान करने वाले लोगों की भारी कमी है।
हर सिगरेट खतरनाक है

हर सिगरेट खतरनाक है

समाज में यह गलत धारणा बनाई गई है कि ई-सिगरेट खतरनाक नहीं है। इस भ्रम के कारण कई लोग सिगरेट छोड़ने की कोशिश में इसे अपना लेते हैं।
कठघरे में रिजर्व बैंक

कठघरे में रिजर्व बैंक

एक खबर यह है कि आरबीआई ने बैंकों को उन डिफॉल्टरों से समझौता कर मामला निपटाने का अधिकार दे दिया है, जिन्होंने जानबूझ कर ऋण नहीं चुकाया।
तकनीक साझा करेगा अमेरिका?

तकनीक साझा करेगा अमेरिका?

हथियार कारोबार का हिसाब-किताब रखने वाली स्वीडन की प्रमुख संस्था- सिपरी की रिपोर्ट के मुताबिक 2018-22 की अवधि में भारत दुनिया में सबसे बड़ा हथियार आयातक देश रहा।
समस्या व्यवस्थागत है

समस्या व्यवस्थागत है

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अनुसार 75 फीसदी से अधिक डॉक्टरों ने कार्यस्थल पर किसी न किसी प्रकार की हिंसा का सामना किया है।
तमाम प्रगति के बावजूद

तमाम प्रगति के बावजूद

सयुंक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) ने इस अध्ययन में जिन लोगों को शामिल किया, उनमें से 90 फीसदी ने कम से कम एक लैंगिक पूर्वाग्रह से ग्रस्त होने की...
गलवान के तीन साल

गलवान के तीन साल

गलवान घाटी की दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद घटना की तीसरी बरसी एक उचित अवसर है, जब चीन के मामले में भारत की नीति का एक ठोस आकलन किया जाए।