राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

और बढ़ा कन्फ्यूज़न

ट्रंप झूठ बोल रहे हैं, तो मोदी को अविलंब उन्हें बेनकाब करना चाहिए। साथ ही भारत सरकार को इस संबंध में शब्द-दर-शब्द आधिकारिक विवरण जारी करना चाहिए कि मोदी- ट्रंप की फोन वार्ता में दोनों तरफ से क्या कहा गया।

जी-7 बैठक में आमंत्रित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कनानास्किस पहुंचने से पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप अमेरिका लौट गए। इस कारण दोनों की तय मुलाकात नहीं हो पाई। तो मोदी ने फोन पर ट्रंप से बात की। इसके बाद विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने एक वीडियो जारी कर बातचीत की जानकारी दी। बताया कि मोदी ने दो-टूक ट्रंप के इस दावे को ठुकरा दिया कि उनकी मध्यस्थता के कारण पिछले महीने भारत ने ऑपरेशन सिंदूर को रोका। मोदी ने कहा कि अमेरिकी उप-राष्ट्रपति जेडी वान्स ने उन्हें फोन जरूर किया था, मगर सीज़फायर का निर्णय भारत और पाकिस्तान की सेनाओं की आपसी बातचीत से हुआ।

अमेरिकी अधिकारियों से वार्ता के दौरान किसी मौके पर व्यापार का उल्लेख नहीं हुआ। मोदी ने ये खंडन सवा महीने बाद किया, जिस दौरान लगभग 15 बार ट्रंप मध्यस्थता कराने और इसके लिए ट्रेड का लालच दिखाने का जिक्र कर चुके थे। फिर भी जब मिसरी का वीडियो आया, तो समझा गया कि ट्रंप के दावों का सीधे खंडन करने के लिए मोदी उपयुक्त अवसर की तलाश में थे। उन्होंने ऐसा सीधे ट्रंप के मुंह पर करने का फैसला किया था। मगर यह समझ अभी गले उतरी ही थी कि ट्रंप फिर से पुराने दावों को लेकर सामने आ गए।

पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष असीम मुनीर के ह्वाइट हाउस पहुंचने से पहले पत्रकारों के सामने उन्होंने दोहराया कि ‘दो परमाणु शक्तियों के बीच उन्होंने लड़ाई रुकवाई, जिसमें पाकिस्तान की तरफ से मुनीर और भारत की तरफ से मोदी ने अहम भूमिका निभाई।’ तो अब क्या समझा जाए?

अगर ट्रंप झूठ बोल रहे हैं, तो मोदी को अविलंब उनके दावों का सार्वजनिक रूप से खंडन करते हुए उन्हें बेनकाब करना चाहिए। साथ ही भारत सरकार को इस संबंध में शब्द-दर-शब्द आधिकारिक विवरण जारी करना चाहिए कि मोदी एवं ट्रंप की फोन वार्ता में दोनों तरफ से क्या कहा गया। वरना, बुधवार को आए बयानों से इस प्रकरण में भ्रम और बढ़ गया है। चूंकि मामले का संबंध कश्मीर एवं पाक से रिश्तों में द्विपक्षीयता के भारतीय रुख से है, इसलिए ऐसे भ्रम की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ी जानी चाहिए।

By NI Editorial

The Nayaindia editorial desk offers a platform for thought-provoking opinions, featuring news and articles rooted in the unique perspectives of its authors.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *