इसके बाद बारी थी संयुक्त राष्ट्र संघ की। संयुक्त राष्ट्र संघ ने भारत की ओर से पाकिस्तान पर आतंकवाद के प्रश्रय देने के आरोपों को कमजोर करने या उसे खारिज करने के लिए आतंकवाद पर एक महत्वपूर्ण कमेटी की अध्यक्षता पाकिस्तान को सौंप दी है। एक अहम कमेटी का उपाध्यक्ष पाकिस्तान को बनाया गया है। सोचें, भारत जिस पाकिस्तान को आतंकवाद पालने पोसने और पूरी दुनिया में उसका निर्यात करने वाला बताता है उस पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र संघ ने दो अहम जिम्मेदारी सौंपी है। एक जिम्मेदारी तालिबान प्रतिबंध समिति के अध्यक्ष की है। पाकिस्तान वर्ष 2025 में तालिबान प्रतिबंध समिति की अध्यक्षता करेगा। यह कमेटी 1988 में बनी थी और इसका मकसद तालिबान की मदद करने वाले व्यक्तियों, संगठनों आदि पर प्रतिबंध लगाने के लिए है। इसके अलावा पाकिस्तान को आतंकवाद रोधी समिति का उपाध्यक्ष भी बनाया गया है।
जबकि भारत कह रहा है कि पाकिस्तान आतंकवादियों की सबसे सुरक्षित पनाहगाह है। लेकिन क्या दुनिया इस बात को सुना- माना? क्यों पाकिस्तान क संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ओर से आतंकवाद रोधी दो समितियों में से एक का अध्यक्ष और दूसरे का उपाध्यक्ष बनाया गया है? क्या यह भारत को चिढ़ाने या भारत की ओर से दुनिया में चलाए जा रहे नैरेटिव को कमजोर करने की कोई साजिश है? ऐसा कौन ‘विश्व गुरू’ भारत के साथ कर रहा है?
सूत्रों के हवाले से मीडिया में खबरें हैं कि भारत इस फैसले से बहुत अपसेट है। लेकिन उससे किसकी सेहत पऱ फर्क पड़ रहा है? भारत की विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने भी संयुक्त राष्ट्र संघ में पाकिस्तान को इतनी अहम जिम्मेदारी दिए जाने का विरोध किया है। लेकिन भारत के अलावा दुनिया के किसी भी दूसरे देश ने नहीं कहा है कि पाकिस्तान आतंकवाद को प्रश्रय देने वाला देश है इसलिए उसको ऐसी अहम कमेटियों का नेतृत्व नहीं देना चाहिए। हैरानी की बात है कि यह तब हुआ है, जब भारत के प्रतिनिधिमंडल दुनिया का दौरा कर रहे थे। भारत के 59 नेता, सांसद, राजदूत आदि दुनिया के 33 देशों के दौरे पर थे। एक प्रतिनिधिमंडल संयुक्त राष्ट्र संघ के पदाधिकारियों से भी मिला थाष भारत के सात डेलिगेशन दुनिया में घूम रहे थे।
ध्यान रहे आईएमएफ, वर्ल्ड बैंक, एडीबी और यूएनओ ये चारों संस्थाएं वही करती हैं, जो अमेरिका कहता है। अमेरिका चाहता तो पाकिस्तान को कोई कर्ज नहीं मिलता। लेकिन अमेरिका ने उसके रास्ते की सारी बाधा हटाई। यहां तक कि खुद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान को विदेशी फंड देने पर लगाई गई रोक से छूट देते हुए 396 मिलियन यानी करीब साढ़े तीन हजार करोड़ रुपए का सिक्योरिटी असिस्टेंस जारी कर दिया है। अपने पिछले कार्यकाल में ट्रंप ने पाकिस्तान को मिलने वाली सारी मदद रोक दी थी। इतना ही नहीं ट्रंप ने दुनिया के 12 देशों पर यात्रा प्रतिबंध लगाया है और सात देशों को वीजा देने के नियम सख्त किए लेकिन पाकिस्तान को इस सूची से बाहर रखा।