Tuesday

29-07-2025 Vol 19

महाशक्तियां पाकिस्तान के साथ!

1170 Views

पहलगाम में 26 बेकसूर लोगों के मारे जाने की निंदा और आलोचना सबने की, पाकिस्तान ने भी की। लेकिन दुनिया के किसी देश ने पाकिस्तान का नाम लेकर उसको कठघरे में खड़ा नहीं किया। उलटे इस भयावह हमले के बाद अलग थलग होने की जगह पाकिस्तान के सभी देश मददगार हो गए। चीन से लेकर अमेरिका और रूस तक ने पाकिस्तान को अलग थलग होने से बचाया। तुर्किए ने खुल कर मदद की तो कुवैत ने भी पाकिस्तान को राहत दी है। सोचें, कुवैत ने पिछले 19 साल से पाकिस्तान के नागरिकों को वीजा देना बंद कर रखा था। लेकिन भारत के साथ सैन्य संघर्ष के बाद पिछले महीने 28 मई को कुवैत ने पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीजा आवेदन फिर से खोल दिया।

इसी तरह भारत के साथ सैन्य टकराव के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री चीन के दौरे पर गए तो बड़ा तोहफा लेकर लौटे। चीन ने जून के अंत तक पाकिस्तान को 3.7 अरब डॉलर का कर्ज देने का वादा किया है। पाकिस्तान इसमें से 2.4 अरब डॉलर का इस्तेमाल चीन के मैच्योर हो रहे कर्ज को वापस करने में करेगा। सोचें, चीन को पता है कि पाकिस्तान कर्ज नहीं लौटा सकता है तो उसने उसे कर्ज लौटाने के लिए 2.4 अरब डॉलर देने का फैसला किया और उसके बाद 1.3 अरब डॉलर का अलग से कर्ज दिया ताकि वह हथियार खरीद कर अपनी सेना को मजबूत करे।

हैरानी की बात यह है कि पहलगाम कांड के बाद भारत के प्रति सद्भाव दिखा रहा अफगानिस्तान भी चीन के साथ खड़ा हो गया है। पिछले दिनों अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी से भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर की बात हुई और उसके तुरंत बाद मुत्ताकी चीन पहुंच गए, जहां उन्होंने चीन की महत्वाकांक्षी परियोजना चीन पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर का विस्तार अफगानिस्तान तक करने का करार किया। चीन, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के विदेश मंत्रियों की एक साथ तस्वीर जारी हुई।

खबर तो रूस के भी पाकिस्तान के साथ एक बड़ा करार करने की आई थी लेकिन भारत की सरकारी मीडिया ने रूस के किसी सूत्र के हवाले से इसका खंडन किया है।

जापानी मीडिया निक्केई एशिया ने एक रिपोर्ट में कहा था कि पाकिस्तान में स्थित सोवियत संघ के जमाने की एक स्टील फैक्टरी को फिर से शुरू करने के लिए रूस और पाकिस्तान के बीच 2.6 अरब डॉलर का एक करार हुआ है। अभी तक सूत्रों के हवाले से इसका खंडन है। कहा जा रहा है कि रूस ऐसा कोई करार नहीं करेगा, जिससे भारत के सामरिक हितों को नुकसान हो। हालांकि रूस की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। उलटे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने डेढ़ घंटे की बातचीत के बाद इस बात की पुतिन प्रशासन ने पुष्टि की है कि ट्रंप ने निजी तौर पर दखल देकर भारत और पाकिस्तान का संघर्ष रूकवाया था।

हरिशंकर व्यास

मौलिक चिंतक-बेबाक लेखक और पत्रकार। नया इंडिया समाचारपत्र के संस्थापक-संपादक। सन् 1976 से लगातार सक्रिय और बहुप्रयोगी संपादक। ‘जनसत्ता’ में संपादन-लेखन के वक्त 1983 में शुरू किया राजनैतिक खुलासे का ‘गपशप’ कॉलम ‘जनसत्ता’, ‘पंजाब केसरी’, ‘द पॉयनियर’ आदि से ‘नया इंडिया’ तक का सफर करते हुए अब चालीस वर्षों से अधिक का है। नई सदी के पहले दशक में ईटीवी चैनल पर ‘सेंट्रल हॉल’ प्रोग्राम की प्रस्तुति। सप्ताह में पांच दिन नियमित प्रसारित। प्रोग्राम कोई नौ वर्ष चला! आजाद भारत के 14 में से 11 प्रधानमंत्रियों की सरकारों की बारीकी-बेबाकी से पडताल व विश्लेषण में वह सिद्धहस्तता जो देश की अन्य भाषाओं के पत्रकारों सुधी अंग्रेजीदा संपादकों-विचारकों में भी लोकप्रिय और पठनीय। जैसे कि लेखक-संपादक अरूण शौरी की अंग्रेजी में हरिशंकर व्यास के लेखन पर जाहिर यह भावाव्यक्ति -

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *