Thursday

22-05-2025 Vol 19

hindenburg report

संसदीय समिति के सामने नहीं पेश हुईं सेबी चीफ

शेयर बाजार की नियामक एजेंसी सेबी की प्रमुख माधवी पुरी बुच गुरुवार, 24 अक्टूबर को संसद की लोक लेखा समिति यानी पीएसी के सामने नहीं पेश हुईं।

लोकपाल की ऐसी दुर्दशा!

आधुनिक भारत में जो जन आंदोलन हुए हैं उनमें एक सबसे महत्वपूर्ण आंदोलन लोकपाल की स्थापना के लिए था।

सेबी प्रमुख का पहले खुलाना क्यों नहीं?

इस फंड में गौतम अडानी के भाई विनोद अडानी का निवेश था और इसके पैसे का इस्तेमाल कथित तौर पर भारतीय शेयर बाजार में उतार चढ़ाव लाने के लिए...

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को बाजार ने किया खारिज

भारतीय शेयर बाजार में सोमवार का दिन उतार-चढ़ाव भरा रहा। सेंसेक्स 57 अंक की मामूली गिरावट के साथ 79,648 और निफ्टी 20 अंक की हल्की मंदी के साथ 24,347...

ब्रह्म-वाक्य का प्रश्न नहीं

प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि ये रिपोर्टें ब्रह्म-वाक्य नहीं हैं।

सदन में आरोप लगाने से नहीं रोक सकते!

हिंडनबर्ग रिपोर्ट संसद में अपने भाषण में राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे अडानी समूह का उल्लेख करते हुए सरकार एवं प्रधानमंत्री को कठघरे में खड़ा करने का प्रयास किया...

सन् 1723 में जगत सेठ और 2023 में इंडिया इज अदानी!

जगत सेठ की संपदा ब्रितानी आर्थिकी से ज्यादा थी तो सन् 2023 के गौतम अदानी भी दुनिया के तीसरी बड़े खरबपति का रिकॉर्ड लिए हैं।

अडानी विवादः कमल पर कीचड़

अडानी समूह के तथाकथित भांडाफोड़ पर हमारी संसद का पूरा पिछला हफ्ता खप गया लेकिन अभी तक देश के लोगों को सारे घपले के बारे में कुछ भी ठोस...

कुछ तो है जिस की पर्दा-दारी है !

अदानी विवाद-केंद्र सरकार की एजेंसियों को जाँच जरूर करनी चाहिए ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए।

हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई

गौतम अदानी समूह की कंपनियों की कथित गड़बड़ियों को उजागर करने वाली हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई होगी।

अदानी को बचाना मजबूरी है!

हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद गौतम अदानी की कंपनी ने अपनी सफाई में जो कुछ कहा वह इस बात का संकेत था कि आगे यह कहानी क्या...

बात अडानी तक नहीं

बीते 24 जनवरी को हिंडनबर्ग रिसर्च की तरफ अडानी ग्रुप के बारे में रिपोर्ट जारी करने से मची उथल-पुथल अब सिर्फ इसी उद्योग समूह का संकट नहीं रह गई...

मोदी-शाह समझें, अदानी से छुड़ाएं पिंड, अब और न पालें!

मोदी को भी अपना भरोसा खूटे पर टांग कर अदानी ग्रुप की पड़ताल वैसे ही करानी चाहिए जैसे विजय माल्या, नीरव मोदी, मेहुल चौकसी आदि की हुई है। 

वित्त मंत्री और सचिव ने दी सफाई

निवेशकों का विश्‍वास बना रहेगा। कंपनियां अपनी ताकतों और कमजोरियों के चलते उठती और गिरती रहती हैं।

मोदी के सपने तार-तार

विशालकाय हाथी, मतलब दुनिया का नंबर दो अमीर अदानी! और हाथी की पीठ के हौदे पर बैठे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी!

अदानी को बचाने कौन आया?

सवाल है गौतम अदानी की कंपनी का एफबीओ सब्सक्राइव नहीं हो रहा था तब कौन उनको बचाने आया?

अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से ज्यादा दिक्कत

आमतौर पर जब कोई बड़ा वित्तीय घोटाला खुलता है तो सरकार की कानून प्रवर्तन एजेंसियां सक्रिय हो जाती हैं और जांच शुरू होती है।

पूंजी में ठगी के बाद कमाई के लिए लूट होगी

दुनिया का मीडिया लिख रहा है कि हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट से दुनिया का सबसे बड़ा घोटाला खुला है।

बुलबुले हैं, तो फूटेंगे ही!

हिंडनबर्ग रिसर्च ने गौतम अडानी को की कंपनी पर गंभीर आरोप लगा दिए। इससे विश्वास का संकट खड़ा हुआ और अडानी ग्रुप गहरे संकट में फंस गया है।

अदानी को बचाने या तो आज सरकार उढेलेगी पैसा या…..

आज या तो मोदी सरकार अपने बैंकों तथा एलआईसी से अदानी ग्रुप के शेयरों की अंधाधुंध खरीद करवाएगी या बैंकों-एलआईसी की बरबादी रोकने के लिए उन्हें अदानी के शेयरों...

अदानी ने गंवाए 4.20 लाख करोड़!

हिंडनबर्गरिपोर्ट के बाद अदानी समूह शेयर बाजार में लुढका।एसबीआई व आईसीआईसीआई के शेयरों में भी गिरावट।

यदि अदानी सच्चे हैं तो अमेरिकी कोर्ट में हिंडनबर्ग पर मुकदमा करें!

भारत की गरिमा व उसके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की साख दांव पर है तो खुद गौतम अदानी का वैश्विक खरबपति होने का रूतबा भी दांव पर है!

चमका रहेगा चांदी का अदानी जूता!

क्या हिंडनबर्ग रिसर्च से अदानी ग्रुप के बाजे बजेंगे? कतई नहीं। इसलिए क्योंकि पहली बात भारत लूटने के लिए है।

क्या जवाब देंगे अदानी?

दुनिया की प्रतिष्ठित रिसर्च संस्था की ओर से लगाए गए आरोपों का बिंदुवार जवाब दें।

धन शोधन और वित्तीय गड़बड़ी के आरोप गंभीर

शेयर बाजार में अपनी कंपनियों के शेयरों के भाव बढ़ाने के लिए जोड़-तोड़ करने के आरोप न अदानी समूह पर नए हैं और न ऐसा है कि यह पहली...

भारतीय एजेंसियां कुछ नहीं करेंगी!

लाख टके का सवाल है कि हिंडनबर्ग रिसर्च में हुए खुलासे के बाद भारत की एजेंसियां क्या करेंगी? मेरा मानना है कुछ नही।