ब्रह्म-वाक्य का प्रश्न नहीं
निश्चित रूप से मीडिया जो कहता है या जो भंडाफोड़ करता है, वो ब्रह्म-वाक्य नहीं होते, जिन्हें हर हाल में स्वीकार कर लिया जाए। लेकिन उससे जो संदेह पैदा होता है, उससे संबंधित प्रकरण की निष्पक्ष और प्रभावी जांच के सूत्र अवश्य मिलते हैँ। अडानी समूह से संबंधित हिंडनबर्ग और मीडियाकर्मियों के समूह ऑर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (ओसीसीआरपी) की रिपोर्टों के बारे में प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि ये रिपोर्टें ब्रह्म-वाक्य नहीं हैं। ना ही किसी विदेशी वित्तीय अखबार में छपी रिपोर्ट ऐसा सच है, जिसे भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) को अनिवार्य रूप से...