Lok Sabha elections 2024

  • आज लोकसभा चुनाव की घोषणा

    नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 और चार राज्यों के विधानसभा चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा शनिवार को होगी। चुनाव आयोग शनिवार को दोपहर बाद तीन बजे चुनावों की घोषणा के लिए प्रेस कांफ्रेंस करेगा। आम चुनावों की घोषणा के लिए चुनाव आयोग 16 मार्च को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में प्रेस कांफ्रेंस करेगा। lok sabha elections 2024 इसे चुनाव आयोग के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लाइव स्ट्रीम भी किया जाएगा। पांच साल पहले 2019 में लोकसभा चुनावों की घोषणा 10 मार्च को हुई थी और 12 अप्रैल को पहले चरण का मतदान हुआ था। इस बार चुनाव की घोषणा...

  • आप ने पांच उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया

    नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी से समझौता होने के बाद आम आदमी पार्टी ने लोकसभा के पांच उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। पार्टी ने दिल्ली की चार और हरियाणा की एक सीट के लिए उम्मीदवार घोषित किया है। आम आदमी पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति यानी पीएसी की बैठक के बाद उम्मीदवारों की घोषणा हुई है। आप ने नई दिल्ली से सोमनाथ भारती, दक्षिण दिल्ली से सहीराम पहलवान, पश्चिम दिल्ली से महाबल मिश्रा और पूर्वी दिल्ली से कुलदीप कुमार के नाम की घोषणा की है। समझौते के तहत मिली हरियाणा की कुरुक्षेत्र सीट से पूर्व राज्यसभा सांसद सुशील गुप्ता...

  • ‘आएगा तो मोदी ही, आएगा तो मोदी ही’

    मुझे नहीं मालूम कि नरेंद्र भाई ही आएंगे या नहीं। लेकिन मुझे इतना मालूम है कि अगर वे आएंगे तो हमारे देश का, हमारे समाज का, क्या-क्या जाएगा और अगर वे जाएंगे तो क्या-क्या आएगा। भाजपा का आना अलग बात है। नरेंद्र भाई का आना अलग बात। नरेंद्र भाई के आने को भाजपा का आना समझने वाले मासूम हैं। भाजपा तो अब तब आएगी, जब नरेंद्र भाई जाएंगे। जो यह समझ लेंगे, देश पर उपकार करेंगे। pm narendra Modi ‘आएगा तो मोदी ही, आएगा तो मोदी ही’ की रट जैसे-जैसे नरेंद्र भाई मोदी (pm narendra Modi) ख़ुद ही ज़ोर-ज़ोर से...

  • 400-400 ही क्यों, 500 क्यों नहीं?

    कहावत है थोथा चना, बाजे घना! और यह बात जनसंघ-भाजपा की राजनीति पर शुरू से लागू है। मेरी याद्दाश्त में यूपी में जनसंघ द्वारा अटल बिहारी वाजपेयी को मुख्यमंत्री बनाने का हल्ला करके विधानसभा चुनाव जीतने की हवाबाजी से लेकर 2004 में शाइनिंग इंडिया और अब विकसित भारत से 400 सीट का शोर इस बात का प्रमाण है कि ढोलबाजी में भाजपा का जवाब नहीं है। Lok Sabha Elections 2024 पिछले सप्ताह भाजपा का राष्ट्रीय अधिवेशन हुआ। और भाजपा के प्रतिनिधियों ने पार्टी की दशा पर नहीं सोचा। बूझा नहीं कि पार्टी किस तरह कांग्रेसियों, दलबदलुओं, सत्तालोलुपों से भरती हुई...

  • विपक्ष भले मरा हो पर वोट ज्यादा!

    भारत के लोकतंत्र का अभूतपूर्व तथ्य है जो 1952 से अभी तक के लोकसभा चुनावों में कभी भी, किसी भी सत्तारूढ़ पार्टी को 50 प्रतिशत पार वोट नहीं मिले। पचास प्रतिशत करीब के 48 प्रतिशत वोट का रिकॉर्ड केवल राजीव गांधी के 1984 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का है। तब कांग्रेस को 48 प्रतिशत वोट और 415 सीटें मिली थी। इंदिरा गांधी की हत्या पर जन सहानुभूति में 64 प्रतिशत मतदान था। और कांग्रेस को 48 प्रतिशत वोटों वाला जनादेश। जबकि मालूम है नरेंद्र मोदी के 2014 तथा 2019 के चुनाव में भाजपा को कुल कितना वोट मिला? सन्...

  • बिहार, झारखंड में कांटे की लड़ाई

    भारत के लोकतंत्र का अभूतपूर्व तथ्य है जो 1952 से अभी तक के लोकसभा चुनावों में कभी भी, किसी भी सत्तारूढ़ पार्टी को 50 प्रतिशत पार वोट नहीं मिले। पचास प्रतिशत करीब के 48 प्रतिशत वोट का रिकॉर्ड केवल राजीव गांधी के 1984 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का है। तब कांग्रेस को 48 प्रतिशत वोट और 415 सीटें मिली थी। इंदिरा गांधी की हत्या पर जन सहानुभूति में 64 प्रतिशत मतदान था। और कांग्रेस को 48 प्रतिशत वोटों वाला जनादेश। जबकि मालूम है नरेंद्र मोदी के 2014 तथा 2019 के चुनाव में भाजपा को कुल कितना वोट मिला? सन्...

  • विपक्ष के गढ़ में क्या खिलेगा कमल?

    भारत के लोकतंत्र का अभूतपूर्व तथ्य है जो 1952 से अभी तक के लोकसभा चुनावों में कभी भी, किसी भी सत्तारूढ़ पार्टी को 50 प्रतिशत पार वोट नहीं मिले। पचास प्रतिशत करीब के 48 प्रतिशत वोट का रिकॉर्ड केवल राजीव गांधी के 1984 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का है। तब कांग्रेस को 48 प्रतिशत वोट और 415 सीटें मिली थी। इंदिरा गांधी की हत्या पर जन सहानुभूति में 64 प्रतिशत मतदान था। और कांग्रेस को 48 प्रतिशत वोटों वाला जनादेश। जबकि मालूम है नरेंद्र मोदी के 2014 तथा 2019 के चुनाव में भाजपा को कुल कितना वोट मिला? सन्...

  • महाराष्ट्र, कर्नाटक, बंगाल पर दारोमदार

    भारत के लोकतंत्र का अभूतपूर्व तथ्य है जो 1952 से अभी तक के लोकसभा चुनावों में कभी भी, किसी भी सत्तारूढ़ पार्टी को 50 प्रतिशत पार वोट नहीं मिले। पचास प्रतिशत करीब के 48 प्रतिशत वोट का रिकॉर्ड केवल राजीव गांधी के 1984 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का है। तब कांग्रेस को 48 प्रतिशत वोट और 415 सीटें मिली थी। इंदिरा गांधी की हत्या पर जन सहानुभूति में 64 प्रतिशत मतदान था। और कांग्रेस को 48 प्रतिशत वोटों वाला जनादेश। जबकि मालूम है नरेंद्र मोदी के 2014 तथा 2019 के चुनाव में भाजपा को कुल कितना वोट मिला? सन्...

  • लोकसभा चुनाव की इस साल रिहर्सल!

    भारत के लोकतंत्र का अभूतपूर्व तथ्य है जो 1952 से अभी तक के लोकसभा चुनावों में कभी भी, किसी भी सत्तारूढ़ पार्टी को 50 प्रतिशत पार वोट नहीं मिले। पचास प्रतिशत करीब के 48 प्रतिशत वोट का रिकॉर्ड केवल राजीव गांधी के 1984 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का है। तब कांग्रेस को 48 प्रतिशत वोट और 415 सीटें मिली थी। इंदिरा गांधी की हत्या पर जन सहानुभूति में 64 प्रतिशत मतदान था। और कांग्रेस को 48 प्रतिशत वोटों वाला जनादेश। जबकि मालूम है नरेंद्र मोदी के 2014 तथा 2019 के चुनाव में भाजपा को कुल कितना वोट मिला? सन्...

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