एआई से मोदी के लौह नेतृत्व का जयकारा
दूसरा मुद्दा नरेंद्र मोदी के मजबूत और निर्णायक नेतृत्व का होगा। वैसे भी देश में यह नैरेटिव बनाया जा चुका है कि मोदी नहीं तो कौन? क्या फलां को बना दें, जो पप्पू है या फलां को बना दे, जो भ्रष्ट है? या फलां को बना दे, जो परिवारवादी है? इन सवालों से मोदी के नेतृत्व को सबसे ऊपर स्थापित किया गया है। उनकी विश्वगुरू की छवि बनाई गई है। इस महीने अमेरिका की उनकी यात्रा से उनके विश्वगुरू होने का जो प्रचार होगा वह किसी न किसी रूप में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव तक चलता रहेगा। प्रधानमंत्री...