pm narendra modi

  • एआई से मोदी के लौह नेतृत्व का जयकारा

    दूसरा मुद्दा नरेंद्र मोदी के मजबूत और निर्णायक नेतृत्व का होगा। वैसे भी देश में यह नैरेटिव बनाया जा चुका है कि मोदी नहीं तो कौन? क्या फलां को बना दें, जो पप्पू है या फलां को बना दे, जो भ्रष्ट है? या फलां को बना दे, जो परिवारवादी है? इन सवालों से मोदी के नेतृत्व को सबसे ऊपर स्थापित किया गया है। उनकी विश्वगुरू की छवि बनाई गई है। इस महीने अमेरिका की उनकी यात्रा से उनके विश्वगुरू होने का जो प्रचार होगा वह किसी न किसी रूप में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव तक चलता रहेगा। प्रधानमंत्री...

  • मोदी की ‘दुकान’ में अमृतपाल का अर्थ?

    हम हिंदू क्या हैं? जवाब हाल में लुटियन दिल्ली में मिला! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कोई 1978 से दिल्ली में मीडिया की ‘दुकान’ लगाए हुए ‘इंडिया टुडे’ ग्रुप के मालिक अरूण पुरी की जुबानी जवाब ज्ञात हुआ। मौका था ‘इंडिया टुडे’ कॉन्क्लेव का। भारत गोष्ठी! श्रोता कौन थे? लुटियन दिल्ली मतलब भारत पर राज करने वाले कथित बुद्धिमान, मंत्री, आला अफसरों का वह प्रभु वर्ग जो 140 करोड़ लोगों की भारत राष्ट्र नाम की ‘दुकान’ के माईबाप मालिक हैं। और ईमानदारी से बताऊं पत्रकार अनुभव के साढ़े चार दशक के मेरे अनुभव में वह शर्मनाक क्षण था, मैं शर्म से...

  • नरेंद्र भाई के सौ अपकर्म और एक सत्कर्म

    एक बात के लिए तो नरेंद्र भाई को दाद भी देनी पड़ेगी कि उन्होंने भाजपा में परिवारवाद का तक़रीबन अंतिम संस्कार कर दिया है। 2024 आते-आते वे भाजपा में परिवारवाद के बचे-खुचे टीलों को भी ध्वस्त कर डालेंगे। भले ही वे ऐसा इसलिए कर पाए हों कि उनका ख़ुद का परिवार है नहीं और अपने भाई-बहन के परिवारों में भी उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है, मगर किसी राजनीतिक दल को पारिवारिक विरासत की कुरीति से मुक्ति दिलाने का काम ख़ुशनुमा वादियों की सैर नहीं है। भारत में ऐसा कौन-सा राजनीतिक दल है, जो गले-गले तक नही तो टखनों-टखनों तक परिवारवाद...