भोपाल। लोकसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है प्रदेश में चार चरणों में 29 लोकसभा क्षेत्र के चुनाव होंगे भाजपा के सभी प्रत्याशी घोषित हो चुके हैं। कांग्रेस में अब तक 10 प्रत्याशी घोषित किए हैं। शेष 19 प्रत्याशियों की घोषणा के पहले पार्टी दमदार उम्मीदवारों की तलाश में पूरा दम लगा रही है।
दरअसल, बड़ी उम्मीद के साथ कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव लड़ा था उनके दावे थे सरकार बनाने के लेकिन प्रदेश में पार्टी की करारी हार हो गई और उसके बाद भोपाल से लेकर दिल्ली तक हार के कारणों की समीक्षा हुई। Lok Sabha election 2024
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प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ की जगह जीतू पटवारी बनाए गए। उमंग सिंगार नेता प्रतिपक्ष बनाए गए और उसके बाद से पार्टी हार से उभरने की कोशिश कर रही है। पार्टी आंदोलन धरना प्रदर्शन करने की बजाय कमरा बंद बैठके कर रही हैं और बयानों के माध्यम से भाजपा पर हमला कर रही है। पहले चरण में ही मध्यप्रदेश में मैं चुनाव की शुरुआत हो जाएगी और चौथे चरण में प्रदेश की सभी उनकी सीटों पर मतदान भी हो जाएगा। Lok Sabha election 2024
पहले चरण में सीधी, शहडोल, जबलपुर, मंडला, बालाघाट और छिंदवाड़ा लोकसभा सीटों के चुनाव होना है जिसके लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की आखिरी तिथि 27 मार्च है। शायद इसी कारण कांग्रेस में प्रत्याशी चयन को लेकर भारी दबाव है क्योंकि भाजपा से मुकाबला करने के लिए उसे व्यक्तिगत तौर पर सक्षम प्रत्याशी चाहिए। इसी कारण दिग्गज नेताओं को मैदान में उतरने की रणनीति अभी भी बन रही है। Lok Sabha election 2024
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बहरहाल, कांग्रेस ने भोपाल और दिल्ली के बीच प्रत्याशियों को लेकर जो मंथन किया है उसे एक बार फिर दिग्गज नेताओं के मैदान में उतारने के आसार बढ़ गए हैं। यहां तक कि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ को भोपाल या जबलपुर लोकसभा सीट से लड़ाया जा सकता है। वहीं दिग्विजय सिंह को राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र से और अरुण यादव को गुना संसदीय क्षेत्र से प्रत्याशी बनाया जा सकता है। पार्टी के पास इंदौर में सक्षम प्रत्याशी का अभाव है। ग्वालियर में भी अभी पार्टी मंथन की प्रक्रिया में है।
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पार्टी ने पहली सूची में भी विधायकों को मैदान में उतारा था और दूसरी सूची में भी विधायकों को मैदान में उतार सकती है। यदि कमलनाथ जबलपुर से नहीं लड़ते तो फिर लखन घनघोरिया या पर पूर्व विधायक तरुण भनोट या आशुतोष राणा को प्रत्याशी बन सकती है। दमोह लोकसभा सीट पर पूर्व मंत्री हर्ष यादव का नाम तेजी से उभर कर आया है। भोपाल संसदीय सीट पर अरुण श्रीवास्तव मजबूत प्रत्याशी माने जा रहे हैं। विदिशा और सागर लोकसभा सीट पर सर्वसम्मति बनाने के प्रयास किया जा रहे हैं उज्जैन में महेश परमार मजबूत प्रत्याशी माने जा रहे हैं।
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कुल मिलाकर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए बेहतर प्रत्याशियों की तलाश में जुटी कांग्रेस अब तक 19 सीटों पर प्रत्याशी तय नहीं कर पाई है। अभी भी पार्टी का पूरा प्रयास दमदार दिग्गज प्रत्याशियों को मैदान में उतारने का है जिससे कि वह भाजपा से कड़ा मुकाबला कर सके क्योंकि भाजपा के सभी 29 प्रत्याशी घोषित हो चुके हैं। अधिकांश जगह चुनाव कार्यालय खुल चुके हैं और प्रत्याशियों का जन संपर्क भी शुरू हो गया है।